एक छुहारा (छुआरा) लाख दवा रे
"अगर आप पतले हैं और थोड़ा मोटा होना चाहते हैं तो छुहारा आपके लिए वरदान साबित हो सकता है, लेकिन अगर मोटे हैं तो इसका सेवन सावधानीपूर्वक करें।"
छुहारा और खजूर एक ही पेड़ की देन है। इन दोनों की तासीर गर्म होती है और ये दोनों शरीर को स्वस्थ रखने, मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गर्म तासीर होने के कारण सर्दियों में तो इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है।
जानते हैं-छुहारा और खजूर के फायदों के बारे में-
छुहारा खुश्क फलों में गिना जाता है, जिसके प्रयोग से शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है। शरीर को शक्ति देने के लिए मेवों के साथ छुहारे का प्रयोग खासतौर पर किया जाता है। छुहारा यानी सूखा हुआ खजूर आमाशय को बल प्रदान करता है। छुहारे की तासीर गर्म होने से ठंड के दिनों में इसका सेवन नाड़ी के दर्द में भी आराम देता है। खजूर के सेवन से दमे के रोगियों के फेफड़ों से बलगम आसानी से निकल जाता है। छुहारे व खजूर दिल को शक्ति प्रदान करते हैं। यह शरीर में रक्त वृद्धि करते हैं। लकवा और सीने के दर्द की शिकायत को दूर करने में भी खजूर सहायता करता है। छुहारे को पानी में भिगो दें। गल जाने पर इन्हें हाथ से मसल दें। इस पानी का कुछ दिन प्रयोग करें, शारीरिक जलन दूर होगी।
पौष्टिक : खजूर में छुहारे से ज्यादा पौष्टिकता होती है। खजूर मिलता भी सर्दी में ही है। अगर पाचन शक्ति अच्छी हो तो खजूर खाना ज्यादा फायदेमंद है। छुहारे का सेवन तो सालभर किया जा सकता है, क्योंकि यह सूखा फल बाजार में सालभर मिलता है। भूख बढ़ाने के लिए छुहारे का गूदा निकाल कर दूध में पकाएं। उसे थोड़ी देर पकने के बाद ठंडा करके पीस लें। यह दूध बहुत पौष्टिक होता है। इससे भूख बढ़ती है और खाना भी पच जाता है।
घाव : घाव है तो छुहारे की गुठली को पानी के साथ पत्थर पर घिस कर उसका लेप घाव पर लगाएं, घाव तुरंत भर जाएगा।
शीघ्रपतन : अगर शीघ्रपतन की समस्या से परेशान हैं तो तीन महीने तक छुहारे का सेवन आपको समस्या से मुक्ति दिला देगा। इसके लिए प्रात: खाली पेट दो छुहारे टोपी समेत दो सप्ताह तक खूब चबा-चबाकर खाएं। तीसरे सप्ताह में तीन छुहारे खाएं और चौथे सप्ताह से 12वें सप्ताह तक चार-चार छुहारों का रोज सेवन करें। इस समस्या से मुक्ति मिल जाएगी
साइटिका : साइटिका रोग से पीड़ित लोगों को इससे विशेष लाभ होता है।
प्रदर : प्रदर रोग स्त्रियों की बड़ी बीमारी है। छुआरे की गुठलियों को कूट कर घी में तल कर, गोपी चन्दन के साथ खाने से प्रदर रोग दूर हो जाता है।
सर्दी-जुकाम : जुकाम से परेशान रहते हैं तो एक गिलास दूध में पांच दाने खजूर डालें। पांच दाने काली मिर्च, एक दाना इलायची और उसे अच्छी तरह उबाल कर उसमें एक चम्मच घी डाल कर रात में पी लें। सर्दी-जुकाम बिल्कुल ठीक हो जाएगा।
दमा : दमा की शिकायत है तो दो-दो छुहारे सुबह-शाम चबा-चबा कर खाएं। इससे कफ व सर्दी से मुक्ति मिलती है।
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jankari lajawaab bahot hi achhi lagi danywaad
ReplyDeleteआपका आभार!
DeleteDhanyavaad
ReplyDeleteआपका आभार!
Deleteउत्तम लेख है, लाभकारी भी है ..
ReplyDeleteधन्यवाद
आपका आभार!
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ReplyDeleteसुन्दर पोस्ट, खाने की रुचि के बारे में...
इन्हीं विषयों पर यह ब्लॉग चटकारा (Chatkara) भी देखें.
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