पेट के कीड़े और मन्दाग्नि (खाने का देर से पचना)
पेट के कीडे और भूख का न लगना एक आम बीमारी है,पेट में कीडे होने पर जहां रोगी को अत्याधिक भूख लगती है,वहीं मंदाग्नि में भूख नही होने के कारण स्वास्थ्य खराब होना चालू हो जाता है,पेट के कीडे अधिकतर बच्चों के अन्दर पाये जाते है।
पेट के कीडे
पेट के कीडे सामान्यत: कब्ज करने वाले भोजन मांस और खट्टे मीठे पदार्थ अधिक खाने से पैदा होते है,इनके कारण शरीर में बुखार पेट दर्द जी मिचलाना चक्कर आना दस्त लगना गुदा में कांटे से चुभना आदि लक्षण होते हैं। पेट के अन्दर कीडे होने पर कब्ज से बचना चाहिये,इसके लिये दोनों समय चावल दाल खाया जा सकता है,पुराने चावलों का भात परवल करेला गूलर बकरी का दूध कांजी नीबू का रस साबूदाना अखरोट आदि हल्के पदार्थ खाने पेट में कीडे नही होते है,यदि कीडे पेट में हो जावें तो यह इलाज काम में लेने चाहिये।
- * दो टमाटरों में नमक और काली मिर्च लगा कर रोजाना सुबह पन्द्रह दिन तक खायें पेट के कीडे मर कर बाहर निकल जायेंगे,इसे तीन साल से कम उम्र के बच्चों को न दें। बडे बच्चे को रात को दूध जरूर पिलायें।
- * पेट की कीडों को खत्म करने के लिये हल्दी का काढा बनाकर पिलाना चाहिये।
- * दो तीन रत्ती हींग को अजवायन और ग्वारपाठा के गूदे के साथ देने से पेट की कीडे खत्म हो जाते है।
- * कमीला और बायबिडंग दोनो को बराबर बराबर लेकर पीस लें, बच्चों को एक ग्राम और बडों को तीन ग्राम सोने से पूर्व रात को दूध से दें,कीडे मर कर पेट से बाहर निकल जायेंगे।
- *भात के मांड में बायविडंग और त्रिफ़ला का चूर्ण डालकर पीने से पेट के कीडों का नाश होता है।
- * छ: माशे खुरासानी अजवायन को छ: ग्राम बासी पानी के साथ पीस कर उसमें एक तोला पुराना गुड मिलाकर पीने से कीडे खत्म हो जाते है।
- * नीम के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर पीने से कीडे मर जाते है।
- * ढाक के पत्तों का रस शहद के साथ पीने से कीडे खत्म हो जाते है।
- * बायबिडंग का चूर्ण पांच माशे अथवा पांच ग्राम एक तोले अर्थात दस ग्राम शहद में मिलाकर चाटने से पेत की कीडे नष्ट हो जाते है।
- * नीबू के पत्तों का रस शहद में मिलाकर चाटने से पेट के कीडे नष्ट हो जाते है।
- * पांच ग्राम ढाक के बीज लेकर मट्ठे के साथ रात को निगल जायें,सुबह मल में मरे हुये कीडे निकल जायेंगे।
- * दही में कमीला मिलाकर पीने से सभी तरह के पेट के कीडे मर जाते है।
- * नारियल का छिलका पानी में औटाकर सुबह निराहार पीने से पेट के कीडे मर जाते है।
- * काले जीरे का चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से कीडे मर जाते है।
- * दो ग्राम नौसादर को देशी घी में मिलाकर खाने से कीडे मर जाते है।
- * सुबह उठकर पहले थोडा सा गुड खायें,फ़िर खुरासानी अजबायन को पानी के साथ पीस कर उस जल को पी जायें,पेट के कीडे नष्ट हो जायेंगे।
