Online Dr. P.L. Meena (डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा)

Health Care Friend and Marital Dispute Consultant

(स्वास्थ्य रक्षक सक्षा एवं दाम्पत्य विवाद सलाहकार)

-:Mob. & WhatsApp No.:-

85619-55619 (10 AM to 10 PM)

xxxxxxxxxxx

स्वास्थ्य की अनदेखी नहीं करें, तुरंत स्थानीय डॉक्टर (Local Doctor) से सम्पर्क करें। हां यदि आप स्थानीय डॉक्टर्स से इलाज करवाकर थक चुके हैं, तो आप मेरे निम्न हेल्थ वाट्सएप पर अपनी बीमारी की डिटेल और अपना नाम-पता लिखकर भेजें और घर बैठे आॅन लाइन स्वास्थ्य परामर्श प्राप्त करें।

यकृत

यकृत वृद्धि (Liver Growth)

किशोरावस्था में प्रकृति विरुद्ध आहार सेवन करने से यकृत (जिगर) पर हानिकारक प्रभाव पड़ने से यकृत वृद्धि होती है। यकृत वृद्धि से रोगी को बहुत हानि होती है। शरीर में रक्त का निर्माण नहीं होता है और रोगी प्रतिदिन निर्बल हो जात है। यकृति वृद्धि रोगी के लिए प्राणघातक हो सकती है।

उत्पत्तिः 
  1. अनियमित समय पर भोजन करने, भोजन में गरिष्ठ व उष्ण मिर्च-समाले व अम्ल रस से बने खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने से पाचन क्रिया विकृत होने पर विकृति होती है।
  2. हर समय कुछ-न-कुछ खाते रहने की बुरी आदत यकृत को बहुत हानि पहुंचाती है।
  3. अधिक शराब पीने वाले स्त्री-पुरुष का यकृत भी अधिक विकृति होता है।
  4. दूषित जल पीने व दूषित भोजन करने से अधिक यकृत विकृति होती है।
  5. घी, तेल आदि से बने खाद्य से बने खाद्य पदार्थ क्रिया को विकृति करके यकृत में शोध की उत्पत्ति करते है।
  6. अधिक उष्ण व अम्लीय खाद्य पदार्थो के सेवन से यकृत को बहुत हानि पहुंचती है और यकृत में शोध की उत्पत्ति होती है।
  7. कुछ संक्रामक रोगों के कारण यकृत वृद्धि होती है।
  8. मलेरिया रोग में यकृत को हानि होती है। मलेरिया रोग में रक्त दूषित होने से यकृत विकृति होती है।
  9. आंत्रिक ज्वर में यकृत वृद्धि अधिक होती है।

लक्षण :
  1. यकृत में शोध होने से यकृत को दबाकर देखने पर पीड़ा होती है।
  2. यकृत वृद्धि में चिकित्सा में विलम्ब होने व भोजन में बदपरहेजी करने से यकृत को अधिक हानि पहुंचती है और प्राणघातक स्थिति बन जाती है।
  3. यकृत वृद्धि में रोगी हल्के ज्वर से पीड़ित रहता है।
  4. यकृत वृद्धि के चलते रोगी को कभी कोष्ठबद्धता होती है तो कभी अतिसार।
  5. रोगी अजीर्ण रोग से पीड़ित होता है।
  6. वमन विकृति भी हो सकती है।
  7. यकृत की विकृति पीलिया रोग की उत्पत्ति भी कर देती है।
  8. यकृत वृद्धि से पीड़ित रोगियों में प्लीहा वृद्धि भी होती है।
  9. अर्श रोग व जलोदर की उत्पत्ति भी यकृत वृद्धि के कारण हो सकती है।
  10. यकृत वृद्धि से पीड़ित रोगी शारीरिक रूप् से बहुत निर्बल हो जाता है। उसकी पाचन शक्ति बहुत क्षीण हो जाती है। कुछ रोगी उदर शूल से अधिक पीड़ित होते हैं।
क्या खाएं?
  1. * यकृत वृद्धि में रोगी को सेब व उसका रस पिला सकते हैं।
  2. * जमुन के कोमल पत्तों का अर्क 5 ग्राम मात्रा में 4-5 दिन तक सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
  3. * यकृत वृद्धि में गोमूत्र कपड़े द्वारा दो बार छानकर 20-20 ग्राम मात्रा में *सुबह-शाम पीने से बहुत लाभ होता है।
  4. * मूली और मकोय का 20-20 ग्राम रस मिलाकर पीने से लाभ होता है।
  5. * हरी मकोय का अर्क, गुलाब के फूल 20 ग्राम और अमलतास का गूदा 20 * ग्राम, सभी को एक साथ पीसकर यकृत के ऊपर लेप करने से लाभ होता है।
  6. * रोगी को अनार, जामुन, लीची आदि फल खिलाएं।
  7. * पपीता खाने से यकृत वृद्धि में बहुत लाभ होता है।
  8. * सोंठ, धनिया व काला नमक को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। 2-2 ग्राम चूर्ण दिन में दो-तीन बार सेवन कराएं।
  9. * यकृत वृद्धि में तक्र (मट्ठे) के सेवन से बहुत लाभ होता है, लेकिन तक्र से घी की चिकनई निकाल लेनी चाहिए।
  10. * यकृत वृद्धि में 25 ग्राम करेले का रस जल मिलाकर पिलाएं।
  11. * नरियल का जल पीने से यकृत वृद्धि में लाभ होता है।
क्या न खाएं?
  1. * यकृत वृद्धि में उष्ण मिर्च-मसालों व अम्लीय रसों से बने खाद्य पदार्थो का सेवन न कराएं।
  2. * घी, तेल, मक्खन, अंडे, मांस, मछली का सेवन न करें।
  3. * गरिष्ठ खद्य पदार्थ का सेवन न करें।
  4. * अरबी, कचालू, उड़द की दाल, मिठाई, खोए का सेवन न करें।
  5. * चाय, कॉफी और शराब का सेवन न करें।
  6. * रोगी को बाजार के चटपटे व्यंजनों, छोले-भठूरे, गोल-गप्पे, आलू की टिकिया समोसे आदि नहीं खाने चाहिए।
स्त्रोत : जियो जिन्दगी, 18 फरवरी, 2011
===========================

