Online Dr. P.L. Meena (डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा)

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खरबूजे से शरीर को होने वाले 10 फायदे

खरबूजे से शरीर को होने वाले 10 फायदे :-

खरबूजे में 95 फीसदी पानी के साथ विटामिन और मिनरल्स भी पाए जाते हैं। यही वजह है कि इससे शरीर को कई फायदे होते हैं। अगर इसमें मौजूद पानी से होने वाले फायदे की बात करें तो इससे शरीर को ठंडक तो मिलती ही है, साथ ही हृदय में जलन की परेशानी भी दूर होती है। वहीं यह किडनी की सफाई भी करता है। वजन कम करने में भी खरबूजा काफी फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें शुगर और कैलोरी की मात्रा ज्यादा नहीं होती है। साथ ही यह एंटी-ऑक्सीडेंट विटामिन ‘सी' का भी अच्छा स्रोत माना जाता है। यह दिल की बीमारी और कैंसर से भी बचाता है। इतना ही नहीं, खरबूजे से त्वचा को भी फायदा पहुंचता है। इसमें विटामिन ‘ए' पाया जाता है, जो त्वाचा को स्वस्थ रखने में मददगार होता है।




खरबूजे से शरीर को होने वाले 10 फायदे :-
1. कैंसर से करे बचाव खरबूजे में बड़ी मात्रा में आर्गेनिक पिगमेंट केरोटेन्वाइड पाया जाता है, जो कैंसर से बचाने के साथ ही लंग कैंसर की संभावना को भी कम करता है। यह शरीर में पनप रहे कैंसर के मूल को नष्ट कर देता है।
2. दौरा और दिल की बीमारियों से रोकथाम खरबूजे में एडेनोसीन नामक एंटीकोएगुलेंट पाया जाता है, जो रक्त कोशिओं को जमने से रोकता है। रक्त कोशिकाओं के जमने से ही दौरा और दिल की बीमारी होती है। खरबूजा शरीर में रक्त के बहाव को बनाए रखने में सहायक होता है, जिससे दौरा और दिल की बीमारियों की संभावना कम हो जाती है।
 3. पाचन के लिए अच्छा खरबूजे से शौच की समस्या भी दूर होती है। अगर आप पाचन की समस्या से जूझ रहे हैं, तो खरबूजा खाइए। इससे शौच की समस्या दूर हो जाएगी। खरबूजे में मौजूद पानी की मात्रा पाचन में सहायक होती है। इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स पेट की एसीडीटी को खत्म करते हैं, जिससे पाचन प्रक्रिया दुरुस्त रहती है।
4. त्वचा में आता है निखार हमारी त्वचा में कनेक्टिव टिशू पाए जाते हैं। खरबूजे में पाए जाने वाले कोलाजन प्रोटीन इन कनेक्टिव टिशू में कोशिका की संरचना को बनाए रखता है। कोलाजन से जख्म भी जल्दी ठीक होते हैं और त्वचा को मजबूती मिलती है। अगर आप लगातार खरबूजा खाएंगे तो त्वचे में रुखापन नहीं आएगा।
5. किडनी की बीमारी और एकजिमा से रखे दूर खूरबूजे में डाइयुरेटिक (मूत्रवर्धक) क्षमता काफी अच्छी होती है। इस कारण इससे किडनी की बीमारियां ठीक होती हैं और यह एकजिमा को कम करता है। अगर खरबूजे में नींबू मिलाकर इसका सेवन किया जाए तो इससे गठिया की बीमारी भी ठीक हो सकती है।
6. ऊर्जा को बढ़ाता है अधिकतर खरबूज में विटामिन ‘बी' पाया जाता है। विटामिन 'बी' शरीर में ऊर्जा के निर्माण में सहायक होता है। सूगर और कार्बोहाइड्रेट को संसाधित करने में यह ऊर्जा शरीर के लिए आवश्यक होती है।
7. वजन कम करने मददगार अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो खरबूजा इसके लिए आदर्श जरिया हो सकता है। इसमें काफी कम मात्रा में सोडियम पाया जाता है। साथ ही यह फैट और कोलेस्ट्रोल से भी मुक्त होता है। वहीं इससे काफी कम कैलोरी मिलती है। एक कप खरबूजे में सिर्फ 48 कैलोरी ऊर्जा होती है। खरबूजे में पाए जाने वाले प्रकृतिक मीठेपन से आप उच्च कैलोरी वाली मिठाईयों से भी दूर रहेंगे।
8. आंखें भी रहती हैं सुरक्षित आंखों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन ‘ए' की आवश्यकता होती है। खरबूजा यह विटामिन बीटा-कारोटीन के रूप में उपलब्ध कराता है। डब्ल्यूएचएफ के अनुसार रोज तीन बार उच्च बीटा-कारोटीन फल खाने से मैकुलर डीजेनेरेशन का खतरा 1.5 बार खाने वालों की तुलना में 36 प्रतिशत कम हो जाता है। मैकुलर डीजेनेरेशन ढलती उम्र के साथ होने वाली समस्या है, जिससे आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
9. तनाव से मुक्ति जब आप तनावग्रस्त होते हैं तो खरबूजे में मौजूद पोटेशियम इससे उबरने में सहायक होता है। पोटेशियम दिल को सामान्य रूप से धड़कने में मदद करता है, जिससे मस्तिष्क में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है और यह सुचारू रूप से कार्य करता है।
10. मधुमेह मधुमेह के रोगी को अक्सर भूख लगती रहती है, क्योंकि उनके आहार में शुगर और ऊर्जा की मात्रा कम होती है। ऐसे रोगी के लिए खरबूजे का जूस अच्छा आहार हो सकता है। विशेषज्ञ हमेशा मधुमेह के रोगी को खरबूजे का जूस लेने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह रक्त में सूगर के स्तर को कम करता है। स्त्रोत : बोल्ड स्काई

