Summary : From the day life begin on earth till today, herbs have played a major role in gifting human a long and healthy life. Gokshura is amongst those treasured herbs that have been providing health benefits to living beings for millennia of years. This is amongst the few ayurvedic herbs that balances all the doshas (vata, kapha and pitta) and improves the overall health condition. According to an ayurvedic concept, the herbs which resemble the shape of any organ are best for the health of that organ. And since gokshura’s shape is similar to that of kidneys and bladder, it is widely used in the treatment of urinary disorders. Apart from urinary system, it is also miraculous for reproductive organs. It strengthens the reproductive organs, shoos off the sex ailments and is capable of replacing infertility with fertility. It has also proved its efficacy in alleviating the arthritis and sciatica pain. It is also widely used as an aid in body building and is entrusted with gifting youthful and glowing skin. But don’t get overwhelmed with its benefits and use it instantly. Before using it and harnessing its health benefits, do consider its side-effects and precautions. Be on safer side and use it on doctor’s consult only.
Gokshura Benefits, Uses and Side effects in Hindi
गोखरू के फायदे, उपयोग एवं नुकसान
Gokshura Side Effects – गोखरू के नुकसान
हर सिक्के के दो पहलू होते है, यदि किसी के फ़ायदे होते है तो नुकसान भी छुप नहीं सकते। गोखरू के फ़ायदे तो अत्यंत हैं ही परंतु दुष्प्रभाव भी कम नहीं है जो ज़्यादा उपयोग या दुष्प्रयोग की वज़ह से सामने आ सकते हैं।

- 1. एक दिन में 3 ग्राम से ज़्यादा गोक्षुर का सेवन नहीं करना चाहिए।
- 2. इसकी खुराक रोग व स्वास्थ्य की स्थिति पर भी निर्भर करती है।
- 3. यह बेहतर होगा, अगर आप डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें।
- 4. लंबी अवधि के लिए इसका सेवन पौरुष ग्रंथि के लिए नकारात्मक हो सकता है।
- 5. स्तन व पौरुष ग्रंथि कैंसेर रोगी को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- 6. गर्भावस्था एवं शिशु को स्तनपान कराने के दौरान इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- 7. जिन बच्चों को मधुमेह या फिर उच्च रक्तचाप की शिकायत है, वे इसका सेवन डॉक्टर से पूछ कर ही करें।
- 8. इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से पीलिया एवं गुर्दों के विकार हो सकते है।
- 9. पीलिया ग्रस्त रोगी को गोक्षुर केवल थोड़ी मात्रा में ही खानी चाहिए।
- 10. इसका ज़्यादा सेवन करने से पाचन शक्ति व निद्रा पर भी दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
- 11. इसका ज़्यादा सेवन मासिक धर्म चक्र (menstrual cycles) पर भी असर डाल सकता है।
- 12. गोखरू को गोक्षुर चूरन और कैप्सूल के रूप में भी ले सकते हैं।
- >>>>>--इसलिए गोखरू का उपयोग सावधानी से और डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
इसलिए गोखरू का उपयोग सावधानी से और डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। गोखरू को गोक्षुर चूरन और कैप्सूल के रूप में भी ले सकते हैं।
गोखरू या ‘गोक्षुर’ प्राचीन औषधीय पौधा है जो चिकित्सा प्रणाली में दुनिया में बहुत ही व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यह आयुर्वेद में उन चन्द औषधियों में से एक है जो तीनों दोषों (वात, कफ व पित्त) को संतुलित कर संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
आयुर्वेद में एक सिद्धांत है कि जो औषधि अंगों के आकार के समान होती है, वो उन अंगों के लिए अत्यंत फलदायी होती है।