यकृत व्याधियों के उपचार में कारगर औषधीय वनस्पतियां
पारम्परिक रूप से यकृत व्याधियों का उपचार आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा ही किया जाता है जो वनस्पतियों से प्राप्त की जाती हैं। यकृत व्याधियों में कारगर बहुत से ऐसे औषधीय वनस्पतियों की प्रजातियां हमारे पास-पड़ोस में उगती हैं जिनका देसी औषधि के रूप में उपयोग कर हम यकृत व्याधियों से मुक्ति पा सकते हैं।
यकृत व्याधियों के उपचार में कारगर औषधीय वनस्पतियों की कुछ महत्वपूर्ण प्रजातियां

-डॉ. अरविन्द सिंह
यकृत मानव शरीर का एक अत्यन्त ही महत्वपूर्ण अंग है जिसका प्रमुख कार्य पाचन कार्यों में सहायता प्रदान करना होता है। वसा पाचन के लिए आवश्यक पित्त का स्राव यकृत द्वारा ही होता है। इसके अतिरिक्त यकृत संचय अंग का भी कार्य करता है। विटामिन्स, खनिज, वसा आदि का संचय यकृत में होता है। यकृत को मानव शरीर की विशालतम ग्रन्थि माना जाता है।

पीलिया (कामला), हिपैटाइटिस, यकृत एबसेस्, यकृत सिरोसिस एवं यकृत परिवर्धन यकृत की प्रमुख व्याधियाँ हैं। हिपैटाइटिस (Hepatitis) व्याधि के तीन प्रकार होते हैं। जिन्हें हिपैटाइटिस ए (Hepatitis A), हिपैटाइटिस बी (Hepatitis B) तथा हिपैटाइटिस डी (Hepatitis D) के नाम से जाना जाता है। इन तीनों में हिपैटाइटिस बी यकृत की सबसे घातक व्याधि होती है। जिसे सिरम हिपैटाइटिस (Serum Hepatitis) भी कहा जाता है।

उपर्युक्त व्याधियों में पीलिया तथा हिपैटाइटिस यकृत की सबसे आम व्याधियाँ हैं, जो आमतौर से दूषित जल से फैलती हैं और समय से उपचार न होने पर जानलेवा साबित होती हैं। हालॉकि हिपैटाइटिस बी के घातक स्वरूप को देखते हुए इस व्याधि के विरुद्ध आनुवंशिक अभियान्त्रिकी (द्वितीय पीढ़ी टीका) की मदद से टीका भी विकसित किया गया है।