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खरबूजा(Facts about melon)

खरबूजे की सभी प्रजातियां सारी दुनिया में गर्मियों में ही होती हैं, चूंकि यह गर्मियों का फल है। अतः गर्मियों का मौसम जब तापमान 38 से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच हो तब खाना लाभप्रद है।

100 ग्राम खरबूजे की मात्रा के आधार पर पाये जाने वाले तत्व :–
  1. प्रोर्टिन-0.3 ग्राम,
  2. कैल्शियम-32 मिग्रा.,
  3. मैग्नेशियम-31 मिग्रा.,
  4. पोटेशियम-341 मिग्रा.,
  5. क्लोंरीन-14 मिग्रा.,
  6. सोडियम-104.6 मिग्रा.,
  7. सल्फर-32 मिग्रा.
खरबूजे का शरीर में क्षारीय प्रभाव होता है। अतः यह खून के PH व अन्य अंगों के द्रवों के च्भ् को बनाये रखता है। खरबूजे के साथ धारणा रही है कि यदि खरबूजा दोपहर में खाया जाए या इसके साथ पानी पीया जाए तो हैजा हो जाता है, ऐसा कदापि नहीं हैं। खरबूजा प्रोर्टिन व विटामिन्स वाला पदार्थ है। इसे दिन में कभी भी व कैसे भी खाया जा सकता है। 

रोग नाशक :–
खरबूजा अधिक क्षारिय प्रभाव पैदा करने वाला फल है। अतः इस कारण यह कई रोगों का नाशक है। खरबूजे में पाये जाने वाला कैल्शियम पोटेशियम व सोडियम दूध पिलाने वाली मात्राओं में दूध की बढ़ोतरी करता है। खरबूजे का सल्फर व कैरोटिन रक्त कोशिकाओं को फैलाता है, फलस्वरूप रक्तचाप कम होता है। यदि उच्च रक्तचाप वाला व्यक्ति एक किग्रा से डेढ़ किग्रा तक खरबूजे का प्रतिदिन सेवन करता है तो कोशिकाओं का फैलाव व लचीलापन तेजी से बढ़ता है और रक्तचाप को सामान्य लाने में मदद करता है। खरबूजे में पानी की मात्रा 93 प्रतिशत होती है जो कि एक्लालाइन है। अतः इस कारण यह गुर्दे की पथरी, जिगर की बीमारी को ठीक करता है। खरबूजा मूत्रवर्धक होने के कारण यह पेशाब के माध्यम से शरीर से उन अनावश्यक तत्वों को बाहर कर देता है, जिनको कि शरीर को जरूरत नहीं है। यह शरीर के आन्तरिक अंगों की सफाई का सशक्त माध्यम है।

विशेष :–
प्रकृति ने प्रत्येक फल को उसके हिसाब से पूर्ण बनाकर भेजा है। खरबूजे को भी अपने तरीके से पूर्ण बनाया है। इसमें पाया जाने वाला ग्लूकोज उच्च क्लालिटी का होने के कारण शीघ्र ही पचता है। जब खरबूजे को किसी फल, शक्कर या दूध के साथ मिलाकर खाया जाता है जो खरबूजे की क्रियाशीलता को कम करता है। साफ–स्वच्छ, ठण्डा व पका हुआ फल उर्जा से भरपूर होता है। गर्मियों के मौसम में इसका भरपूर प्रयोग शीतलता व ताजगी देता है। 
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खरबूजा खाएं वजन घटाएं
04.06.13

खरबूजा एंटी ऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है। इसलिए खरबूजा खाने वालों को दिल की बीमारियां और कैंसर होने की आशंका कम रहती है।

सरल शब्दों में कह दिया जाता है कि खरबूजे में तो पानी ही होता है, लेकिन 95 फीसद पानी समेटे हुए खरबूजे में वे विटामिन और मिनरल्स भी मौजूद होते हैं, जिनके चलते खरबूजे से शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं।

इसमें मौजूद द्रव्य से शरीर को ठंडक तो मिलती ही है, हृदय में जलन जैसी शिकायत भी दूर हो जाती हैं। नियमित रूप से खरबूजे का सेवन करने वालों की किडनी स्वस्थ बनी रहती है। साथ ही, यह शरीर का वजन कम करने में भी मददगार है। 

खरबूजे में शुगर और कैलोरी की मात्रा ज्यादा नहीं पायी जाती। यह एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में विटामिन का अच्छा स्रोत है। इसलिए खरबूजा खाने वालों को दिल की बीमारियां और कैंसर होने की आशंका कम रहती है। 

