यौन शक्तिवर्धक (केसर-युक्त) 'कामवाण पाउडर'-Sexual Power
स्त्री एवं पुरुष दोनों के स्वस्थ, सफल एवं सन्तुष्टि प्रदायक यौन-सम्बन्ध दाम्पत्य जीवन की आधारशिला होते हैं। वर्तमान में अनेक प्रकार के तनाव और मानसिक दबावों के चलते यौन-क्षमता समाप्त या कमजोर होती जा रही हैं। स्त्रियों में श्वेतप्रदर सहित अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इन सब कारणों से लोगों के दाम्पत्य जीवन बिखर रहे हैं।
यौन अक्षमता को थोड़ा स्पष्ट करना बहुत जरूरी है। जो पुरुष अपनी पत्नी से यौन संबन्ध नहीं बना पाते या जल्द ही स्खलित या शिथिल या ठंडे हो जाते हैं, वे यौन रोगी या नपुंसकता के रोगी कहलाते हैं। इस समस्या का सीधा सम्बंध लैंगिक कमजोरी से ही माना जाता है। इनमें से बहुसंख्यक पुरुष शारीरिक रूप से नपुंसक नहीं होते, लेकिन उनके अवचेतन मन में बैठे कुछ प्रचलित अंधविश्वासों के चक्कर में फंसकर, यौन-अक्षमता के शिकार होकर वे मानसिक रूप से नपुंसक/नामर्द हो जाते हैं। मानसिक नपुंसकता के रोगी अपनी पत्नी के पास जाने से डरने लगते हैं। वे इतने भयभीत रहते हैं कि सहवास भी नहीं कर पाते। इस कारण उनकी मानसिक स्थिति लगातार बिगड़ती ही चली जाती है।
इसका दु:खद दुष्परिणाम यह होता है कि इस रोग में रोगी अपनी परेशानी, किसी दूसरे को नहीं बता पाता या उसे सही उपचार नहीं करा पाता, मगर जब वह पत्नी को संभोग के दौरान पत्नी को पूरी सन्तुष्टि नहीं दे पाता, तो रोगी की पत्नी को उसकी अक्षमता का पता चल ही जाता है। वह जान जाती है कि उसका पति नंपुसकता के शिकार है। इससे पति-पत्नी के बीच में लड़ाई-झगड़े और विवाद शुरू हो जाते हैं। अनेक मामलों में बात विवाहेत्तर यौन सम्बन्धों या तलाक तक पहुंच जाती है।
वास्तव में ऐसे रोगियों का इलाज होम्योपैथी के जरिये सम्भव है, लेकिन न तो ऐसे रोगी प्रयास करते हैं और न हीं उन्हें समर्पित तथा अनुभवी होम्योपैथ डॉक्टर मिल पाते हैं। इस कारण वे जीवनभर घुट-घुट कर अपमानजनक जीवन जीने को विवश होते हैं।
बहुत से सामान्य पुरुषों की यौन कमजोरी जो नामर्दी तक नहीं पहुंच पाती है, वे भी धीरे-धीरे उपरोक्त स्थिति की ओर लगातार बढ रहे होते हैं, लेकिन शर्म-संकोचवश वे अपनी समस्या को किसी के सामने नहीं रख पाते हैं। ऐसे लोगों को अपनी शारीरिक यौन क्षमताओं को बरकरार रखने तथा बढाने के लिये प्रतिवर्ष खुराक लेते रहना चाहिये। इससे उन्हें बहुत सम्बल मिल सकता है।
ऐसे लोगों के लिये स्प्ष्ट किया जाता है कि हमारे देश में अनेक आयुर्वेदिक औषधियां स्त्री और पुरुष दोनों में संतुलित कामशक्ति का संचार करने में अनादिकाल से सम्पूरक सिद्ध होती रही हैं। मगर दु:ख का विषय है कि जंगल लगातार समाप्त होते जा रहे हैं और प्रगति की राह पर चलने को मजबूर किसानों द्वारा खेती में जहरीले कीटनाशकों और खादों का उपयोग किया जाता है। ऐसे में खेतों में या खेतों के किनारे पैदा होने वाली शुद्ध आॅर्गेनिक औषधियां मिलना लगभग मुश्किल सा हो गया है। कुछ लोग व्यावसायिक रूप से औषधियों की खेती करने लगे हैं, लेकिन अधिक उपज लेने के चक्कर में, उनके द्वारा भी जहरीले कीटनाशकों और खादों का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है।