- * नीम के कडवे पत्ते और जरा सी हींग मिलाकर चबाने से तथा उसके रस को चूंसने से पेट और दांत के कीडे नष्ट हो जाते है।
- * प्याज का रस पिलाने से बालकों के पेट के कीडे खत्म हो जाते है।
- * जैतून के तेल को पिलाने और गुदा में लगाने से बच्चों के चुनचुने समाप्त हो जाते है।
- * कच्ची हल्दी को गुड में मिलाकर खिलाने से बच्चों के पेट के कीडे समाप्त हो जाते है।
- * अधिक मीठा खाने से बच्चों के मल द्वार में कीडे काटने लगते है,और बच्चा अचानक चिल्लाने लगता है,उसके मल द्वार में मिट्टी के तेल का फ़ाया लगाने के बाद चुनचुने काटना बंद कर देते है।
- * नारंगी के छिलके काटकर सुखा लें फ़िर उतनी ही मात्रा में बायबिडंग को कूट पीस कर उसमें मिलालें,आधा चम्मच चूर्ण गरम पानी से बच्चे को रोज एक बार तीन दिन तक दें,चौथे दिन एक चम्मच कैस्टर आयल दूध में डालकर पिला दें,दस्त के साथ मरे हुये कीडे निकल जायेंगे।
- * टेसू के फ़ूल लाकर उसका काढा बनाकर गुद मिलाकर पिलाने से पेट के कीडे खत्म हो जाते है। इसे सिर्फ़ तीन दिन ही पिलाना चाहिये।
भूख न लगना
हमारे शरीर की अग्नि खाये गये भोजन को पचाने का काम करती है,यदि यह अग्नि किसी कारण से मंद पड़ जाये तो भोजन ठीक तरह से नही पचता है, भोजन के ठीक से नही पचने के कारण शरीर में कितने ही रोग पैदा हो जाते है,अनियमित खानपान से वायु पित्त और कफ़ दूषित हो जाते है,जिसकी वजह से भूख लगनी बंद हो जाती है,और अजीर्ण अपच वायु विकार तथा पित्त आदि की शिकायतें आने लगती है,भूख लगनी बंद हो जाती है,शरीर टूटने लगता है,क्मुंह में साबुन सा घुलने लगता है,स्वाद बिगड जाता है,पेट में भारीपन महसूस होने लगता है,पेट खराब होने से दिमाग खराब रहना चालू हो जाता है,अथवा समझ लीजिये कि शरीर का पूरा का पूरा तंत्र ही खराब हो जाता है,इसके लिये मंन्दाग्नि से हमेशा बचना चाहिये और तकलीफ़ होने पर इन दवाओं का प्रयोग करना चाहिये।
- * भूख नही लगने पर आधा माशा फ़ूला हुआ सुहागा एक कप गुनगुने पानी में दो तीन बार लेने से भूख खुल जाती है।
- * काला नमक चाटने से गैस खारिज होती है,और भूख बढती है,यह नमक पेट को भी साफ़ करता है।
- * हरड का चूर्ण सौंठ और गुड के साथ अथवा सेंधे नमक के साह सेवन करने से मंदाग्नि ठीक होती है।
- * सेंधा नमक,हींग अजवायन और त्रिफ़ला का समभाग लेकर कूट पीस कर चूर्ण बना लें,इस चूर्ण के बराबर पुराना गुड लेकर सारे चूर्ण के अन्दर मिला दें,और छोटी छोटी गोलियां बना लें,रोजाना ताजे पानी से एक या दो गोली लेना चालू कर दे,यह गोलियां खाना खाने के बाद ली जाती है,इससे खाना पचेगा भी और भूख भी बढेगी।
- * हरड को नीब की निबोलियों के साथ लेने से भूख बढती है,और शरीर के चर्म रोगों का भी नाश होता है।
- * हरड गुड और सौंठ का चूर्ण बनाकर उसे थोडा थोडा मट्ठे के साथ रोजाना लेने से भूख खुल जाती है।
- * छाछ के रोजाना लेने से मंदाग्नि खत्म हो जाती है।