इसमें विटामिन ए मौजूद रहने के चलते यह हमारी त्वचा को सेहतमंद रखने में भी सहायक है। इसलिए इस मौसम में खरबूजे का खूब इस्तेमाल कर गर्मी दूर भगाइए और सेहतमंद बन जाइए।

दस लाभ 

खरबूजा लंग कैंसर से हमारे शरीर की रक्षा करने में मदद कर सकता है। साथ ही, इसमें मौजूद विटामिन सी और बिटा-कैरोटेन मिलकर कैंसर रोकने में सहायक हो सकते हैं।

इसे गर्मी के मौसम का परफेक्ट फ्रूट माना गया है। इसमें मौजूद पानी की ज्यादा मात्रा शरीर में पानी की कमी की भरपाई करता है। इसी वजह से हमारा शरीर गर्मियों में पसीने के रूप में शरीर से निकले पानी के भरपाई तुरंत कर लेता है।

इस मौसम में खरबूजा शरीर की गर्मी और उससे जुड़े बीमारियों को रोक देता है। अगर आप नियमित रूप से अपने शरीर में मौजूद कैलोरी को जानने के आदी हैं तो रोज खरबूजे खाइए।

वजन कम करता है खरबूजा

वजन कम करने की इच्छा वालों के लिए खरबूजा बहुत अनुकूल फल है, क्योंकि इसमें काफी मात्रा कैलोरी या शुगर मौजूद होती है। इसलिए खरबूजे को काफी उम्दा फल समझना चाहिए।

इसके गूदे में मौजूद नारंगी रंग के रेशे या फाइबर काफी मुलायम होते हैं, जिन्हें कब्जियत की शिकायत रहती है, वे खरबूजा खाएं, तो इससे फायदा होता है।

खरबूजे में कई विटामिन

खरबूजे में उच्च स्तर का बेटाकैरोटेन, फोलिक एसिड, पोटैशियम, विटामिन सी और ए मौजूद होते हैं। इसलिए अगर आप सेहतमंद और जवां दिखना चाहते हैं तो अपने दैनिक आहार में खरबूजे को शामिल करना मत भूलिएगा।

खरबूजे में मौजूद पोटैशियम शरीर से सोडियम को निकालने का काम करता है, जिससे हाई ब्लडप्रेशर को लो करने में मदद मिलती है।

पीरियड के दौरान महिलाओं को खरबूजा खाते रहना चाहिए, क्योंकि यह हेवी फ्लो और क्लॉट्स को कम कर देता है। थकान में भी यह राहत देता है। साथ ही, यह नींद ना आने की बीमारी को भी भगाता है।
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छोटा सा खरबूजा है, बड़े काम की चीज
14.05.13

सुरेश चौहान

ग्वालियर। हर मौसम के फल यानी मौसमी फल हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होते हैं ऐसा ही एक फल है गर्मियों में आने वाला फल खरबूज जो अपने विशेष स्वाद और सुगंध के लिए ही जाना जाता है।

खरबूजे की सभी प्रजातियां सारी दुनिया में गर्मियों में ही पैदा होती हैं, चूंकि यह गर्मियों का फल है गर्मियों का मौसम जब तापमान 38 से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच हो तब खाना लाभप्रद है। एक खरबूजे में प्रोटिन, कैल्शियम, मैग्नेशियम, पौटेशियम, क्लोरिन, सोडियम व सल्फर प्रचूर मात्रा में पाया जाता है।

आखों के लिए फायदेमंद
- आंखों के लिए विटामिन ए बहुत लाभदायक माना जाता है। खरबूजा इसीलिए आंखों के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि खरबूजा विटामिन बीटा-कारोटीन के रूप में विटामिन ए उपलब्ध कराता है। डब्ल्यूएचएफ के अनुसार रोज तीन बार उच्च बीटा-कारोटीन फल खाने से मैकुलर डीजेनेरेशन का खतरा 1.5 बार खाने वालों की तुलना में 36 प्रतिशत कम हो जाता है। मैकुलर डीजेनेरेशन ढलती उम्र के साथ होने वाली समस्या है, जिससे आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

केंसर को पनपने से रोकता है
शरीर में उपस्थित कोशिकाएं जिनसे मिलकर हमारा पूरा शरीर बना है अगर किसी एक भी अंग में वे अनियंत्रित रूप से बढऩे लगती हैं तो कैंसर हो जाता है।कैंसर को एक खतरनाक बीमारी माना जाता है ये बीमारी अगर ज्यादा बढ़ जाए तो लाइलाज हो जाती है। इसीलिए इस बीमारी से बचे रहना जरुरी है और बचने के लिए कुछ बहुत ज्यादा करने की जरुरत नहीं है बस सिर्फ अपनी दिनचर्या व खानपान में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाए तो कैंसर से हमेशा बचा रहा जा सकता है। खरबूजा एक ऐसा ही फल है इसमें बड़ी मात्रा में आर्गेनिक पिगमेंट केरोटेन्वाइड पाया जाता है, जो कैंसर से बचाने के साथ ही लंग कैंसर की संभावना को भी कम करता है। यह शरीर में पनप रहे कैंसर के मूल को नष्ट कर देता है।