चूँकि गोक्षुर दिखने में गुर्दे और मूत्राशय जैसे होता है, यह इन दो अंगों के लिए अत्यंत हितकारी एवं गुणकारी है। गुर्दे (kidney) और मूत्राशय (bladder) के विकारों के अलावा यह सेक्स-संबंधी रोग, गृध्रसी (sciatica), गठिया (arthritis), बांझपन (infertility), खांसी (cough), श्वास कष्ट/दमा (asthma), बवासीर (constipation), वात आदि रोगों में भी लाभदायक है।
Gokshura Benefits and Uses
गोखरू के फायदे व उपयोग
Gokshura for Urinary Tract
गोखरू के फायदे मूत्र प्रणाली के लिए
गोखरू मूत्र प्रणाली को सशक्त कर उसे हर विकार से बचाता है। यह मूत्रवर्धक प्रभावक है और पेशाब में जलन व पेशाब करते हुए दर्द से मुक्ति दिलाता है। यह मूत्र पथ के संक्रमण (urinary tract infections), मूत्राशयशोध (cystitis), मूत्र पथरी (urinary calculi), पथरी (kidney stones) आदि मूत्र प्रणाली विकारों में बहुत ही लाभदायक है। यह मूत्राशय एवं गुर्दों को साफ कर सारें विकारों को दूर भगाता है तथा मूत्रबाधक का विनाश कर मूत्र के प्रवाह को नियमित करता है। गोक्षुर पौरुष ग्रंथि के लिए भी लाभकारी है। यह बड़े हुए पौरुष ग्रंथि को सही कर मुत्रा में आई बाधा को मिटाता है।
(मूत्र प्रणाली के लिए आयुर्वेदिक इलाज खरीदें)
Gokshura for Erectile Dysfunction
गोखरू का फायदा इरेक्टाइल डिसफंक्शन में
गोखरू पुरुष के प्रजनन अंगों को स्वस्थ रखता है एवं शुक्राणु (Sperm) की गुणवत्ता, गतिशीलता व आयतन को बढ़ावा देता है। यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन के मामले में और कामेच्छा बढ़ाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
(शीघ्रपतन यानि प्रीमैच्योर एजैक्युलेशन रोकने का आयुर्वेदिक इलाज खरीदें)
Gokshura for Infertility and Sex Disorders
गोखरू के फायदे बांझपन व यौन विकारों से मुक्ति के लिए
गोखरू एक प्रभावी कामोद्दीपक (Aphrodisiac) के रूप में कार्य करता है और कामेच्छा (सेक्स की इच्छा) के स्तर को बढ़ाता है। यह वीर्य (semen) की मात्रा को बढ़ाने में और इसकी गुणवत्ता में भी सुधार लाने में बहुत फायदेमंद है।
यह यौन अंग में रक्त-प्रवाह को संचालित करता है और टेस्टोस्टेरोन (testosterone) के स्तर को जागृत करने में मदद करता है। यह शरीर में हार्मोन (Hormone) की प्राकृतिक उत्पादन को उत्तेजित करता है और बेहतर सेक्स जीवन को प्राप्त करने में मदद करता है। इसके सेवन से इरेकटाइल डिसफंकशन (erectile dysfunction), पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग (Polycystic Ovarian Disease) और बांझपन (infertility) जैसे यौन विकार भी ठीक हो जाते है।
(बांझपन का आयुर्वेदिक उपचार खरीदें)
Gokshura Benefits for Arthritis
गठिया में आयुर्वेद उपचार है गोखरू
गोखरू जोड़ो में जलन व सूजन को कम करता है अथवा उनकी गतिशीलता में सुधार लाता है।
Gokshura for Bodybuilding
शरीर सौष्ठव की खुराक है गोखरू
गोखरू का सेवन करने से शरीर सौष्ठव क्रिया में सहायता मिलती है। यह मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाता है और शरीर की संरचना में सुधार लाता है।
Gokshura Benefits for Sciatica
गोखरू का लाभ है गृध्रसी में
गोखरू गृध्रसी की वजह से होने वाले दर्द व सूजन से राहत दिलाने में अत्यंत लाभकारी है। यह मांसपेशियों में जकड़न को समाप्त करता है और गतिशीलता में सुधार लता है।
(गृध्रसी का आयुर्वेदिक उपचार खरीदें)
Gokshura Benefits for clean and glowing skin
गोखरू के फायदे साफ एवं चमकती त्वचा के लिए
गोखरू त्वचा को साफ रखता है और त्वचा संबंधित विकारों को दूर रखता है। यह त्वचा में जलन, सूजन व खुजली से राहत देता है और कीटानाशक प्रदार्थों का विनाश करता है।
(त्वचा रोग का आयुर्वेदिक उपचार खरीदें)
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Online Dr. P.L. Meena (डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा)
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