उपरोक्त कारणों से बाजार में उपलब्ध औषधियों से आशातीत परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं। इन हालातों में हमने राजस्थान की जलवायु में पनप सकने वाली कुछ प्रमुख औषधियों को आॅर्गेनिक विधि से पैदा करके, उन्हें छाया शुष्क करके और निर्धारित रीति से उनका शोधन करके, उनका बारीक पाउडर बनाने का छोटा सा प्रयास शुरू किया है। जो अत्यंत परिश्रमपूर्ण होने के साथ-साथ तुलनात्मक रूप से काफी मंहगा कार्य सिद्ध हो रहा है। मगर प्रसन्नता की बात यह है कि हजारों लोगों पर इन औषधियों का उपयोग करने के बाद उत्साहवर्द्धक परिणाम मिले हैं। जो सबसे बड़ा संतोष का विषय है।
अत: उपरोक्त हालातों में स्त्री-पुरुषों को यौन समस्याओं से सम्बन्धित ताजा एवं शुद्ध 'कामवाण पाउडर' को इच्छुक लोगों को अग्रिम आॅर्डर पर एक और दो माह के उपयोग हेतु क्रमश: 300 एवं 600 ग्राम के पैक में घर बैठे रीजनेबल कीमत पर, रजिस्टर्ड पार्सल के जरिये उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। इन दवाइयों का पहली बार लगातार 6 महिने तक तथा इसके बाद हर साल एक-दो महिने सेवन करते रहने पर कोई भी सामान्य पुरुष 65 से 70 साल तक सफलतापूर्वक यौनसम्बन्ध बना सकता है।
'कामवाण पाउडर' में मुख्यत: निम्न महत्वपूर्ण औषधियों का सम्मिश्रण है:-
01. सफेद मूसली: संकेत-प्राकृतिक रूप से कामोत्तेजक, पुष्टिकारक, एंटीऑक्सीडेंट, वीर्य, यौन शक्ति, उर्जा, शुक्राणु, सेक्स आवृति/ड्राईव, स्तम्भन और बल वर्द्धक। नियमित रक्त संचार करके यौनांगों को स्वस्थ एवं शक्ति प्रदान करती है। वीर्य को पुष्ट और गाढा करती है, साथ ही रोगों से लड़ने हेतु शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है। श्वेतप्रदर, बांझपन, शिथिलता, ठंडापन, नपुंसकता, शीघ्रपतन और अल्पशुक्राणुता से बचाती है।
02. बबूल की पत्ती एवं कच्ची फली: संकेत-यौन कमजोरी तथा शीघ्रपतन को ठीक करके स्तम्भन शक्ति बढाती हैं। वीर्य को गाढा करके शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि करती हैं। मूत्र विकारों से मुक्ति दिलाती हैं।
03. अश्वगंधा: संकेत-इसे इण्डियन जिनसेंग भी कहा जाता है। लेकिन अश्वगंधा पूरी तरह से प्राकृतिक परिणाम प्रदान करती है। यह वातनाशक, बलकारक, शक्तिवर्द्धक तथा पाचनशक्ति वर्द्धक। बांझपन, गर्भस्त्राव, श्वेतप्रदर, रक्तप्रदर, जोड़ों में दर्द, कमरदर्द, नपुंसकता, यौन कमजोरी, शीघ्रपतन, कमजोर पाचन प्रणाली, गठिया, वातरोग, शियाटिका, हाई ब्लड पेशर, थकावट आदि को दूर करती है।
04. मुलेठी: संकेत-वात, पित्त और कफ-त्रिदोषनाशक। नपुंसकता (नामर्दी), ऐसिडिटी, कब्ज, आंव, अल्सर, कफ, खांसी, मूत्ररोग, अनियमित और दर्दनाक माहवारी, स्नायु कमजोरी, जोड़ों एवं मांसपेशियों के दर्द आदि को दूर करके, प्राकृतिक कामशक्ति बढाती है। हृदय को मजबूत करती है। नेत्रज्योति एवं रक्त की मात्रा बढाती है। सौन्दर्य वर्द्धक है।
05. शतावरी: संकेत-इसे आयुर्वेदिक औषधियों की रानी कहा जाता है। यौनांगों में शिथिलता-ढीलापन, स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, मूत्रविकार, अपच, अजीर्ण, कब्ज, प्रदर, माईग्रेन, अनिद्रा नाशक एवं दुग्धवर्द्धक, प्रजनन क्षमता बढाये, मधुमेह नियंत्रित करे और सुंदरता निखारे।
