वायरल बुखार के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies For Viral Fever)
तापमान में अचानक परिवर्तन होने या संक्रमण का दौर होने पर अधिकतर लोग बुखार से पीड़ित होते हैं। ऐसा ही एक मौसमी संक्रमण वाला बुखार होता है वायरल बुखार (Viral Fever)। इस बुखार से निपटने के लिए कुछ एंटीबायोटिक दवाओं या कुछ ओटीसी (ओवर-द-काउंटर) का सहारा लिया जाता है। आप चिकित्सक के पास जाएं उससे पहले कुछ घरेलू नुस्खे आजमाकर भी बुखार को कम या इससे पूरी तरह आराम पाया जा सका है। वायरल बुखार के के लिए प्राकृतिक इलाज सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध है। आइए आपको बताते वायरल बुखार के इलाज के लिए कुछ आसान घरेलू उपचार, जो कि निम्नलिखित हैं-
1. धनिया चाय (Coriander Tea)
धनिया के बीज में phytonutrients (a substance found in certain plants which is believed to be beneficial to human health and help prevent various diseases. In fact, recent studies show that eating salads with fat-free salad dressing may prevent your body from absorbing beneficial phytonutrients!) होते हैं जो कि शरीर को विटामिन देते हैं और अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ाते हैं। धनिया में मौजूद एंटीबायोटिक यौगिक वायरल संक्रमण से लड़ने की शक्ति देते हैं।
कैसे तैयार करें- एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्म्च धनिया के बीच डालकर उबाल लें। इसके बाद इसमें थोड़ा दूध और चीनी मिलाएं। धनिया की चाय तैयार है, इसे पीने से वायरल बुखार में बहुत आराम मिलता है।
2. डिल बीज का काढ़ा (Brew of Dill seed)
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और शरीर को आराम देने के अलावा, डिल बीज शरीर के तापमान को कम करने में भी उपयोगी होते हैं। इसका कारण इनमें Flavonoids Osmond Pins उपस्थिति होते हैं। डिल बीज का काढ़ा वायरल बुखार में राहत देने के साथ ही शक्तिशाली रोगाणुरोधी एजेंट का कार्य करता है।
कैसे तैयार करें- एक कप उबलते पानी में डिल बीज डालें और उबलनें दें इसके बाद इसमें एक चुटकी दालचीनी डालें। गर्म चाय की तरह पिएं।
3. तुलसी के पत्ते का काढ़ा (Brew of Basil leaves)
वायरल बुखार के लक्षण होने पर प्राकृतिक उपचार के लिए सबसे प्रभावी और व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली औषधि है तुलसी के पत्ते। बैक्टीरियल विरोधी, कीटाणुनाशक, जैविक विरोधी और कवकनाशी गुण तुलसी को वायरल बुखार के लिए सबसे उत्तम बनाते हैं।
कैसे तैयार करें- आधे से एक चम्मच लौंग पाउडर को करीब 20 ताजा और साफ तुलसी के पत्तों के साथ एक लीटर पानी में डालकर उबाल लें। पानी को तब तक उबालें जब तक कि पानी घट कर आधा न रह जाए। इस काढ़े का हर दो घंटे में सेवन करें।
4. चावल स्टार्च (Rice starch)
वायरल बुखार के इलाज के लिए प्राचीन काल से आम घर उपाय है चावल स्टार्च (हिंदी में कांजी के रूप में जाना जाता है)। यह पारंपरिक उपाय प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ा देता है। यह विशेष रूप से वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों और बड़े लोगों के लिए, एक प्राकृतिक पौष्टिक पेय के रूप में कार्य करता है।
कैसे तैयार करें- एक भाग चावल और आधा भाग पानी डालकर चावल के आधा पकने तक पकाएं। इसके बाद पानी को निथार कर अलग कर लें और इसमें स्वादानुसार नमक मिलाकर, गर्म गर्म ही पिएं। इससे वायरल बुखार में बहुत आराम मिलता है।
5. सूखी अदरक मिश्रण (Dry ginger mixture)
अदरक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है। इसमें एंटी फ्लेमेबल, एंटीऑक्सिडेंट और वायरल बुखार के लक्षणों को कम करने के लिए Analgesic गुण होते हैं। इसलिए, वायरल बुखार से पीड़ित लोगों को परेशानी को दूर करने के लिए शहद के साथ सूखी अदरक का उपयोग करना चाहिए।
कैसे करें तैयार- एक कप पानी में दो मध्यम आकार के सूखे टुकड़े अदरक या सौंठ पाउडर को डालकर उबालें। दूसरे उबाल में अदरक के साथ थोड़ी हल्दी, काली मिर्च, चीनी आदि को उबालें। इसे दिन में चार बार थोड़ा थोड़ा पिएं। इससे वायरल बुखार में आराम मिलता है।
6. मेथी का पानी (Fenugreek Water)
रसोई घर में आसानी से उपलब्ध, मेथी के बीज में डायेसजेनिन, सपोनिन्स और एल्कलॉइड जैसे औषधीय गुण शामिल है। मेथी के बीजों का प्रयोग अन्य बहुत सी बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है और यह वायरल बुखार के लिए बेहतरीन औषधि है।
