सोरियासिस एक प्रकार का चर्म रोग है जिसमें त्वचा में सेल्स की तादाद बढने लगती है।चमडी मोटी होने लगती है और उस पर खुरंड और पपडियां उत्पन्न हो जाती हैं।इस रोग के भयानक रुप में पूरा शरीर मोटी लाल रंग की पपडीदार चमडी से ढक जाता है।यह रोग अधिकतर केहुनी,घुटनों और खोपडी पर होता है।
चिकित्सा विग्यानियों को अभी तक इस रोग की असली वजह का पता नहीं चला है। फ़िर भी अनुमान लगाया जाता है कि शरीर के इम्युन सिस्टम में व्यवधान आ जाने से यह रोग जन्म लेता है।इम्युन सिस्टम का मतलब शरीर की रोगों से लडने की प्रतिरक्छा प्रणाली से है। यह रोग आनुवांशिक भी होता है जो पीढी दर पीढी चलता रहता है।इस रोग का विस्तार सारी दुनिया में है। सर्दी के दिनों में इस रोग का उग्र रूप देखा जाता है। कुछ रोगी बताते हैं कि गर्मी के मौसम में और धूप से उनको राहत मिलती है। एलोपेथिक चिकित्सा मे यह रोग लाईलाज माना गया है। उनके मतानुसार यह रोग सारे जीवन भुगतना पडता है।लेकिन कुछ कुदरती चीजें हैं जो इस रोग को काबू में रखती हैं और रोगी को सुकून मिलता है। मैं आपको एसे ही नुस्खों के बारे मे जानकारी दे रहा हूं---
१) बादाम १० नग का पावडर बनाले। इसे पानी में उबालें। यह दवा सोरियासिस रोग की जगह पर लगावें। रात भर लगी रहने के बाद सुबह मे पानी से धो डालें। यह नुस्खा अच्छे परिणाम प्रदर्शित करता है।
२) एक चम्मच चंदन का पावडर लें।इसे आधा लिटर में पानी मे उबालें। तीसरा हिस्सा रहने पर उतारलें। अब इसमें थोडा गुलाब जल और शकर मिला दें। यह दवा दिन में ३ बार पियें।बहुत कारगर उपाय है।
३) पत्ता गोभी सोरियासिस में अच्छा प्रभाव दिखाता है। उपर का पत्ता लें। इसे पानी से धोलें।हथेली से दबाकर सपाट कर लें।इसे थोडा सा गरम करके प्रभावित हिस्से पर रखकर उपर सूती कपडा लपेट दें। यह उपचार लम्बे समय तक दिन में दो बार करने से जबर्दस्त फ़ायदा होता है।
४) पत्ता गोभी का सूप सुबह शाम पीने से सोरियासिस में लाभ होते देखा गया है।प्रयोग करने योग्य है।
५) नींबू के रस में थोडा पानी मिलाकर रोग स्थल पर लगाने से सुकून मिलता है।
६)शिकाकाई पानी मे उबालकर रोग के धब्बों पर लगाने से नियंत्रण होता है।
७) केले का पत्ता प्रभावित जगह पर रखें। ऊपर कपडा लपेटें। फ़ायदा होगा।
८) कुछ चिकित्सक जडी-बूटी की दवा में steroids मिलाकर ईलाज करते हैं जिससे रोग शीघ्रता से ठीक होता प्रतीत होता है। लेकिन ईलाज बंद करने पर रोग पुन: भयानक रूप में प्रकट हो जाता है।
९)इस रोग को ठीक करने के लिये जीवन शैली में बदलाव करना जरूरी है। सर्दी के दिनों में ३ लीटर और गर्मी के मौसम मे ५ से ६ लीटर पानी पीने की आदत बनावें। इससे विजातीय पदार्थ शरीर से बाहर निकलेंगे।
10) धूम्रपान करना और अधिक शराब पीना विशेष रूप से हानि कारक है। ज्यादा मिर्च मसालेदार चीजें न खाएं।
डा.दयाराम आलोक
शामगढ(मध्य प्रदेश)
९९२६५२४८५२
मेरे बेटे (१३वर्षउम्र)सोरायसिसअंग्रेज्री दवा से बहुत फायदा नहीं दिखता कोई ऐसी दवा जो इस रोग को जड.से मिटा सके please reply
ReplyDeleteकाफी दिनों से परेशां हु बेहतर से बेहतर ट्रीटमेंट लिया हु पर फयदा नहीं हुआ सर.कोई पक्का उपय बताय
ReplyDeleteअगर कुछ फायदा हो तो प्लीज बताय मैं भी परेशां हु
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