डायबिटीज रोगियों के लिए भी स्वादिष्ट दवा
- डायबिटीज के रोगियों के लिए भी खरबूजा एक औषधि की तरह काम करता है। उनके आहार में शुगर और ऊर्जा की मात्रा कम होती है। ऐसे रोगी के लिए खरबूजे का जूस अच्छा आहार हो सकता है। विशेषज्ञ हमेशा मधुमेह के रोगी को खरबूजे का जूस लेने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह ब्लड में शुगर लेवल को नियंत्रित करता है।

वजन कम करना है तो खरबूजा खाएं
- अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो गर्मियों में खरबूजा जरूर खाएं। इसमें काफी कम मात्रा में सोडियम पाया जाता है। साथ ही यह फैट और कोलेस्ट्रोल से भी मुक्त होता है। वहीं इससे काफी कम कैलोरी मिलती है। एक कप खरबूजे में सिर्फ 48 कैलोरी ऊर्जा होती है। खरबूजे में पाए जाने वाले प्रकृतिक मीठेपन से आप उच्च कैलोरी वाली मिठाईयों से भी दूर रहेंगे।

निखर जाएगी त्वचा, रूखापन नहीं आएगा
- पुरानी खाज में खरबूजे का रस लाभदायक है।खरबूजे में विटामिन सी पाया जाता है।हमारी त्वचा में कनेक्टिव टिशू पाए जाते हैं। खरबूजे में पाए जाने वाले कोलाजन प्रोटीन इन कनेक्टिव टिशू में कोशिका की संरचना को बनाए रखता है। कोलाजन से जख्म भी जल्दी ठीक होते हैं और त्वचा को मजबूती मिलती है। अगर आप लगातार खरबूजा खाएंगे तो त्वचा के रुखेपन नहीं आएगा।

हार्टअटैक की संभावना पर ही कर डालाता है अटैक
- खरबूजे में एडेनोसीन नामक एंटीकोएगुलेंट पाया जाता है, जो रक्त कोशिओं को जमने से रोकता है। रक्त कोशिकाओं के जमने से ही दौरा और दिल की बीमारी होती है। खरबूजा शरीर में रक्त के बहाव को बनाए रखने में सहायक होता है, जिससे दौरा और दिल की बीमारियों की संभावना कम हो जाती है। अधिकतर खरबूज में विटामिन बी पाया जाता है। विटामिन बी शरीर में ऊर्जा के निर्माण में सहायक होता है। सूगर और कार्बोहाइड्रेट को संसाधित करने में यह ऊर्जा शरीर के लिए आवश्यक होती है।

कोई टाइम लिमिट नहीं, कभी भी खाइए
खरबूजे का शरीर में क्षारीय प्रभाव होता है, यह शरीर में रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में सहायता करता है। खरबूजे के साथ धारणा रही है कि यदि खरबूजा दोपहर में खाया जाए या इसके साथ पानी पीया जाए तो हैजा हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। खरबूजा एक विटामिन्स व प्रोटिन से भरपूर फल है जिसे कभी भी खाया जा सकता है।

आलस भगाता है, ताजगी लाता है
खरबूजे में ग्लूकोज उच्च क्लालिटी का होने के कारण शीघ्र ही पचता है। जब खरबूजे को किसी फल, शक्कर या दूध के साथ मिलाकर खाया जाता है जो खरबूजे की क्रियाशीलता को कम करता है। साफ ,स्वच्छ, ठण्डा व पका हुआ फल उर्जा से भरपूर होता है। गर्मियों के मौसम में इसका भरपूर प्रयोग शीतलता व ताजगी देता है।

हाईब्लडप्रेशर में भी काम की चीज
हाईब्लडप्रेशर वाला व्यक्ति एक किग्रा से डेढ़ किग्रा तक खरबूजे का प्रतिदिन सेवन करता है तो कोशिकाओं का फैलाव व लचीलापन तेजी से बढ़ता है और रक्तचाप को सामान्य लाने में मदद करता है। खरबूजे में पानी की मात्रा 93 प्रतिशत होती है इसलिए खरबूजा पेशाब के माध्यम से शरीर से उन अनावश्यक तत्वों को बाहर कर देता है जिनको कि शरीर को जरूरत नहीं है। यह शरीर के आन्तरिक अंगों की सफाई का सशक्त माध्यम है। इसलिए इसका सेवन पथरी के रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होता है।

मौसमी कीटाणुओं से होगी सुरक्षा
- खरबूजा गर्मियों में होने वाली कई बीमारियों को शरीर से दूर रखता है। इस कारण यह कई रोगों का नाशक है। खरबूजे में पाये जाने वाला कैल्शियम पोटेशियम व सोडियम दूध पिलाने वाली मात्राओं में दूध की बढ़ोतरी करता है। खरबूजे का सल्फर व कैरोटिन रक्त कोशिकाओं को फैलाता है,जिस कारण रक्तचाप कम होता है।

किडनी के रोगियों के लिए फायदेमंद
- खरबूजे किडनी के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। खरबूजा शरीर में डाइयुरेटिक क्षमता को बढ़ाता है। इस कारण इससे किडनी की बीमारियां ठीक होती हैं और यह एकजिमा को कम करता है। अगर खरबूजे में नींबू मिलाकर इसका सेवन किया जाए तो इससे गठिया की बीमारी भी ठीक हो सकती है।

