TUESDAY, JANUARY 12, 2016
हर जोर का बैग्यानिक नाम है रिलीस कटरा पाटन गुजरातचेहरा चेंजइसकी बेटी हर जाति की होती है इसका उपयोग टूटी हुई हड्डी को जोड़ने में किए जाने के कारण इसका नाम हर जोर है इसको हिंदी में अच्छी संघार के नाम से जाना जाता है संस्कृत में कोशिश टू घंटी किया बंदर बिल्ली इसको कहा जाता है और गुजराती में बेदारी मराठी में कंध वेद बंगाली में हार बंद मराठी में जहाज जो भी कहा जाता है तेलुगु में भववा डबल जी के नाम से उसको जानते हैं यह पौधा पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है इस दिल में 46 अंगूर पर घाटे होती है जैसे तू घर का पौधा होता है ठीक उसी तरह यह होता है लेकिन तू हर की चौड़ाई कुछ ज्यादा होती है वह मोटा होता है यह बिल्कुल उंगली के बराबर पतला होता है इसका डंठल करवादी होता है लेकिन इसका सबसे प्रमुख यूज़ जो है यह आंखों के सारे लोगों को खत्म करता है टूटी हड्डी को जोड़ने के लिए इसका उपयोग किस तरह से आप कर सकते हैं सबसे पहले हाथ जोड़ की नर्म लकड़ी का टिकट ले करके उसे बारीक पीसना उसने बराबर मात्रा में उड़द की दाल वन मिला दे उड़द की दाल ही बारीक पीसना और दोनों को मिलाकर किसी भी टूटी हड्डी के ऊपर सिंघाड़ा लेट कपड़ा लपेटकर के कपड़े से बांध देंगे तो हड्डी जोड़ जाती है यह लेप हर तीसरे दिन बदलते तीसरे दिन फिर से ले कर के फिर उसको पांडे की तरह से करने से एक महीने के अंदर ही हड्डी जोड़ जाती है और हड्डी टूटने का जो दर्द होता है वह तो एक हफ्ते में ही समाप्त हो जाता है लेकिन सिर्फ हड्डी जोड़ने के लिए ही इसका उपयोग नहीं होता यह पेट की गैस के दर्द को भी यह खत्म करता है अक्सर अक्सर एक उम्र के बाद पेट में दर्द होने लगता है साक्षअक्सर लोग प्लीपीठ के दर्द के कारण ठीक से सो नहीं पाते ।इस तरह की हालत में हाड़जोड़ की लकडी पीस कर के उसको पोस्टपीठ पर लेप कर दीजिए या पीठ पर उसकी मालिश कर दीजिए पीठ का दर्द खत्म हो जाता है यह इसका सबसे उपयोगी गुण है ।
इसे और भी बहुत सारी बीमारियों से सही होती है कुछ बीमारियों के बारे में बता रही हूं -------
अगर अनियमित मासिक धर्म है तो इसके तने का रस दीजिए इसके तने का रस आप दो चम्मच लीजिए पांच सात दिन तक पीने से काफी लाभ आपको मिलेगा ।
इसके अलावा अगर गठिया है तो हर जोड़ की लकड़ी का टुकड़ा और उड़द की दाल पीस कर के पकौड़ी तिल के तेल में पकौड़ी बनाइए और उसको खा लीजिएगा और तुलगातार एक महीने खाने से गठिया जड़ से खत्म हो जाता है ।
अगर किसी के दर्द हो रहा है तो हड़ जोड़ के पत्ते और इसकी कोपल का पाउडर हर जोड़ के पतिऔर उसके तने के ऊपर वाली भाई ऊपर वाले का पाउडर पीस कर केसे पानी के साथ साथ दीजिए को वस्त्र बंद हो जाती है ।
अगर कान में दर्द हो रहा है बिस्कुट का रस निकालकर के दो बूंद कान में डाल दीजिए तुरंत आराम मिलता है ।
अगर मसूड़ों में सूजन आ गई है तू इसमें भी हर जोर बहुत काम करता है ए 10 ग्राम के रस को एक चम्मच शक्कर में मिलाकर पर चढ़ा दीजिए मसूड़ों की सूजन खत्म हो जाएगी ।यह काम आप को कम से कम एक 11 दिन करना चाहिए चरणों की सूजन अब अपने आप खत्म हो जाएगी।
अगर पेट में दर्द हो रहा है तो हड़जोड़ की 4 या 5 शाखा को चुने के पानी में उबाल लीजिये ।फिर उस पानी को छान कर पिला दीजिये।
यह औषधि ताकत भी प्रदान करती है ।5 ग्राम की मात्र में इसके चूर्ण को पानी के साथ लेने से अनोखे बल की प्राप्ति होती है।
बी भूख बढ़ानी हो तो हड़जोड़ सेंक कर उसकी चटनी बनाकर खाएं।
किसी को दमे वाली खांसी हो तो प्रतिदिन इसके ताने का 2 चम्मच रास पिलायें ।2 माह में टी बी या दमा जड़ से ख़त्म हो जायेगा।
खाना देर से हजम हो रहा हो तो हड़जोड़ का 2 ग्राम चूर्ण और सोंठ का 2 ग्राम चूर्ण मिलाकर पानी से निगलिये लगभग 12 दिनों तक ।
पूरे बदन में दर्द हो रहा हो तो बिस्तर पर हड़जोड़ की मुलायम टहनियों को बिछा कर उन पर सोने की सलाह आयुर्वेद देता है।
इसका वैज्ञानिक नाम है Vitis Quadrangularis.
इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा.
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हड़जोड़
Author : डॉ.रूपेश श्रीवास्तव (Dr.Rupesh Shrivastava)
यह है हड़जोड़ नामक वनस्पति का चित्र जिसमें आप देख सकते है कि इसमें पत्ते आदि नहीं रहते
हड़जोड़ (जिसे अस्थिश्रंगार भी कहते हैं यह एक बेल होती है जो कि ऐसा लगता है कि उंगलियों से जुड़-जुड़ कर बनी हो) को सुखा कर बारीक चूर्ण करके छान लीजिये और इस चूर्ण में से दो चुटकी लेकर एक मुनक्के में भर दीजिये और पानी से निगलवा दीजिये। यह दिन में दो बार दीजिये ध्यान रहे कि चूर्ण मुंह में न लगने पाए इसी लिये मुनक्के में भर कर दिया जाता है अन्यथा मुंह में हल्की सी चुनचुनाहट का अनुभव होने लगता है और किसी किसी नाजुक मरीज को छाले हो जाते हैं। बस पंद्रह दिन का उपचार ही चमत्कार दिखा देगा और आप आयुर्वेद की प्रशंसा करते नहीं थकेंगे। सारी समस्याएं इन दवाओं से ही हल हो जाएंगी।
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हडजोड – जोड़ों के दर्द में लाभप्रद वनस्पतीय प्रयोग
जोड़ों के दर्द में लाभप्रद वनस्पतीय प्रयोग
प्रश्न: जोड़ों के दर्द से परेशान हूँ। कई उपाय किये पर सफलता कम ही मिली। ऐसी वनस्पति सुझायें जिसे कि भोजन के रूप मे या भोजन के साथ प्रयोग किया जा सके।
उत्तर: आपके प्रश्न के लिये धन्यवाद। हमारी पारम्परिक चिकित्सा प्रणालियो मे जोड़ों के दर्द के लिये बहुत सी वनस्पतियाँ सुझायी गयी है। पर इन सब का प्रयोग उतना आसान नही है, जितना कि लगता है। यही कारण है कि जब हम अपने मर्जी या अकुशल विशेषज्ञ के मार्गदर्शन मे इनका प्रयोग करते है तो सफलता नही मिलती है। फिर हमारे मन की चंचलता भी प्रेरित करती है कि हम जल्दी-जल्दी दवा बदलें। किसी भी दवा के प्रयोग मे जल्दी का रवैया नुकसान दायक हो सकता है।
आपने तो सुना ही होगा कि वनस्पतियाँ बोलती हैं। जी, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। वनस्पतियाँ बोलती हैं और स्वयम बताती हैं कि वे किस रोग मे उपयोगी हैं। वनस्पतियाँ विशेष लोगो से नही बोलती हैं। सभी उनको सुन सकते हैं यदि सुनना चाहें तो। हड़जोड़ नामक वनस्पति भी बोलती है। आप पोस्ट पर प्रस्तुत दोनो चित्र देखे। इसके माँसल तने आपको मानव अस्थि की तरह दिखेंगे। यह वनस्पति इन माँसल तनों के माध्यम से यह बताती है कि अस्थि और जोड़ सम्बन्धी रोगो में इसकी उपयोगिता है। रोग की जटिल अवस्था में इसके प्रयोग के लिये विशेषज्ञ की सलाह चाहिये पर आरम्भिक अवस्था मे इसके साधारण प्रयोग से जोड़ों के दर्द से न केवल मुक्ति पायी जा सकती है, बल्कि इससे बचा भी जा सकता है। प्रयोग आसान है।

आप सब ने चावल से बना चीला तो खाया ही होगा। देश के अलग-अलग हिस्सो मे अलग-अलग प्रकार का चीला बनता है। आपको किसी भी प्रकार के चीले को बनाते समय इसके तने की दो सन्धियो के बीच के आधे भाग को कुचलकर घोल मे मिला लेना है और फिर यह विशेष चीला बनाकर खाना है। चलिये यदि आपके लिये चीला नया शब्द है तो इसके टुकडो को सूजी (रवे) या आटे के हलवे मे मिला कर उपयोग कर ले। सप्ताह मे छुट्टी के दिन एक बार इसे खायें। यह निश्चित ही लाभ करेगा। रोज या दिन मे कई बार मन से खाने का प्रयोग न करें।