कैसे तैयार करें- आधा कप पानी में में एक बड़ा चमचा मेथी के बीच भिगोएँ। सुबह में, वायरल बुखार के इलाज के लिए नियमित अंतराल पर इस पेय को पिएं। कुछ और राहत के लिए मेथी के बीज, नींबू और शहद का एक मिश्रण तैयार कर उसका प्रयोग भी किया जा सकता है।
नोट- ये केवल घरेलू उपचार हैं, और इन्हें चिकित्सा सलाह के स्थान पर प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। यदि आपका बुखार नहीं उतर रहा है तो आपको डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए और उनके दिशा निर्देश का पालन करना चाहिए।
: http://health.raftaar.in/disease/viral-fever_home-remedies-for-viral-fever
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वायरल फीवर साधारणतः मौसम के बदलने के समय होता है। जब भी मौसम बदलता है तब तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण शरीर का प्रतिरक्षी तंत्र (immune system) थोड़ा कमजोर हो जाता है जिसके कारण वायरस से शरीर जल्दी संक्रमित (infected) हो जाता है।
वैसे तो वायरल फीवर के लक्षण अन्य आम फीवर के तरह ही होते हैं मगर इसको नजर अंदाज करने पर अवस्था गंभीर हो सकती है। फीवर होने के प्रथम अवस्था में गले में दर्द, थकान, खाँसी आदि होता है। जिसको लोग नजरअंदाज कर देते हैं, और इसी नजर अंदाज के कारण वायरस को पनपने में आसानी होती है। पढ़े:
डेंगू: कारण, लक्षण और बचने के उपाय
जब शरीर वायरस से संक्रमित होता है तब शरीर में यह लक्षण नजर आते हैं-
- • थकान
- • मांसपेशियों या बदन में दर्द
- • तेज बुखार
- • ग्रस्नी ( pharynx) में सूजन
- • सर्दी
- • गले में दर्द
- • सर दर्द
- • आँखो में लाली और जलन का अनुभव
- • खाँसी
- • जोड़ो में दर्द
- • दस्त (diarrhea)
- • त्वचा के ऊपर रैशज़
वैसे तो वायरल फीवर से लड़ने के लिए डॉक्टर एन्टीबायोटिक (antibiotic), एस्पिरिन (aspirin) और पेरासिटामोल (paracetamol) जैसे दवाईयाँ देते हैं, जिससे जल्द राहत मिल जाती है। लेकिन घरेलु उपाय के द्वारा भी इससे राहत मिल सकता है, वह भी बिना किसी पार्श्व प्रभाव (side effect) के।
1• धनिया चाय- धनिया में फाइटोनूट्रीअन्ट (phytonutrients) और विटामिन होता है जो प्रतिरक्षी तंत्र को उन्नत करने में बहुत सहायता करता है। धनिया प्राकृतिक तरीके से वायरल फीवर से लड़ने में मदद करता है।
बनाने की विधि:
एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच धनिया के दाने डालें और उसको थोड़ा उबाल लें। उसके बाद कप में छानकर स्वाद के अनुसार थोड़ा-सा दूध और चीनी डालकर पीने से बुखार से राहत मिलता है।
2• सोआ का काढ़ा- यह शरीर के प्रतिरक्षी तंत्र को तो उन्नत करता ही है साथ ही बुखार को कम करने में भी सहायता करता है। फल्वेनॉयड (flavonoids) और मोनोटर्पीन (monoterpenes) के गुण होने के कारण यह फीवर से राहत दिलाने में मदद कर पाता है।
बनाने की विधि:
एक कप पानी में एक बड़ा चम्मच सोआ के दाने, एक छोटा चम्मच काली मिर्च और एक छोटा चम्मच कलौंजी डालकर दस मिनट तक उबालें। उबालने के बाद एक कप में छान लें और उसमें एक चुटकी दालचीनी का पावडर डालकर अच्छी तरह से मिला लें। काढ़ा को पीने से बुखार से राहत मिलेगी।
3• तुलसी- तुलसी का एन्टी बायोटीक (anti-biotic) और एन्टी बैक्टिरीअल (anti bacterial) गुण वायरल फीवर के लक्षणों से राहत दिलाने में बहुत मदद करते हैं।
बनाने की विधि:
बीस ताजा तुलसी के पत्तों को एक लीटर पानी में एक चम्मच लौंग पावडर डालकर तब तक उबालें जब तक कि वह सुख कर आधा न हो जाये। उसके बाद उसको छानकर हल्का ठंडा करके दो घंटा के अंतराल में पीयें।
4• कन्जी (rice starch)- उपचार का यह तरीका बहुत पुराना है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थ को निकालने में बहुत मदद करता है। जिससे प्रतिरक्षी तंत्र को वायरस से लड़ने में शक्ति मिलती है। कन्जी पौष्टिकता से भरपूर होता है इसलिए इसके सेवन से रोगी को शक्ति मिलती है।
बनाने की विधि:
सूखा अदरक, एक छोटा चम्मच हल्दी और एक छोटा चम्मच काली मिर्च का पावडर और थोड़ा-सा चीनी एक कप पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक कि सुखकर आधा न हो जाये। दिन में चार बार इस काढ़े को पीने से बुखार से राहत मिलता है।
बनाने की विधि: एक कप पानी में एक बड़ा चम्मच मेथी के दाने रात भर भिगोकर रखें। अगले दिन सुबह इसको छानकर निश्चित अंतराल में इसका सेवन करें। सुबह मेथी के दाने, नींबू का रस और शहद के मिश्रण का सेवन करने से भी कुछ हद तक बुखार से राहत मिलता है।
Source : http://www.thehealthsite.com/hindi/health-article-in-hindi-natural-remedies-to-combat-viral-fever-effectively/
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