तनाव भी दूर कर देता है
- अगर आप अक्सर तनाव में रहते हैं तो गर्मियों में खरबूजा खाना न भूलें। इसका मुख्य कारण यह है कि खरबूजे में भरपूर मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है। खरबूजे में मौजूद यही पोटेशियम इससे उबरने में सहायक होता है। पोटेशियम दिल को सामान्य रूप से धड़कने में मदद करता है, जिससे मस्तिष्क में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है और यह सुचारू रूप से कार्य करता है।

चलो कब्ज भी भगा लो
- खरबूजे से कब्ज की समस्या भी दूर होती है। अगर आप पाचन की समस्या से जूझ रहे हैं, तो खरबूजा खाइए। खरबूजे में मौजूद पानी की मात्रा पाचन में सहायक होती है। इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स पेट की एसिडिटी को खत्म करते हैं, जिससे पाचन प्रक्रिया दुरुस्त रहती है। खरबूजे के सेवन से पेट की जलन शांत होती है व यह शरीर की अम्लता को दूर करता है।
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खरबूजा शेक (Musk Melon Milk Shake)

गर्मियों में खरबूजा बाजार में खूब आ रहा है, तपती गर्मी में जूस से भरे फल गर्मी से राहत दिलाते हैं, आप इन्हैं काट कर खूब खाईये और शेक बनाईये.

खरबूजा शेक (Muskmelon Shake) आम का शेक (Mango Shake) जितना प्रचलित नहीं है लेकिन मुझे यह आम के शेक (Mango Shake) और पपीते के शेक (Papaya shake) से अधिक पसंद आता है. आईये आज खरबूजा शेक बनायें.
आवश्यक सामग्री - Ingredients for Muskmelon Milk Shake
खरबूजा - 1 मीडियम आकार का (600 ग्राम लगभग)
दूध - 300 ग्राम
चीनी - 4 बड़े चम्मच
नींबू - एक
इलाइची - 2 (यदि आप चाहें)
बर्फ के क्यूब्स
विधि - How to make Muskmelon Milk Shake

खरबूजा धोइये, छिलका उतारिये और बड़े बड़े टुकड़े में काट लीजिये.

खरबूजे के टुकड़े, चीनी इलाइची छील कर मिला कर मिक्सर से बारीक पीस लीजिये (यदि आप चाहें तो चीनी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी कर सकते हैं). ठंडा दूध डालिये और फिर से मिश्रण को फैट लीजिये.

इसमें एक नींबू निचोडिये और बर्फ के क्य़ूब्स मिलाइये और बर्फ के क्यूबस क्र्स होने तक मिक्सर को चलाइये.

लीजिये ठंडा ठंडा खरबूजा शेक (Musk Melon Milk Shake) तैयार है. ठंडा ठंडा खरबूजा शेक (Muskmelon Milk ShakJuice) को गिलास में डालिये और परोसिये.
4-5 सदस्यों के लिये
समय - 25 मिनिट
टिप्स : खरबूजा शेक (Musk Melon Milk Shake) थोड़ा बच जाय तो आप इसमें दूध से मलाई उतार कर डाल कर और दो तीन कतरे हुये काजू इसे कुल्फी के रूप में जमा सकते हैं. आपके बच्चों को खरबूजे की कुल्फी (Musk Melon Kulfi) बहुत पसंद आयेगी.
स्त्रोत : निशा मधुलिका

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--->--->श्रीमती जानकी पुरुषोत्तम मीणा जिनका 08 अप्रेल, 2012 को असमय निधन हो गया!

--->--->श्रीमती जानकी पुरुषोत्तम मीणा जिनका 08 अप्रेल, 2012 को असमय निधन हो गया!
सभी के स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना के साथ-मेरे प्यारे और दुलारे तीन बच्चों की ममतामयी अद्वितीय माँ (मम्मी) जो दुखियों, जरूतमंदों और मूक जानवरों तक पर निश्छल प्यार लुटाने वाली एवं अति सामान्य जीवन जीने की आदी महिला थी! वह पाक कला में निपुण, उदार हृदया मितव्ययी गृहणी थी! मेरी ऐसी स्वर्गीय पत्नी "जानकी मीणा" की कभी न भुलाई जा सकने वाली असंख्य हृदयस्पर्शी यादों को चिरस्थायी बनाये रखते हुए इस ब्लॉग को आज दि. 08.08.12 को फिर से पाठकों के समक्ष समर्पित कर रहा हूँ!-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'