देश के वे पारम्परिक चिकित्सक जो कि टूटी हड्डियो को जोड़ने मे माहिर हैं वे अन्य वनस्पतियों के साथ इसका बाहरी प्रयोग करते हैं। आधुनिक अनुसन्धान बताते हैं कि इसमे कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। पर इसके अलावा भी इसमें बहुत कुछ ऐसा होता है जिसके बारे मे आधुनिक विज्ञान जानने की कोशिश कर रहा है। हाल ही मे इसके एक अनोखे ग़ुण के आधार पर एक अमेरीकी पेटेण्ट सामने आया है। विशेषज्ञों ने पाया है कि यदि आप मनमर्जी वसा (फैट) खाने के बाद इसके विशेष तत्व को खा लें तो वसा शरीर मे रूके बिना मल के साथ बाहर निकल जाता है। यह तो मोटे और पेटू लोगों के लिये वरदान से कम नही है। भारत के पारम्परिक चिकित्सक इस बात को पहले से जानते थे पर जब हमारे देश में उनकी ही कद्र नही है तो उनके ज्ञान की कद्र कौन करेगा? नतीजा यह कि अब हमारे ज्ञान के लिये हमे पैसे खर्चने होंगे।
आप इस वनस्पति को आसानी से बागीचे मे लगा सकते हैं। मैने अपने घर मे आम के पेड के सहारे इसे लगाया है। यह प्रश्न का उत्तर लम्बा होता जा रहा है। पर कुछ दिनो पहले हड़जोड़ पर मैने लगातार आठ घंटे का व्याख्यान दिया। आप इससे अन्दाज लगा ही सकते है इसके विषय मे हमारे देश मे उपलब्ध समृध्द ज्ञान का।
साभार : पंकज अवधिया
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हड़जोड़:~~~~~~~'
वानस्पतिक नाम : Cissus quadrangularis)
यह लता हड्डियों को जोड़ती है।

इसको अस्थि श्रृंखला के नाम से जाना जाता है। यह छह इंच के खंडाकार चतुष्कोणीय तनेवाली लता होती है। हर खंड से एक अलग पौधा पनप सकता है। चतुष्कोणीय तने में हृदय के आकार वाली पत्तियां होती है। छोटे फूल लगते हैं। पत्तियां छोटी-छोटी होती है और लाल रंग के मटर के दाने के बराबर फल लगते हैं। यह बरसात में फूलती है और जाड़े में फल आते हैं।
दक्षिण भारत और श्रीलंका में इसके तने को साग के रूप में प्रयोग करते हैं।
-- हड़जोड़ में सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम कार्बोनेट भरपूर पाया जाता है। हड़जोड़ में कैल्शियम कार्बोनेट और फास्फेट होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। आयुर्वेद में टूटी हड्डी जोड़ने में इसे रामबाण माना गया है।
-- इसके तने को तेल में भुनकर हड्डी पर बांधने से जल्दी ठीक होती है |
--इसके अलावा कफ, वातनाशक होने के कारण बवासीर, वातरक्त, कृमिरोग, नाक से खून और कान बहने पर इसके स्वरस का प्रयोग होता है।
--मुख्य रूप से इसके तने का ही प्रयोग किया जाता है। 10 से 20 मिलीलीटर स्वरस की मात्रा निर्धारित है।
-- २ ग्राम हडजोड. का चूर्ण दिन में ३ बार लेने से और उसके रस को हड्डी पर लेप करने से हड्डियां जल्दी जुड़ जाती है |