एलोपैथ चिकित्सा के लाख तरक्की के बावजूद भी आज तक यकृत व्याधियों के उपचार हेतु एलोपैथ में कारगर औषधियों का अभाव है। यकृत व्याधियों के उपचार में मुख्यतः आयुर्वेदिक औषधियों का ही उपयोग होता है। ये औषधियां आमतौर से पौधों के विशेष भाग अथवा सम्पूर्ण पौधे से प्राप्त की जाती हैं।
देसी औषधि के रूप में यकृत बिमारियों के उपचार में कारगर कुछ ऐसी महत्वपूर्ण वनस्पतियों की प्रजातियां जो ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में हमारे पास-पड़ोस में उगते हुये पायी जाती हैं का वर्णन निम्नलिखित है:-

पुनर्नवा: यह आमतौर से जमीन पर रेंगने वाला बहुवर्षीय शाकीय वनस्पति है जो पुष्पीय पौधों के निक्टाजिनेसी (Nyctaginaceae) कुल का सदस्य है। पुनर्नवा का वैज्ञानिक नाम बोरहेविया डिफ्यूजा (Boerhavia diffusa) है। इसकी तने की लम्बाई 60-90 सेमी. तक होती है। जड़े मोटी तथा मृदा में काफी गहराई तक पायी जाती हैं।
यह वनस्पति की प्रजाति आमतौर से घास के मैदान, सड़क के किनारे, पथरीली भूमि, आवासीय परिसर, बेकार भूमि आदि जगहों पर खरपतवार के रूप में उगते हुए पायी जाती है। वनस्पति के पुष्प लाल रंग के होते हैं। पुनर्नवा का प्रजनन बीज द्वारा होता है। पुनर्नवा के औषधीय गुणों का वर्णन प्राचीन ग्रन्थ अथर्ववेद में किया गया है। औषधीय गुण जड़ों में पाया जाता है। ताजी जड़ों को पीसकर अथवा सुखे जड़ के चूर्ण को शहद से सेवन पर पीलिया तथा हिपैटाइटिस ए के उपचार में सहायता मिलती है।

कालमेध: कालमेध एकवर्षीय शाकीय वनस्पति है जो पुष्पीय पौधों के एकेन्थेसी (Acanthaceae) कुल का सदस्य है। इसका वैज्ञानिक नाम एण्ड्रोगेफिस पैनिकुलेटा (Andrographis paniculata) है। कालमेध आमतौर से उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वनों में पाया जाता है। शहरी क्षेत्रों में इसे बाग-बगीचों में सजावटी पौधे के रूप में भी उगाया जाता है।
कालमेध पौधे की ऊँचाई 30-90 सेमी. तक होती है। पुष्प छोटे तथा गुलाबी रंग के होते हैं। कालमेध में प्रजनन बीज द्वारा होता है। कालमेध के औषधीय गुणों का वर्णन प्राचीन चिकित्सा ग्रन्थ सारंगधर संहिता में विस्तार से किया गया है। औषधीय गुण सम्पूर्ण पौधे में विद्यमान होते हैं। ताजी पत्तियों का रस यकृत बिमारियों जैसे पीलिया तथा हिपैटाइटिस ए, बी तथा डी के उपचार में अत्यन्त ही कारगर होता है।

भूई आँवला: यह फाइलेन्थेसी (Phyllanthaceae) कुल की एकवर्षीय शाकीय वनस्पति है जो कि वर्षा ऋतु में प्रकट होती है। इसका वैज्ञानिक नाम फाइलेन्थस निरूराई (Phyllanthus niruri) है। इसे भूई आमलकी नाम से भी जाना जाता है। पौधे की ऊँचाई 30 सेमी. तक होती है। टहनियाँ आमतौर से पौधे के मुख्य तने के आधार से निकलती हैं। 
भूई आँवला आमतौर से घास के मैदान, जंगल, बाग-बगीचों तथा कृषि भूमि में खरपतवार के रूप में उगते हुए पाया जाता है। फाइलेन्थीन (Phyllanthin) नामक रसायन के उपस्थिति के कारण औषधीय गुण पत्तियों में पाये जाते हैं। पत्तियों का रस अथवा अर्क सेवन से हिपैटाइटिस बी जैसी घातक यकृत व्याधि के उपचार में सहायता मिलती है।