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Cucumber कब्जी कमजोरी कमर कमर दर्द कमेड़ा करेला कर्ण वेदना कर्णरोग कष्टार्तव-Dysmenorrhea कांच निकलना काजू कान कानून सम्मत काम काम शक्ति कामवाण पाउडर कामशक्ति कामशक्ति-Sexual power कामेच्छा कामोत्तेजना कायाकल्प कार्बोहाइड्रेट कार्बोहाइड्रेट-Carbohydrates काला जीरा काला नमक काली जीरी काली तुलसी काली मिर्च काले निशान कास-खांसी-Cough किडनी किडनी संक्रमण किडनी स्‍टोन कीड़े कीमोथेरेपी कुकरौंधा कुकुंदर कुटकी-Black Hellebore कुबडापन कुमेड़ा कुल्थी कुल्ला कुष्ट कुष्ठ कृमि केला केसर कैफीन-Caffeine कैलोरी कैलोरी चार्ट कैलोरी-Calories कैवांच कैविटी कैंसर कॉफी कॉफ़ी कॉलेस्ट्रॉल कोंडी घास कोढ़ कोबरा कोलेस्ट्रॉल कोलेस्ट्रॉल-Cholesterol कोलेस्ट्रोल कौंच कौमार्य क्रियाशीलता क्रोध क्षय रोग-Tuberculosis क्षारीय तत्व क्षुधानाश खजूर खजूर की चटनी खनिज खरबूजा-Musk melon खरेंटी खरैंटी शिलाजीत खाज खांसी खिरेंटी खिरैटी खीप खीरा खुजली खुशी-Joy खुश्की खुश्बू खोया गंजापन-Baldness गठिया गठिया-Arthritis गठिया-Gout गड़तुम्बा गंडा-ताबीज गंध गन्ने का रस गरमा गरम गर्भ निरोधक गर्भधारण गर्भपात गर्भवती गर्भवती कैसे हों? गर्भावस्था गर्भावस्था की विकृतियां-Disorders of Pregnancy गर्भावस्था के दौरान संभोग-Sex During Pregnancy गर्भाशय गर्भाशय भ्रंश गर्भाशय-उच्छेदन के साइड इफेक्ट्स-Side Effects of Hysterectomy गर्म पानी गर्मी गर्मी-Heat गलगण्ड गाजर गाजवां गांठ गाँठ-Knot गारंटी गारण्टेड इलाज गाल ब्लैडर गिलोय गिल्टी गुड़हल गुंदा गुदाद्वार गुदाभ्रंश गुम्मा गुर्दे गुलज़ाफ़री गुस्सा गृध्रसी गृह-स्वामिनी गेदुआ की छाछ गैस गैस्ट्रिक गैहूं का जवारा गोक्षुरादि चूर्ण गोखरू गोखरू (LAND CALTROPS) गोंद कतीरा-Hog-Gum गोंदी गोभी-Cabbage गोरख मुंडी गोरखगांजा गोरखबूटी गोरखमुंडी ग्रीन-टी घमोरी घरेलु ​नुस्खे घाघरा घाव चकवड़ चक्कर चपाती चमत्कारिक सब्जियां चरित्र चर्बी चर्म चर्म रोग चर्मरोग चाय चाय-Tea चालीस के पार-Forty Across चिकनगुनिया चिकित्सकीय चिटकन चिंतित चिरायता-Absinth चिरोटा चुंबन चोक चौलाई छपाकी छरहरी काया छाछ छाजन बूटी छाले छींक छीकें छुअ छुआरा छुहारा छोटा गोखरू छोटा धतूरा छोटी हरड़ जंक फूड जकवड़ जख्म जंगली तिल्ली जंगली तुलसी जंगली पेड़ जंगली मिर्ची जंगली-कटीली चौलाई जटामांसी-Spikenard जलजमनी जलन जलोदर रोग-Ascites Disease जवारा जवारे जवासा-Alhag जहर जामुन का जूस जायफल जिगर जीरा जीवन रक्षक जीवनी शक्ति जुएं जुकाम जुदाई जुलाब जूएं जूस जोड़ों के दर्द जोड़ों में दर्द जौ ज्यूस ज्योति ज्वर ज्वर-Fiver झाइयाँ झांईं झाड़-फूंक झुर्रियाँ झुर्रियां झुर्री झूठे दर्द टमाटर का रस टमाटर-Tomatoes टाइफाइड टाटबडंगा टायफायड टूटी हड्डी टॉन्सिल टोटला ट्यूमर ठंड ठंडापन ठेकेदार डॉक्टर डकार डकारें डायबिटीज डायरिया डिग्री फ़ारेनहाइट डिग्री सेल्सियस डिजिसेक्सुअल डिटॉक्सीफाई डिटॉक्सीफिकेशन डिनर डिप्रेशन डिब्बाबंद भोजन डिलेवरी डीकामाली डीगामाली डेंगू डेंगू-Dengue डॉ. निरंकुश डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' डॉ. मीणा ढकार ढीलापन ढीली योनि तकलीफ का सही इलाज तंत्र-मंत्र तम्बाकू तरबूज-Watermelon तलाक ताकत तिल तिल्ली तुंबा तुंबी तुम्बा तुलसी तेल त्रिदोषनाशक त्रिफला त्वचा त्वचा रोग थकान थाईरायड थायरायड-Thyroid थायरॉइड दण्डनीय अपराध दंत वेदना दन्तकृमि दन्तरोग दमा दर वेदना दरार दर्द दर्द निवारक दर्द निवारक दवा दर्दनाक दस्त दही