06. मेथी: संकेत-कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार, ब्लड प्रेशर कंट्रोल, शुगर संतुलन, चर्म रोग नाशक, पाचनशक्ति बर्द्धक, कृमिरोग नाशक है।
07. बीजबंद: संकेत-यौन दुर्बलता, कब्ज, खूनी बवासीर, मूत्रातिसार, श्वेत प्रदर, हृदय दुर्बलता, उच्च रक्तचाप, शीघ्रपतन, कमजोरी आदि।
08. जायफल: संकेत-कामशक्ति एवं कामेन्द्रिय शक्ति वर्धक, त्वचा की झाईयाँ, जोड़ों का दर्द, वात एवं कफ नाशक, अजीर्ण, गर्भाशय-शोथ आदि में विशेष लाभदायक है।
09. वंशलोचन: संकेत-वीर्य वृद्धि, वीर्य गाढा, गर्भपात प्रतिरोधक, प्रदर, प्रमेह, यकृत/लीवर के रोग आदि में लाभदायक है।
10. गोखरू बीज: संकेत-गोखरू पुरुष के प्रजनन अंगों को स्वस्थ रखता है, शुक्राणुओं की गुणवत्ता, गतिशीलता व आयतन को बढ़ावा देता है। बलवर्धक एवं प्राकृतिक कामेच्छा वर्धक। साइटिका एवं चर्मरोग में उपयोगी। सभी मूत्र रोगों में उपयोगी। त्रिदोष (वात, कफ और पित्त) नाशक। बांझपन, यौन कमजोरी, गुर्दारोगों आदि में लाभकारी।
11. शिलाजीत: संकेत-दिमागी ताकत एवं रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये और मधुमेह, रक्तचाप, तनाव, यौन कमजोरी, शीघ्रपतन, स्वप्नदोष आदि को नियंत्रित करे।
12. निर्गुण्डी: संकेत-शिलाजीत के साथ निर्गुण्डी का सेवन सभी तकलीफों में आश्चर्यजनक परिणाम देता है। साथ ही पाचन-क्रिया को मजबूत करके लीवर को ताकतवर बनाती है।
13. सौंठ: संकेत-सिरदर्द, अर्द्धसिर शूल, कब्ज, भूख की कमी, अजीर्ण, मधुमेह, अंडकोषवृद्धि, दर्दनाक माहवारी, प्रदर, जोड़ों-वात-कमर के दर्द से मुक्ति। आदि।
14. गिलोय: संकेत-पुराना ज्वर, मधुमेह, कब्ज नाशक, यौनशक्ति वर्धक एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाली औषधि है।
15. काली मूसली: संकेत-कामेच्छा में कमी, प्रदर, सीने में जलन, चर्मरोग, पेशाब में जलन आदि को दूर करता है। शक्ति वर्धक है। शुक्राणू वर्धक। ऐण्टीआॅक्सीडेंट। प्रजनन शक्ति बढाये।
16. आमला: संकेत-रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं नेत्रज्योति बढाये, ऐण्टीआॅक्सीडेंट-शरीर से विशैले पदार्थ निकाले, पाचनतंत्र को मजबूत करे, वृद्धावस्था की गति को रोके, दिल की रक्षा करे, नींद नहीं आना आदि।
17. मकोय: संकेत-यौन-शक्ति वर्धक, कामोत्तेजक, वीर्य वर्धक, त्रिदोष (वात, कफ और पित्त) शामक, पाचन, यकृत/लीवर शोधक एवं उतेजक, शोथहर, रक्तशोधक, कुष्ठ व विषनाशक, कब्ज, बवासीर, दमा, श्वास, अनिद्रा, चर्मरोग, घबराहट, ऐंठन, बांयटे, पेट में जलन, पीलिया, यकृत रोग, गठिया आदि में उपयोगी।
18. डीकामाली: संकेत-अपच, भूख की कमी, कब्ज, चर्मरोग, संक्रमण, बवासीर, आंतों के कृमि आदि के उपचार में सहायक।
19. भूई आमला: संकेत-स्वस्थ यौनशक्ति के लिये पाचन क्रिया और पाचन क्रिया के लिये स्वस्थ लीवर का होना आवश्यक है। लीवर क्लीनिंग, गैस्ट्रिक अल्सर एवं एंटीऑक्सिडेंट हेतु उपयोगी है। भूई आमला लीवर को ताकत प्रदान करता है। शराब के सेवन से क्षतिग्रस्त यकृतों को पुनर्जीवित करे। साथ ही यह गठिया-जोड़ों के दर्द का प्राकृतिक तरीके से शमन करता है। मूत्रवर्धक, रक्तचाप को कम करता है, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करे। शुगर लेवल को कम करे।