गिलोय: गिलोय दूसरे वृक्षों के सहारे चढ़ने वाली सदाबहार झाड़ीनुमा वनस्पति है जो पुष्पीय वनस्पतियों के मेनीस्परमेसी (Menispermaceae) कुल की सदस्य है। इसका वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कार्डिफोलिा (Tinospora cordifolia) है। इसे मधुपर्णी, गूडूची, जीवन्तिका तथा अमृता आदि नामों से भी जाना जाता है। यह वनस्पति आमतौर से सदाबहार वर्षा वनों में बहुतायत में पायी जाती है।
गिलोय को आकर्षक तथा सदाबहार प्रवृत्ति के कारण शहरी क्षेत्रों के बाग-बगीचों में सजावटी पौधे के रूप में भी उगाया जाता है। पुष्प छोटे तथा पीले रंग के होते हैं। गिलोय के औषधीय गुणों का वर्णन अथर्ववेद में किया गया है। औषधीय गुण सम्पूर्ण पौधे में पाया जाता है। ताजे पौधे का रस पीलिया के उपचार में अत्यन्त ही प्रभावी होता है।


मकोय: यह एकवर्षीय शाकीय वनस्पति है जो पुष्पीय वनस्पतियों के सोलेनेसी (Solanaceae) कुल की सदस्य है। मकोय का वैज्ञानिक नाम सोलेनम नाईग्रम (Solanum nigrum) है। यह वनस्पति सम्पूर्ण भारत में पायी जाती है। मकोय वनस्पति आमतौर से परती भूमि, कृषि भूमि, घास के मैदान, आवासीय परिसर तथा बाग-बगीचों में खरपतवार के रूप में उगती है।
मकोय की ऊँचाई 30-50 सेमी. तक होती है। पौधे की पत्तियां तथा तना काफी नाजुक होता है। मकोय का पौधा जलजमाव के प्रति संवेदनशील होता है। पुष्प सफेद रंग के होते हैं। फल पकने के बाद काले रंग के तथा रसीले हो जाते हैं। मकोय का प्रजनन बीज द्वारा होता है। औषधीय गुण सम्पूर्ण वनस्पति में पाया जाता है। पौधे का अर्क पीलिया के उपचार में अत्यन्त ही सहायक होता है।

भृंगराज: पुष्पीय पौधों के एस्टेरेसी (Asteracea) कुल का यह एकवर्षीय शाकीय वनस्पति आमतौर से सड़क के किनारे, आवासीय परिसर तथा पथरीली जमीन में खरपतवार के रूप में उगती है। भृंगराज का वैज्ञानिक नाम इकलिप्टा एल्बा (Eclipta alba)है। पौधे की ऊँचाई लगभग 5-15 सेमी. तक होती है।
भृंगराज की पत्तियाँ साधारण तथा गहरे हरे रंग की होती हैं एवं पुष्प सफेद होते हैं। भृंगराज का प्रजनन बीज द्वारा होता है। औषधीय गुण पत्तियों में पाया जाता है। पत्तियों का रस यकृत सम्बन्धी बिमारियों विशेषकर हिपैटाइटिस ए तथा पीलिया में कारगर होता है।

हर्रा: यह एक पर्णपाती वृक्ष की प्रजाति है जो आमतौर से उष्णकटिबन्धीय पर्णपाती वनों का एक प्रमुख घटक होती है। इसका वैज्ञानिक नामटर्मिनेलिया चेबुला (Terminalia chebula) है। हर्रा को ‘हरीतकी’ तथा ‘हरड’ नामों से भी जाना जाता है। वृक्ष की छाल गहरे-भूरे रंग की होती है। यह वृक्ष की प्रजाति कामब्रीटेसी (Combretaceae) कुल की सदस्य है। वृक्ष की लम्बाई 30 मीटर तक होती है।
हर्रा के औषधीय महत्व तथा अन्य उपयोग को देखते हुए इसके वृक्ष का रोपण ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के बाग-बगीचों में किया जाता है। पौधे के पुष्प सफेद अथवा पीले रंग के होते हैं तथा अत्यंत ही सुगन्धित होते हैं। हर्रा वनस्पति के औषधीय गुणों का वर्णन प्राचीन ग्रन्थ अथर्ववेद में किया गया है। औषधीय गुण आमतौर से फल में पाये जाते हैं। फल का गूदा, हिपैटाइटिस डी, पीलिया, यकृत एबसेस् तथा यकृत परिवर्धन के उपचार में सहायक होता है।

