पेट में गैस : कारण और उपाय
पेट में गैस बनने की समस्या एक आम समस्या है। लगभग हर व्यक्ति के शरीर में गैस बनती है। गैस, डकार या गुदा मार्ग से निकलती है। गुदा मार्ग से निकलने वाली गैस को गैस पास करना यानि फर्टिंग कहते हैं। गैस की समस्या पाचन शक्ति में खराबी या कब्ज के कारण ज्यादा होती है.
शर्मनाक स्थिति : ऑफिस या घर में दोस्तों या परिवार के सामने कई बार गैस बनने पर इसको पास करना बहुत शर्मनाक हो जाता है। यहां तक कि इसका जिक्र करने में भी शर्म आती है। लेकिन यह सच है कि व्यक्ति डकार लेकर या अधोवायु यानि गैस को पास करके गैस निकालता है।
पेट में गैस बनने के लक्षण : पेट में गैस बनने पर उसके पास न होने पर यानि फर्टिग न होने पर जी मिचलाना, खाना खाने के बाद पेट ज्यादा भारी लगना और खाना हजम न होना, भूख कम लगना, पेट भारी-भारी रहना और पेट साफ न होने जैसा महसूस होता है।
अन्य बीमारियों को जन्म : गैस को पेट में रोकना कई अन्य बीमारियों को भी जन्म दे सकता हैं। जैसे एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेचैनी आदि। लंबे समय तक फर्टिग को रोकने से बवासीर भी हो सकती है.
'हवा से बनती है गैस : पेट में गैस बनने का एक कारण हवा का पेट में जाना भी होता है। खाने या बोलते समय वायु पेट में चली जाती है। वैसे तो यह हवा डकार से निकाल जाती है। लेकिन जो हवा आंत में चली जाती है, वह सिर्फ फर्टिग से ही बाहर निकलती है.
'खाद्य पदार्थों से गैस : कुछ खाद्य पदार्थों जैसे बींस, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल, फास्ट फूड, दूध और दूध उत्पादों से कई लोगों को गैस बनती है। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों से भी कुछ लोगों को गैस बनती है, जिसमें वसा या प्रोटीन के स्थान कार्बोहाइड्रेट का प्रतिशत ज्यादा होता है.
'लाइफस्टाइल : सिर्फ खान-पान ही नहीं बल्कि लाइफस्टाइल से भी गैस बनने की समस्या हो सकती है। इसके लिए तनाव में रहना, देर से सोना और सुबह देर से जागना, समय पर भोजन न करना और शराब का अत्यधिक सेवन शामिल है.
'पाचन तंत्र में दोष के कारण : जिन लोगों के पाचन में गड़बड़ होती हैं, उनको भी पेट में गैस की समस्या हो सकती है। उम्र बढने के साथ कुछ एंजाइमों का उत्पादन कम होने लगता है और खाद्य पदार्थ का उपापचय हानिरहित बैक्टीरिया और एंजाइम द्वारा किया जाता है.
'पेट गैस से बचने के उपाय : किसी शादी ब्याह या पार्टी में पेट भर कर नहीं खाये क्योंकि पेट भर कर खाने से पेट पर दबाव पड़ता है और पेट दबाव कम करने के लिए गैस बाहर निकालता है.
'एक्सरसाइज : पेट की गैस से बचने के लिए सबसे बढि़या समाधान है कि नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर के सभी अंगों को लाभ पहुंचता है और साथ ही गैस की समस्या से छुटकारा भी मिलता है। योग करने से भी पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है.