दाग-धब्बे-Stains-Spots दाढ़ दांत दांतो में कैविटी-Teeth Cavity दाद दाम्पत्य दाम्पत्य विवाद सलाहकार दाम्पत्य-Conjugal दाल दालचीनी दालें दिमांग दिल दीर्घायु दु:खी दुर्गंध दुर्बलता दुष्प्रभाव दुष्प्रभावरहित दूध दूध वृद्धि दूधी दूधी-Milk Hedge दृष्टिदोष दो मन द्रोणपुष्पी द्रोणपुष्पी-Leucas Cephalotes धड़कन धनिया बीज धनिया-Coriander धमासा धात धातु धातु पतन धार्मिक धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं? धैर्यहीन नज़ला नपुंसक नपुंसकता नाइट्रिक एसिड नाक नाखून नागबला नागरमोथा नाडी हिंगु नाड़ी हिंगु (डिकामाली) नामर्दी नारकीय पीड़ा नारियल नाश्ता निमोनिया निम्न रक्तचाप निम्बू नियासिन निराश निरोगधाम निर्गुण्डी निर्गुन्डी निष्कपट स्नेह निष्ठा निसोरा नींद नींबू नींबू-Lemon नीम-azadirachta indica नुस्खे नुस्खे-Tips नेगड़ नेत्र रोग नेुचरल नैतिक नॉर्मल डिलेवरी नोनिया नौसादर न्युमोनिया-Pneumonia न्यूरॉन्स पक्षघात पंचकर्म पढ़ने में मन लगेगा पंतजलि पत्तागोभी-CABBAGE पत्थर फोड़ी पत्थरचट्टा पत्नी पथरी पदार्थ पनीर पपीता पपीता-CARICA PAPPYA पमाड परदेशी लांगड़ी परम्परागत चिकित्सा परहेज पराठा परामर्श परिस्थिति पवाड़ पवाँर पाइल्स पाक-कला पाचक पाचन पाचनतंत्र पाचनशक्ति पाठक संख्या 16 लाख पार पाठक संख्या पंद्रह लाख पायरिया पारदर्शिता पारिजात पालक पालक-Spinach पित्त पित्ताशय पित्ती पिंपल-मुंहासे-Pimples-Acne पिरामिड पीलिया पीलिया-Jaundice पीलिया-कामला-Jaundice पुआड़ पुदीना पुनर्नवा-साटी-सौंटी-Punarnava पुरुष पुंसत्व पेचिश पेट के कीड़े पेट दर्द पेट में गैस पेट रोग पेड़ पेद दर्द पेरिकिटो सेसिल पेशाब पेशाब में रुकावट पेंसिल थेरेपी-Pencil Therapy पोष्टिक लड्डू पौधे पौरुष पौरुष ग्रंथि पौष्टिक रागी रोटी प्याज-Onion प्यास प्रजनन प्रतिरक्षा प्रतिरक्षा प्रणाली प्रतिरोधक प्रतिरोधक-Resistance प्रदर प्रमेह प्रवाहिका (पेचिश)-Dysentery प्रसव प्रसव सुरक्षा चक्र प्रसव-पीड़ा प्रसूति प्राणायाम प्रेग्नेंसी-Pregnancy प्रेम प्रेमरस प्रेमिका प्रेमी प्रोटीन प्रोटीन का कार्य प्रोटीन के स्रोत प्रोस्टेट प्रोस्‍टेट कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि प्रोस्टेट ग्रन्थि प्लीहा प्लूरिसी-Pleurisy प्लेटलेट्स फंगल फटन फफूंद-Fungi फरास फल फाइबर फिटकरी फुंसी-Pimples फूलगोभी-CAULIFLOWER फेंफड़े फेरम फॉस फैट फैटी लीवर फोटोफोबिया फोड़ा फोड़े-Boils फोरप्ले फोलिक एसिड फ्लू फ्लू-Flu फ्लेक्स सीड्स बकायन बकुल बड़ी हरड़ बथुआ बथुआ पाउडर बथुआ-White Goose Foot बदबू बंध्यापन बबूल-ACACIA बरसाती बीमारियाँ बरसाती बीमारियां बलगम बलवृद्धि बला बलात्कार बवासीर बहरापन बहुनिया बहुमूत्रता- बांझपन बादाम-Almonds बादाम. बाल बाल झड़ना बाल झडऩा-Hair Falling बिना सिजेरियन मां बनें बिवाई बीजबंद बीड़ी बीमारियों के अनुसार औषधियां बीमारी बील बुखार बूंद-बूंद पेशाब बेल बेली बैक्टीरिया बॉयोकैमी ब्र​ह्मदण्डी ब्रेस्ट ग्रोथ ब्लड प्रेशर ब्लैक मेलिंग ब्लॉकेज भगंदर भगंदर-Fistula-in-ano भगनासा भगन्दर भगोष्ठ भड़भांड़ भय भविष्य भस्मक रोग भावनात्मक भुई आंवला-Phyllanthus Niruri भूई आमला भूई आंवला भूख भूख बढ़ाने भूत-प्रेत भूमि भूमि आंवला भोजनलीवर मकोय मकोय-Soleanum nigrum मक्का मक्का के भुट्टे मंजीठ मटर-PEA मंद दृष्टि मंदाग्नि मदार मधुमेह मधुमेह-Diabetes मन्दाग्नि-Dyspepsia मरुआ मरोड़ मर्द मर्दाना मलाशय मलेरिया मलेरिया (Malaria) मवाद मसाले मस्तिष्क मस्से मस्से-WARTS महंगा इलाज महत्वपूर्ण