निष्कर्ष: यकृत व्याधियाँ विशेषकर पीलिया तथा हिपैटाइटिस दूषित पेयजल के उपयोग के कारण देश के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में तेजी से फैल रही है। समय से उपचार न होने के कारण ये व्याधियाँ अक्सर जानलेवा साबित होती हैं। एलोपैथ में इन व्याधियों के सीमित उपचार के कारण आयुर्वेद पर आधारित देसी चिकित्सा पद्धति का महत्व बढ़ जाता है, जिसमें उपर्युक्त पौधों के उपयोग से बगैर किसी पार्श्व प्रभाव के यकृत सम्बन्धी व्याधियों से निजात पाया जा सकता है।
-X-X-X-X-X-
लेखक परिचय:
डॉ. अरविंद सिंह वनस्पति विज्ञान विषय से एम.एस-सी. और पी-एच.डी. हैं। आपकी विशेषज्ञता का क्षेत्र पारिस्थितिक विज्ञान है। आप एक समर्पित शोधकर्ता हैं और राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की शोध पत्रिकाओं में अब तक आपके 4 दर्जन से अध‍िक शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं। खनन गतिविधियों से प्रभावित भूमि का पुनरूत्थान आपके शोध का प्रमुख विषय है। इसके अतिरिक्त आपने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय मुख्य परिसर की वनस्पतियों पर भी अनुसंधान किया है। आपके अंग्रेज़ी में लिखे विज्ञान विषयक आलेख 'Science Log'पर पढ़े जा सकते हैं। आपसे निम्न ईमेल आईडी पर संपर्क किया जा सकता है-

0 जानकारी अच्छी लगे तो कृपया एक कमेंट अवश्य करें।:

Post a Comment

--->--->श्रीमती जानकी पुरुषोत्तम मीणा जिनका 08 अप्रेल, 2012 को असमय निधन हो गया!

--->--->श्रीमती जानकी पुरुषोत्तम मीणा जिनका 08 अप्रेल, 2012 को असमय निधन हो गया!
सभी के स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना के साथ-मेरे प्यारे और दुलारे तीन बच्चों की ममतामयी अद्वितीय माँ (मम्मी) जो दुखियों, जरूतमंदों और मूक जानवरों तक पर निश्छल प्यार लुटाने वाली एवं अति सामान्य जीवन जीने की आदी महिला थी! वह पाक कला में निपुण, उदार हृदया मितव्ययी गृहणी थी! मेरी ऐसी स्वर्गीय पत्नी "जानकी मीणा" की कभी न भुलाई जा सकने वाली असंख्य हृदयस्पर्शी यादों को चिरस्थायी बनाये रखते हुए इस ब्लॉग को आज दि. 08.08.12 को फिर से पाठकों के समक्ष समर्पित कर रहा हूँ!-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'