'आहार में बदलाव : अपने आहार में बदलाव करके भी आप पेट गैस की समस्या से बच सकते हैं। सेम, गोभी, उड़द की दाल, फास्ट फूड जैसे आहार संतुलित मात्रा में लें।
गैस की परेशानी मिनटों में करे दूर : पेट गैस को अधोवायु बोलते हैं। इसे पेट में रोकने से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेचैनी आदि लम्बे समय तक अधोवायु को रोके रखने से बवासीर भी हो सकता है। आगे जाकर इससे नपुंसकता और महिलाओ में अनेक प्रकार के स्त्री रोग होते देखे जाते हैं।
गैस बनने के लक्षण : पेट में दर्द, जलन, पेट से गैस पास होना, डकारें आना, छाती में जलन, अफारा, इसके अलावा खाना खाने के बाद पेट ज्यादा भारी लगना और खाना हजम न होना, भूख कम लगना, पेट साफ न होने जैसा महसूस होना।
किससे बनती है गैस : शराब पीने से, मिर्च-मसाला, तली-भुनी चीजें ज्यादा खाने से, बीन्स, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उरद की दाल, फास्ट फूड, ब्रेड और किसी-किसी को ढूध या भूख से ज्यादा खाने से, खाने के साथ कोल्ड ड्रिंक लेने से, इनमें गैसीय तत्व होते हैं तला या बासी खाना खाने से।
लाइफस्टाइल : टेंशन रखना, देर से सोना और सुबह देर से जागना, खाने-पीने का टाइम फिक्स न होना।
बाकी वजहें : लीवर में सूजन, गाल-ब्लेडर में स्टोन, फैटी लीवर, अल्सर या मोटापे से, डायबिटीज, अस्थमा या बच्चों के पेट में कीड़ों की वजह से अक्सर पेन किलर खाने से कब्ज, अतिसार, खाना न पचने व उल्टी की वजह से।
जाँच के तरीके : एंडोस्कोपी, ब्लड टेस्ट और बैक्टीरिया टेस्ट।
क्या खाएं :
- फल और हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें, सब्जियों को ज्यादा तलें नहीं।
- साबुत की बजाय धुली व छिलके वाली दालें खायें।
- सोयाबीन की बड़ियां खाएं।
- दही व लस्सी का प्रयोग करें।
- नींबू-पानी-सोडा, नारियल पानी, शिकंजी या बेल का शर्बत पीना अच्छा है।
- आइसक्रीम और ठंडा दूध ले सकते हैं।
- बादाम व किशमिश ले सकते हैं, पर काजू कम मात्रा लें।
- सौंफ, हींग, अदरक, अजवायन, जीरा व पुदीने का प्रयोग करना अच्छा है।
- मोटा चावल खाएं, यह कम गैस बनाता है, जबकि पॉलिश वाला चावल ज्यादा गैस बनता है, पुलाव के बजाय चावल उबाल कर खाए।
- खाना सरसों के तेल में बनाये, देसी घी भी ठीक है, लेकिन मात्रा सीमित रखे वनस्पति घी और मूंग फली का तेल से दूर रहे।
क्या नहीं खाएं? :
- मैदे और बेकरी प्रोडक्ट जैसे कुलचे, पूरी, ब्रेड पकोड़ा, छोले-भटूरे आदि।
- चना, राजमा, उरद व मटर आदि का प्रयोग कम करें, इन्हें बनाने से पहले भिगो लें, जिस पानी में भिगोयें, उसको इस्तेमाल करने के बजाय फ़ेंक दें।
- चाय-कॉफ़ी ज्यादा न पीये, खाली पेट चाय पीने से गैस बनती है।
- गर्म दूध भी गैस बनाता है। अल्सर वाले दूध को ठंडा करके पीना चाहिए।
- सॉफ्ट-ड्रिंक या कोल्ड ड्रिंक्स न पीये।
- अरबी-भिण्डी और राजमा से परहेज रखें।
- कच्चा लहसुन, कच्चा प्याज व अदरक भी गैस बनाता है।
- मूली-खीरे आदि से भी गैस की शिकायत हो तो उनका भी परहेज करें।
- संतरा व अन्य साइट्रस फ्रूट से गैस बनती है। इनके जूस की वजह ताजा फल खाए।
- खाली पेट दूध या खाली पेट फल खासकर सेव और पपीता खाने से गैस बनती है।
पानी खाएं, खाना पीजिये : यानि खाना इतना चबा लें कि बिल्कुल पानी की तरह तरल बनने पर ही पेट में उतरे। अच्छी तरह चबाया हुआ भोजन अंदर जायेगा तो आंतों पर लोड कम पड़ेगा और खाना जल्द पचेगा। जबकि पानी घूँट-घूँट कर पीना चाहिए। हर तीन घंटे में कुछ खा लें, लेकिन अत्यधिक न खाए दिन में 3-4 बार गर्म पानी पियें। खाकर न सोये।
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