लेख महाबला माइग्रेन माईग्रेन माईंड सैट माजूफल मानवव्यवहार मानसिक मानसिक लक्षण मानसिक-Mental मानिसक तनाव-Mental Stress मायोपिया मासिक मासिक-धर्म मासिकधर्म मासिकस्राव माहवारी मिनरल मिर्गी मिर्च-Chili मीठा खाने की आदत मुख मैथुन-ओरल सेक्स-Oral Sex मुख्य लक्षण मुधमेह मुलहठी मुलेठी मुहाँसे मूँगफली मूड डिस्ऑर्डर-Mood Disorders मूत्र मूत्र असंयमितता मूत्र में जलन-Burning in Urine मूत्ररोग मूत्राशय मूत्रेन्द्रिय मूर्च्छा (Unconsciousness) मूली मूली कर रस मृत्यु मृत्युदण्ड मेथी मेथी दाना मेंहदी मैथुन मोगरा (Mogra) मोटापा मोटापा-Obesity मोतियाबिंद मौत मौलसिरी मौसमी बीमारियां यकृत यकृत प्लीहा यकृत वृद्धि-Liver Growth यकृत-लीवर-जिगर-Lever यूपेटोरियम परफोलियेटम यूरिक एसिड लेबल योग विज्ञापन योन योन संतुष्टि योनि योनि ढीली योनि शिथिल योनि शूल-Vaginal Colic योनि संकोचन योनिद्वारा योनिभ्रंश योनी योनी संकोचन यौन यौन आनंद यौन उत्तेजक पिल्स (sexual stimulant pills) यौन क्षमता यौन दौर्बल्य यौन शक्तिवर्धक यौन शिक्षा यौन समस्याएं यौनतृप्ति यौनशक्ति यौनशिक्षा यौनसुख यौनानंद यौनि रक्त प्रदर (Blood Pradar) रक्त रोहिड़ा-TECOMELLA UNDULATA रक्तचाप रक्तपित्त रक्तशोधक रक्ताल्पता रक्ताल्पता (एनीमिया)-Anemia रस-juices रातरानी Night Blooming Jasmine/Cestrum nocturnum रामबाण रामबाण औषधियाँ-Panacea 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शीघ्रपतन शीस शुक्राणु शुक्राणु-Sperm शुक्राणू शुगर शोक शोथ शोध श्योनाक श्रेष्ठतर श्वास श्वांस श्वेत प्रदर श्वेत प्रदर-Leucorrhea श्वेतप्रदर षड़यंत्र संकुचन संकोच संक्रमण संक्रमित संक्रामक संखाहुली सगतरा संतरा-Orange संतान संतुष्टि सत्यानाशी सदा सुहागन सदाफूली सदाबहार सदाबहार चूर्ण सनबर्न सफ़ेद दाग सफेद पानी सफेद मूसली सब्जि सब्जी संभालू संभोग समर्पण-Dedication सरकार को सुझाव सरफोंका सरहटी सर्दी सर्दी-जुकाम सर्पक्षी सर्पविष सलाद संवाद संवेदना सहदेई सहदेवी सहानभूति साइटिका साइटिका-Sciatica साइड इफेक्ट्स साबूदाना-Sago सायटिका सिगरेट सिजेरियन सिर दर्द सिर वेदना सिरका सिरदर्द सिरोसिस सी-सेक्शन सीजर डिलेवरी सुगर सुदर्शन सुहागा सूखा रोग सूजन सेक्स सेक्स उत्तेजक दवा सेक्स परामर्श-Sex Counseling सेक्स पार्टनर सेक्स पावर सेक्स समस्या सेक्स हार्मोन सेक्‍स-Sex सेंधा नमक सेब सेमल-Bombax Ceiba सेल्स सोजन-सूजन सोंठ सोना पाठा सोयाबीन सोयाबीन (Soyabean) सोयाबीन-Soyabean सोराइसिस सोरियासिस-Psoriasis सौंठ सौंदर्य सौंदर्य-Beauty सौन्दर्य सौंफ सौंफ की चाय सौंफ-Fennel स्किन स्खलन स्तन स्तन वृद्धि स्तनपान स्तम्भन स्त्री स्त्रीत्व स्त्रैण स्पर्श स्मृति-लोप स्वप्न दोष स्वप्नदोष स्वप्नदोष-Night Fall स्वभाव स्वभावगत स्वरभंग स्वर्णक्षीरी स्वस्थ स्वास्थ्य स्वास्थ्य परामर्श स्वास्थ्य रक्षक सखा हजारदानी हड़जोड़ हड्डी हड्डी में दर्द हड्डी संक्रमण हड्डीतोड़ ज्वर हड्डीतोड़ बुखार हरड़ हरसिंगार हरी दूब-CREEPING CYNODAN हरीतकी हर्टबर्न हस्तमैथुन हस्तमैथुन-Masturbation हाई बीपी हाथ-पैर नहीं कटवायें हारसिंगार हालात हिचकी हिचकी-Hiccup हिमोग्लोबिन-hemoglobin हिस्टीरिया हिस्टीरिया-Hysteria हींग हीनतर हुरहुर हुलहुल हृदय हृदय-Heart हेपेटाइटिस हेपेटाईटिस हेल्थ टिप्स-Health-Tips हेल्थ बुलेटिन हैजा हैपीनेस-Happiness हैल्थ होम केयर टिप्स-Home Care Tips होम्यापैथ होम्योपैथ होम्योपैथिक होम्योपैथिक इलाज होम्योपैथिक उपचार होम्योपैथी होम्योपैथी-Homeopathy