Label Cloud

(Tribulus Terrestris) 14 फरवरी Abutilon Indicum Aerva Lanat Allergy Aloevera Juice Alternanthera Sessilis Alum Aluminum Amaranthus spinosus Ammonium chloride Appetite Argemone Mexicana Ash-coloured Fleabane Bael Ban Tulasi Bauhinia purpurea Bernini’s Cinema Bitter Gourd Black night shade Blumea Lacera Bone Infection Borax BPH Calories Calories Chart Cancer Care Carrots Castor beans Chanca Piedra Cheese Chemotherapy Chenopodium Album Chikungunya Cholesterol Cleome viscosa Clerodendrum Phlomidis Clitoria Ternatea Colocynth Colpoptosis Constipation Convolvulus Pluricaulis Corn Creak Crotalaria Bburhia Croton Bonplandianum Croton Sparsiflorus Cumin Date Palm Dengue Depression Diabetes digestion Disorders Divorce Dog Mustard Dronapushpi Dysentery Early Ejaculation Emblic Myrobalan Extramarital Relation Extremely Intolerance Fatty liver Femininity FENUGREEK Fenugreek Seeds Ferrum Phosphoricum Fever Fissure Fistula Folic Acid Gallbladder Gardenia Gummifera Garlic Ginger Gooseberry Gourd Groundnut-peanut Guava Hainampfer Hair Falling Headaches Health Health Care Friend Health Consultation Health Links Health Tips Heliotropium Eeuropaeum Hemorrhoids Hepatitis Hibiscus Homeopathic Homeopathy Homoeopath Honey How to get pregnant? Immunity Impotence IMPOTENCY Incurable indigestion Jaundice Juice Juice of Berries LAND CALTROPS Lemon Leucas Aspera Leucas Cephalotes Leucorrhea Lever Liver Liver Cirrhosis Liver fibrosis Low Blood Pressure Marital Dispute Consultant Masturbation Mental Mexican Daisy Mexican Poppy Migraine Migraines Myopia Neurons Night Jasmine Nutgrass Nutmeg Nutsedge Obesity Omega 3 Oroxylum indicum Painkillers Periquito Sessil Phyllanthus Niruri Piles Portulaca Oleracea Post Effect Pregnancy Safe-Guard Pregnancy Safeguard Pregnancy-Safe-Guard Premature Ejaculation Prostate Gland Protein Purple Nutsedge Raan Tulas Radish Rectal Collapse Rectal Prolapse rectum collapse Saffron Senna occidentalis Separation Sex Sexual Power Sickness Side Effects side effects less Side-Effects Spermatorrhoea Sperms Spiny Amaranth Stone Stone Breaker Sword fruit tree TECOMA STANS Thermometer Tickweed Tips Treatment of Incurable Tribulus Terrestris Tridax Procumbens Umbrella Sedge Unquenchable Conjugal Uterine Prolapse vaginal Creaks Vaginal Prolapse Viral Vitamins Vitex Negundo Wart Wheatgrass White Discharge Yellow Spider Flower अंकुरित अनाज अंकुरित गेहूं-Wheat germ अंकुरित भोजन-Sprouts अखरोट अंगूर-Grapes अचूक चमत्कारिक चूर्ण अजवाइन अजवायन अजीर्ण-Indigestion अंडकोष अडूसा (वासा)-Adhatoda Vasika-Malabar nut अण्डी अतिबला अतिसार अतिसार-Diarrhea अतृप्त अतृप्त दाम्पत्य अत्यंत असहिष्णुता अदरक अदरख अंधश्रृद्धा अध्ययन अनिद्रा अपच अपराजिता अपराधबोध अफरा अफीम अमरूद अमृता अम्लपित्त-Pyrosis अरंडी अरणी अरण्ड अरण्डी अरलू अरुचि अरुचि-Anorexia-Distaste अर्जुन अर्थराइटिस अर्द्धसिरशूल अर्श अर्श रोग-बवासीर-Hemorrhoids-Piles अलसी अल्टरनेथेरा सेसिलिस अल्सर अल्सर-Ulcers अवसाद अवसाद-Depression अश्मःभेदः अश्वगंधा अश्वगंधा-Winter Cherry असंतुष्ट असफल असर नहीं असली अस्थमा अस्थमा-दमा-Asthma आइरन आक आकड़ा आघात आत्महत्या आंत्र कृमि