
मोगरा (Mogra) का फूल सुंदर और खुशबूदार होने के साथ साथ बहुत से और्वेदिक गुण भी लिए है. सूरज की धुप प्रखर होते ही सूखे से मोगरे (Mogra) के पौधे में नै कोंपले आने लगती है. और आने लगती है मोती सी सुंदर कलियाँ, फिर वे खिल कर अपनी सुन्दर खुशबु बिखर देते है. जैसे जैसे गर्मी बढती है और हमें परेशान करने लगती है. इसकी खुशबू हमें तरोताजा कर देती है. अपनी सुन्दरता के साथ साथ मोगरा बहुत गुणकारी भी है. तो आइये आन हम मोगरा के आयुर्वेदिक गुणों के बारे में जानते है.
मोगरा (Mogra) के फूल के आयुर्वेदिक व औष्धिय गुण
- इसका इत्र कान के दर्द में प्रयोग किया जाता है.
- मोगरा (Mogra) कोढ़ , मुंह और आँख के रोगों में लाभ देता है.
- मोगरे का उपयोग एरोमा थेरेपी में किया जाता है. इसकी खुशबू शान्ति देती है और उत्साह से भरती है.
- मोगरे की चाय बुखार , इन्फेक्शंस और मूत्र रोगों में लाभकारी होती है.
- मोगरे वाली चाय रोज़ पिने से केंसर से बचाव होता है. इसमें मोगरे के फूलों और कलियों का उपयोग होता है.
- मोगरे की 4 पत्तियों को पीसकर एक कप पानी में मिला दे . इसमें मिश्री मिला कर दिन में 4 बार पिने से दस्त में लाभ होता है.
- मोगरे के पत्तों को पीसकर जहां भी दाद , खुजली और फोड़े- फुंसियां हो वहां लगाने से लाभ होता है.
- बच्चों के लीवर बढ़ने में मोगरे की पत्तियों का 4-5 बूँद रस शहद के साथ देने से लाभ होता है.
- कोई घाव ठीक ना हो रहा हो तो बेल वाले मोगरे के पत्तों को पीस कर लगाने से ठीक हो जाता है.
- इसकी जड़ का काढा पिने से अनियमित मासिक ठीक होता है.
- इसके दो पत्तों का काला नमक लगा कर सेवन करने से पेट की गैस दूर होती है.
- इसके फूलों के उपयोग से से पेट के कीड़ों, पीलिया , त्वचा रोग, कंजक्टिवाईटिस, आदि में लाभ होता है.
स्रोत : http://keytohealth.in/mogra-flower-ayurvedic-and-medicinal-benefits/
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