- * सोंठ का चूर्ण घी में मिलाकर चाटने से और गरम जल खूब पीने से भूख खूब लगती है।
- * रोज भोजन करने से पहले छिली हुई अदरक को सेंधा नमक लगाकर खाने से भूख बढती है।
- * लाल मिर्च को नीबू के रस में चालीस दिन तक खरल करके दो दो रत्ती की गोलियां बना लें,रोज एक गोली खाने से भूख बढती है।
- * गेंहूं के चोकर में सेंधा नमक और अजवायन मिलाकर रोटी बनवायी जाये,इससे भूख बहुत बढती है।
- * चने के प्रयोग से पाचन शक्ति बढती है,इसके लिये उबले चने चने की रोटी भुने चने खाने चाहिये।
- * मोठ की दाल मंदाग्नि और बुखार की नाशक है।
- * डेढ ग्राम सांभर नमक रोज सुबह फ़ांककर पानी पीलें,मंदाग्नि का नामोनिशान मिट जायेगा।
- * टमाटर का सास चाटते रहने से या पके टमाटर की फ़ांके चूंसते रहने से भूख खुल जाती है।
- * दो छुहारों का गूदा निकाल कर तीन सौ ग्राम दूध में पका लें,छुहारों का सत निकलने पर दूध को पी लें,इससे खाना भी पचता है,और भूख भी लगती है।
- * जीरा सोंठ अजवायन छोटी पीपल और काली मिर्च समभाग में लें,उसमे थोडी सी हींग मिला लें,फ़िर इन सबको खूब बारीक पीस कर चूर्ण बना लें,इस चूर्ण का एक चम्मच भाग छाछ मे मिलाकर रोजाना पीना चालू करें,दो सप्ताह तक लेने से कैसी भी कब्जियत में फ़ायदा देगा।
- * भोजन के आधा घंटा पूर्व चुकन्दर गाजर टमाटर पत्ता गोभी पालक तथा अन्य हरी साग सब्जियां व फ़लीदार सब्जियों के मिश्रण का रस पीने से भूख बढती है।
- * सेब का सेवन करने से भूख भी बढती है और खून भी साफ़ होता है।
- * अजवायन चालीस ग्राम सेंधा नमक दस ग्राम दोनो को कूट पीस कर एक साफ़ बोतल में रखलें,इसमे दो ग्राम चूर्ण रोजाना सवेरे फ़ांक कर ऊपर से पानी पी लें,इससे भूख भी बढेगी और वात वाली बीमारियां भी समाप्त होंगी।
- * एक पाव सौंफ़ पानी में भिगो दें,फ़िर इस पानी में चौगुनी मिश्री मिलाकर पका लें,इस शरबत को चाटने से भूख बढती है।
- * पकी हुई मीठी इमली के पत्ते सेंधा नमक या काला नमक काली मिर्च और हींग का काढा बनाकर पीने से मंदाग्नि ठीक हो जाती है।
- * जायफ़ल का एक ग्राम चूर्ण शहद के साथ चाटने से जठराग्नि प्रबल होकर मंदाग्नि दूर होती है।
- * सोंफ़ सोंठ और मिश्री सभी को समान भाग लेकर ताजे पानी से रोजाना लेना चाहिये इससे पाचन शक्ति प्रबल होती है।
- * जवाखार और सोंठ का चूर्ण गरम पानी से लेने से मंदाग्नि दूर होती है।
- * लीची को भोजन से पहले लेने से पाचन शक्ति और भूख में बढोत्तरी होती है।
- * अनार भी क्षुधा वर्धक होता है,इसका सेवन करने से भूख बढती है।
- * नीबू का रस रोजाना पानी में मिलाकर पीने से भूख बढती है।
- * आधा गिलास अनन्नास का रस भोजन से पहले पीने से भूख बढती है।
- * तरबूज के बीज की गिरी खाने से भूख बढती है।
- * बील का फ़ल या जूस भी भूख बढाने वाला होता है।
- * इमली की पत्ती की चटनी बनाकर खाने से भूख भी बढती है,और खाना भी हजम होता है।
- * सिरका सोंठ काला नमक भुना सुहागा और फ़ूला हींग समभाग मे लेकर मिला लें,रोजाना खाने के बाद भूख बढती है।