आंत्रकृमि-Helminth आंत्रिक ज्वर-टायफाइड-Typhoid fever आदिवासी आधाशीशी आधासीसी आंधीझाड़ा-ओंगा-अपामार्ग-Prickly Chalf flower आमला आमवात आमाशय आयुर्वेद आयुर्वेदिक आयुर्वेदिक उपचार आयुर्वेदिक औषधियां आयुर्वेदिक सीरप-Ayurvedic Syrup आयुर्वेदिक-Ayurvedic आरोग्य आँव आंव आंवला आंवला जूस आंवला रस आशावादी-Optimistic आसन आसान प्रसव-Easy Delivery आहार चार्ट आहार-Food आॅपरेशन आॅर्गेनिक आॅर्गेनिक कौंच इच्छा-शक्ति इन्द्रायण इन्फ्लुएंजा इमर्जेंसी में होम्योपैथी इमली-Tamarind Tree इम्युनिटी इलाज इलाज का कुल कितना खर्चा इलायची उच्च रक्तचाप उच्च रक्तचाप-High Blood Pressure-Hypertension उत्तेजक उत्तेजना उदर शूल-Abdominal Haul उदासी उन्माद-Mania उपवास उम्र उल्टी ऊर्जा एक्जिमा एक्यूप्रेशर एग्जिमा एजिंग-Aging एंटी ऑक्सीडेंट्स एंटी-ओक्सिडेंट एंटीऑक्सीडेंट एण्टी-आॅक्सीडेंट एनजाइना एनीमिया एमिनो एसिड एरंड एलर्जी एलर्जी-Allergy एलोवेरा एलोवेरा जूस एल्यूमीनियम ऐंठन ऐलोपैथ ऐसीडिटी ऑर्गेनिक ओमेगा 3 के स्रोत ओमेगा-3 ओर्गेनिक औषध-Drug औषधि सूची-Drug List औषधियों के नुकसान-Loss of drugs कचनार कचनार-Bauhinia Purpurea कटुपर्णी कड़वाहट कंडोम कद्दू कनेर कपास-COTTON कपिकच्छू कपूरीजड़ी कफ कब्ज कब्ज़ कब्ज-कोष्ठबद्धता-Constipation कब्ज. Cucumber कब्जी कमजोरी कमर कमर दर्द कमेड़ा करेला कर्ण वेदना कर्णरोग कष्टार्तव-Dysmenorrhea कांच निकलना काजू कान कानून सम्मत काम काम शक्ति कामवाण पाउडर कामशक्ति कामशक्ति-Sexual power कामेच्छा कामोत्तेजना कायाकल्प कार्बोहाइड्रेट कार्बोहाइड्रेट-Carbohydrates काला जीरा काला नमक काली जीरी काली तुलसी काली मिर्च काले निशान कास-खांसी-Cough किडनी किडनी संक्रमण किडनी स्‍टोन कीड़े कीमोथेरेपी कुकरौंधा कुकुंदर कुटकी-Black Hellebore कुबडापन कुमेड़ा कुल्थी कुल्ला कुष्ट कुष्ठ कृमि केला केसर कैफीन-Caffeine कैलोरी कैलोरी चार्ट कैलोरी-Calories कैवांच कैविटी कैंसर कॉफी कॉफ़ी कॉलेस्ट्रॉल कोंडी घास कोढ़ कोबरा कोलेस्ट्रॉल कोलेस्ट्रॉल-Cholesterol कोलेस्ट्रोल कौंच कौमार्य क्रियाशीलता क्रोध क्षय रोग-Tuberculosis क्षारीय तत्व क्षुधानाश खजूर खजूर की चटनी खनिज खरबूजा-Musk melon खरेंटी खरैंटी शिलाजीत खाज खांसी खिरेंटी खिरैटी खीप खीरा खुजली खुशी-Joy खुश्की खुश्बू खोया गंजापन-Baldness गठिया गठिया-Arthritis गठिया-Gout गड़तुम्बा गंडा-ताबीज गंध गन्ने का रस गरमा गरम गर्भ निरोधक गर्भधारण गर्भपात गर्भवती गर्भवती कैसे हों? गर्भावस्था गर्भावस्था की विकृतियां-Disorders of Pregnancy गर्भावस्था के दौरान संभोग-Sex During Pregnancy गर्भाशय गर्भाशय भ्रंश गर्भाशय-उच्छेदन के साइड इफेक्ट्स-Side Effects of Hysterectomy गर्म पानी गर्मी गर्मी-Heat गलगण्ड गाजर गाजवां गांठ गाँठ-Knot गारंटी गारण्टेड इलाज गाल ब्लैडर गिलोय गिल्टी गुड़हल गुंदा गुदाद्वार गुदाभ्रंश गुम्मा गुर्दे गुलज़ाफ़री गुस्सा गृध्रसी गृह-स्वामिनी गेदुआ की छाछ गैस गैस्ट्रिक गैहूं का जवारा गोक्षुरादि चूर्ण गोखरू गोखरू (LAND CALTROPS) गोंद कतीरा-Hog-Gum गोंदी गोभी-Cabbage गोरख मुंडी गोरखगांजा गोरखबूटी गोरखमुंडी ग्रीन-टी घमोरी घरेलु ​नुस्खे घाघरा घाव चकवड़ चक्कर चपाती चमत्कारिक सब्जियां चरित्र चर्बी चर्म चर्म रोग चर्मरोग चाय चाय-Tea चालीस के पार-Forty Across चिकनगुनिया चिकित्सकीय चिटकन चिंतित चिरायता-Absinth चिरोटा चुंबन चोक चौलाई छपाकी छरहरी काया छाछ छाजन बूटी छाले छींक छीकें छुअ छुआरा छुहारा छोटा गोखरू छोटा धतूरा छोटी हरड़ जंक फूड जकवड़ जख्म जंगली तिल्ली जंगली तुलसी जंगली पेड़ जंगली मिर्ची जंगली-कटीली चौलाई