20. श्योनाक: संकेत-कब्ज, फोड़े और घावों, मुंह कैंसर, खुजली और अन्य त्वचा रोगों के लिए एक प्रभावी उपाय, गर्भधारण की संभावना बढ़ाये। रक्तशोधक। स्त्रीरोग संबंधी विकारों में उपयोगी और यहां तक कि बचपन के मनोवैज्ञानिक यौन विकारों के मामले में भी प्रभावी। दिल का टॉनिक, रक्त शोधक, रोग शामक, भूख वर्धक। गठिया-वात। पाचन शक्ति वर्धक। संक्रमण नाशक आदि।
21. कौंच: संकेत-कौंच को भारतीय बियाग्रा कहा जाता है। यद्यपि यह बियाग्रा से भी ताकवर है, लेकिन इसका प्रभाव स्थायी है, जबकि बियाग्रा का तात्कालिक प्रभाव होने के साथ-साथ अनेक दुष्प्रभाव भी होते हैं। नपुंसकता, नसों की कमजोरी, लिंग का ढीलापन और शीघ्रपतन, वीर्य के पतलेपन, शुक्राणुओं की कमी, दर्द व पेट की तकलीफें, मधुमेह, गैस, श्वेतप्रदर, बांझपन, गर्भपात आदि की समस्या आदि में अत्युत्तम है।
22. तालमखाना: संकेत-तालमखाना यौनशक्ति और कामोत्तेजना बढाने वाला, पेशाब साफ लाने वाला, एंटी बॉयोटिक एवं पोषक गुणों से भरपूर है। वीर्य विकार, वीर्य का पतलापन, शुक्राणुओं की कमी, नामर्दी, स्वप्नदोष, शीघ्रपतन आदि में उपयोगी है। शारीरिक कमजोरी को घटाता है। यह हृदय और किडनी के लिये भी बहुत उपयोगी है। स्त्रियों की कमजोरी, विशेषकर प्रसवकाल के बाद की कमजोरी में विशेष लाभदायक है।
23. लाजवंती/छुईमुई: संकेत-नपुंसकता, शीघ्रपतन और मर्दाना कमजोरी, स्तनों का ढीलापन दूर करे, गर्भाशय के बाहर आने की समस्या, बवासीर (Piles) और भगंदर (Anal fistula), चर्मरोग, मधुमेह, गले के रोग, संकोचक, आदि में लाभदायक है।
24. सेमलकंद/सेमल मूसली: पुष्टिकारक, कामोत्तेजक और नपुंसकता नाशक, बलकारक, अपार बलवीर्य वर्धक, स्तम्भन शक्ति बढ़ाती है, शरीर की कान्ति निखारती, प्रमेह-धातु की कमजोरी और शरीर की क्षीणता में सेमल की मूसली अव्वल दर्जे की चीज है।
25. उटंगन: संकेत-यह सभी प्रकार की यौन समस्याओं का समाधान है तथा यौनशक्ति बढाने में विशेष उपयोगी है।
26. केसर: संकेत- अजीर्ण, अपच, गैस को दूर करे। रक्त शुद्धिकरण करके किडनी और लिवर की करे सुरक्षा। यौन क्षमता अर्थात मर्दानगी वर्धक। माहावारी तथा गर्भाशय सम्बन्धी तकलीफों में लाभकारी। ज्योतिवर्धक। बाल झड़ना रोके। अर्थराइटिस-गठिया में आरामदायक। स्मरण-शक्ति बढाये।
इत्यादि।
जो कोई पुरुष उपरोक्त 'कामवाण पाउडर' पाउडर को घर बैठे मंगवाना चाहते हैं, वे हम से सीधे सम्पर्क कर सकते हैं।
*नोट: मेरी ओर से भेजी जा रही उक्त पाठ्य सामग्री से यदि आपको किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो प्लीज तुरंत अवगत कराएं। आगे से आपको नहीं भेजी जायेगी। यदि यह सामग्री आपको किसी अन्य स्रोत से मिली है और यदि आप अपने वाट्सएप इनबॉक्स में नियमित रूप से प्राप्त करना चाहते हैं तो अपने मोबाईल में हमारा वाट्सएप 9875066111 सेव/एड करें और हमें नियमित सामग्री प्राप्त करने हेतु वाट्सएप 9875066111 पर लिखें।*
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश', HCF&MDC
(Health Care Friend and Marital Dispute Consultant)
स्वाथ्य रक्षक सखा एवं दाम्पत्य विवाद सलाहकार
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Jaipur, Rajasthan, 27 दिसम्बर, 2017, 21.40PM
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