- * सूखा पौदीना बडी इलायची सोंठ सौंफ़ गुलाब के फ़ूल धनिया सफ़ेद जीरा अनारदाना आलूबुखारा और हरड समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें,मंदाग्नि अवश्य दूर हो जायेगी।
- * एक ग्राम लाल मिर्च को अदरक और नीबू के रस में खरल कर लें,फ़िर इसकी काली मिर्च के बराबर की गोलिया बना लें, यह गोली चूसने से भूख बढती है।
पेशाब वाली बीमारियां
पेशाब में जलन
- * पेशाब में जलन होने पर तुलसी के बीज और दानेदार शक्कर को दूध के साथ सुबह शाम दो दिन तक लेने से जलन और पीडा शांत होती है।
- * अनार का छिलका सुखाकर बारीक पीस लें,प्रतिदिन चार ग्राम चूरण ताजे पानी से दो तीन बार लेने से पेशाब की जलन और पीडा शांत होती है।
- * शीतल चीनी के काढे में पांच बूंदे चन्दन का तेल डालकर पीने से पेशाब की जलन शांत होती है।
- * मूली के पत्तों के आधा किलो रस में तीन ग्राम कलमी शोरा मिलाकर पिलाने से कैसी भी पेशाब रुकी हुई हो जाती है और जलन शांत होती है।
बहुमूत्र
- * मूली के नियमित प्रयोग से बहुमूत्र में आराम मिलता है
- * आंवले का रस या सूखा चूर्ण गुड के साथ मिलाकर लेने से पेशाब खुलकर आता है
- * जवाखार और मिश्री तीन तीन ग्राम ताजे जल के साथ कुछ दिन लेने से बहुमूत्र का रोग समाप्त हो जाता है
- * राई काले तिल कलमी शोरा टेसू के फ़ूल एवं दालचीनी सभी को समभाग में लेकर चूर्ण बना लें,रोज दो ग्राम सुबह शाम शहद के साथ खाने पर बहुमूत्र रोग से मुक्ति मिलती है
- * बहुमूत्र में बबूल का गोंद घी मे भून कर मक्खन के साथ सुबह को खाने से फ़ायदा होता है
- * अदरक का ताजा रस सेवन करने से रुका हुआ मूत्र जल्दी बाहर निकल जाता है,साथ ही बहुमूत्र की शिकायत भी दूर होती है
- * जामुन की गुठली एवं बहेडे का चिलका दोनो बारीक पीस लें,आठ दिन तक चार ग्राम रोज पानी के साथ लें,बार बार पेशाब आना बंद हो जायेगा
- * कलमी शोरा दस ग्राम दूध दो सौ पचास ग्राम और पानी एक किलो इन सबको मिलाकर दिन में दो बार पियें पेशाब खुलकर आयेगा बहुमूत्र रोग ठीक हो जायेगा
- * पिस्ता छ: दाने मुनक्का तीन दाने और काली मिर्च तीन दाने इन्हे सुबह शाम चबाकर पंद्रह दिन खाने से पेशाब बार बार नही आयेगा
बिस्तर पर पेशाब करना
- * बिस्तर में पेशाब करने वाले बच्चों को प्रतिदिन दो मुनक्का बीज निकालकर और एक छुहारा रात को सोने से पहले खिलायें,दही लस्सी और चावल का परहेज करें।
- * आंवले का गूदा और काले जीरा का समभाग शहद के साथ लेने पर सोते समय पेशाब निकलना बन्द हो जाता है
- * बिस्तर में पेशाब करने वाले बच्चों को एक कप ठंडे फ़ीके दूध में एक चम्मच शहद घोलकर सुबह शाम चालीस दिन तक पिलाना चाहिये,साथ ही तिल का लड्डू गुड में बनाकर रोज प्रात:काल खिलाये,शाम के समय गरम तथा शीतल पेय कतई पीने को न दें.
bahut achhi jankari di h sir ji...bahut-bahut dhanyvaad
ReplyDelete