-- इस चूर्ण में बराबर मात्र में सौंठ चूर्ण मिलाकर रखे , ३-४ ग्राम के मात्रा में पानी से लेने पर पाचन शक्ति बढती है |
-- रक्त प्रदर और मसिकस्राव अधिक होने पर इसके १० से २० मिली. रस में गोपीचंदन २ ग्राम ,घी एक चमच और शहद ४ चमच के साथ लेने से ठीक हो जाता है |
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हड़जोड़
रंग : हड़जोड़ का रंग भूरा होता है।
स्वाद : हड़जोड़ का स्वाद तीखा व कषैला होता है।
स्वरूप : हड़जोड़ की बेल होती है जिसमें हर 5 अंगुल में गांठ होती हैं और इसमें 3 या 4 धारी भी होती हैं।
स्वभाव : हड़जोड़ गर्म होती है।
मात्रा : 2 ग्राम।
गुण : हड़जोड़ की जड़ी बूटी टूटी हुई हडि्डयों को जोड़ देती है। यह पीने तथा लगाने दोनों ही के काम में आती है तथा यह वात और कफ का नाश करती है। गरम, दस्तावर और कीड़ों को मारती है। बवासीर को दूर करने के साथ ही यह आंखों की बीमारियों को भी दूर करती है। हलकी, रूखी और स्वादिष्ट होती है। वीर्य को भी बढ़ाती है। चौधारी हड़जोड़ भूनोपद्रव और प्रेत-बाधा को दूर करती है, दर्द को खत्म कर देती है। हड्डी के टूटने पर हड़जोड़ के तने को तेल में भून कर लगायें फिर प्लास्टर या खपच्ची बांध दें।
हड़जोड़ का विभिन्न रोगों में उपयोग :
1. पाचनशक्तिवर्द्धक: हड़जोड़ का चूर्ण और सोंठ के चूर्ण को बराबर मात्रा में लेकर खाने से पेट की पाचनशक्ति बढ़ती है।
2. रक्तप्रदर: रक्तप्रदर या मासिकस्राव की अधिकता में हड़संघारी (हड़जोड़वा) का रस 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम गोपीचन्दन, घी और शहद के सेवन करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है।
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उपचारक बाद में पहले—स्वास्थ्य रक्षक सखा
निवेदन : उपरोक्त पोस्ट में दी गयी जानकारी अच्छी लगे तो कृपया लेखक के उत्साहवर्धन के लिये एक कमेंट अवश्य करें। हमारे द्वारा पीलिया की दवाई मुफ्त में दी जाती है। जबकि-पैट में गैस, ऐसीडिटी, कब्जी, आँतों के अल्सर/छाले, लीवर/यकृत में सूजन/कमजोरी सिरदर्द, आधासीसी/माईग्रेन, पथरी, आसान और बिना सिजेरियन सुरक्षित प्रसव/डिलेवरी, विरह वेदना/प्रेम विछोह, डिप्रेशन, प्रदर, प्रमेह, शीघ्रपतन, यौन दुर्बलता, चिकनगुनिया/डेंगू के दर्द, सियाटिक आदि जटिल रोगों का बहुत कम खर्चे में उपचार किया जाता है। इसके अलावा दाम्पत्य विवाद समाधान के लिये भी सम्पर्क किया जा सकता है।नोट : कृपया उपचार के नाम पर गारण्टी देकर ठगने वालों से बचें और एक बार सेवा का मौका प्रदान करें। उपचारक बाद में पहले—स्वास्थ्य रक्षक सखा डॉ. पुरुषोत्तम मीणा-मोबाईल एवं वाट्स एप नम्बर : 9875066111.
Hi
ReplyDeleteMai Rashmik vyas gujarat se..
Hadjod mere paas bhi lagi hui hai..
Kya mujhe 3 dhari ke bare me jankari mil sakti hai..??
Uprokt jankari ke liye dhanyawad.
Mob no. 09377138777
कृपया काम शक्ती के लिए इसकी मात्रा तथा विधि बताये।।
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