लेखक : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
- 1. होम्योपैथी की औषधियों का परीक्षण चूहे, खरगोश, मेंढक आदि जानवरों पर नहीं किया जाता है।
- 2 .होम्योपैथी की औषधियों का परीक्षण इंसानों पर किया जाता। इंसानी परीक्षणों के दौरान, प्रत्येक औषधि के भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक प्रभावों को नोट किया जाता है।
- 3. होम्योपैथी की औषधियां किसी रोग विशेष के लिये नहीं खोजी गयी हैं।
- 4. होम्योपैथी की औषधियों का चयन प्रत्येक रोगी के सम्पूर्ण लक्षणों को जानकर, उनके अनुसार ही उपचार किया जाता है।
- 5. किसी भी होम्योपैथ के लिये दवाई का चयन करने से पूर्व, रोगी का सम्पूर्णता से परीक्षण करना अनिवार्य होता है।
- 6. बीमार व्यक्ति के, भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक (Emotional, mental and physical) लक्षणों को जानना बहुत जरूरी ही नहीं, बल्कि अपरिहार्य होता है।
- 7. आम बोलचाल मे ऐसा कहा जाता है, कि होम्योपैथी रोगी के लिये आसान है, लेकिन होम्योपैथ के लिये कठिन चुनौती है।
- 8. होम्योपैथी की निरापद औषधियों के आरोग्यकारी परिणाओं को देखते हुए, हम होम्योपैथ लोग, होम्योपैथी के प्रति गहरा अनुराग और असीम श्रद्धा रखते हैं।
- 9. वर्तमान में, इस बात की जरूरत है कि आम लोग और
- विशेषकर बीमार व्यक्ति, बीमार व्यक्ति की देखभाल करने वाले लोग और रोगी के परिजन भी होम्योपैथी के प्राथमिक सिद्धान्तों को जानें और समझें।
- 10. क्योंकि होम्योपैथी से अनेक लाइलाज बीमारियों का भी उपचार सम्भव है।
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