जटामांसी-Spikenard जलजमनी जलन जलोदर रोग-Ascites Disease जवारा जवारे जवासा-Alhag जहर जामुन का जूस जायफल जिगर जीरा जीवन रक्षक जीवनी शक्ति जुएं जुकाम जुदाई जुलाब जूएं जूस जोड़ों के दर्द जोड़ों में दर्द जौ ज्यूस ज्योति ज्वर ज्वर-Fiver झाइयाँ झांईं झाड़-फूंक झुर्रियाँ झुर्रियां झुर्री झूठे दर्द टमाटर का रस टमाटर-Tomatoes टाइफाइड टाटबडंगा टायफायड टूटी हड्डी टॉन्सिल टोटला ट्यूमर ठंड ठंडापन ठेकेदार डॉक्टर डकार डकारें डायबिटीज डायरिया डिग्री फ़ारेनहाइट डिग्री सेल्सियस डिजिसेक्सुअल डिटॉक्सीफाई डिटॉक्सीफिकेशन डिनर डिप्रेशन डिब्बाबंद भोजन डिलेवरी डीकामाली डीगामाली डेंगू डेंगू-Dengue डॉ. निरंकुश डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' डॉ. मीणा ढकार ढीलापन ढीली योनि तकलीफ का सही इलाज तंत्र-मंत्र तम्बाकू तरबूज-Watermelon तलाक ताकत तिल तिल्ली तुंबा तुंबी तुम्बा तुलसी तेल त्रिदोषनाशक त्रिफला त्वचा त्वचा रोग थकान थाईरायड थायरायड-Thyroid थायरॉइड दण्डनीय अपराध दंत वेदना दन्तकृमि दन्तरोग दमा दर वेदना दरार दर्द दर्द निवारक दर्द निवारक दवा दर्दनाक दस्त दही दाग-धब्बे-Stains-Spots दाढ़ दांत दांतो में कैविटी-Teeth Cavity दाद दाम्पत्य दाम्पत्य विवाद सलाहकार दाम्पत्य-Conjugal दाल दालचीनी दालें दिमांग दिल दीर्घायु दु:खी दुर्गंध दुर्बलता दुष्प्रभाव दुष्प्रभावरहित दूध दूध वृद्धि दूधी दूधी-Milk Hedge दृष्टिदोष दो मन द्रोणपुष्पी द्रोणपुष्पी-Leucas Cephalotes धड़कन धनिया बीज धनिया-Coriander धमासा धात धातु धातु पतन धार्मिक धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं? धैर्यहीन नज़ला नपुंसक नपुंसकता नाइट्रिक एसिड नाक नाखून नागबला नागरमोथा नाडी हिंगु नाड़ी हिंगु (डिकामाली) नामर्दी नारकीय पीड़ा नारियल नाश्ता निमोनिया निम्न रक्तचाप निम्बू नियासिन निराश निरोगधाम निर्गुण्डी निर्गुन्डी निष्कपट स्नेह निष्ठा निसोरा नींद नींबू नींबू-Lemon नीम-azadirachta indica नुस्खे नुस्खे-Tips नेगड़ नेत्र रोग नेुचरल नैतिक नॉर्मल डिलेवरी नोनिया नौसादर न्युमोनिया-Pneumonia न्यूरॉन्स पक्षघात पंचकर्म पढ़ने में मन लगेगा पंतजलि पत्तागोभी-CABBAGE पत्थर फोड़ी पत्थरचट्टा पत्नी पथरी पदार्थ पनीर पपीता पपीता-CARICA PAPPYA पमाड परदेशी लांगड़ी परम्परागत चिकित्सा परहेज पराठा परामर्श परिस्थिति पवाड़ पवाँर पाइल्स पाक-कला पाचक पाचन पाचनतंत्र पाचनशक्ति पाठक संख्या 16 लाख पार पाठक संख्या पंद्रह लाख पायरिया पारदर्शिता पारिजात पालक पालक-Spinach पित्त पित्ताशय पित्ती पिंपल-मुंहासे-Pimples-Acne पिरामिड पीलिया पीलिया-Jaundice पीलिया-कामला-Jaundice पुआड़ पुदीना पुनर्नवा-साटी-सौंटी-Punarnava पुरुष पुंसत्व पेचिश पेट के कीड़े पेट दर्द पेट में गैस पेट रोग पेड़ पेद दर्द पेरिकिटो सेसिल पेशाब पेशाब में रुकावट पेंसिल थेरेपी-Pencil Therapy पोष्टिक लड्डू पौधे पौरुष पौरुष ग्रंथि पौष्टिक रागी रोटी प्याज-Onion प्यास प्रजनन प्रतिरक्षा प्रतिरक्षा प्रणाली प्रतिरोधक प्रतिरोधक-Resistance प्रदर प्रमेह प्रवाहिका (पेचिश)-Dysentery प्रसव प्रसव सुरक्षा चक्र प्रसव-पीड़ा प्रसूति प्राणायाम प्रेग्नेंसी-Pregnancy प्रेम प्रेमरस प्रेमिका प्रेमी प्रोटीन प्रोटीन का कार्य प्रोटीन के स्रोत प्रोस्टेट प्रोस्‍टेट कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि प्रोस्टेट ग्रन्थि प्लीहा प्लूरिसी-Pleurisy प्लेटलेट्स फंगल फटन फफूंद-Fungi फरास फल फाइबर फिटकरी फुंसी-Pimples फूलगोभी-CAULIFLOWER फेंफड़े फेरम फॉस फैट फैटी लीवर फोटोफोबिया फोड़ा फोड़े-Boils फोरप्ले फोलिक एसिड फ्लू फ्लू-Flu फ्लेक्स सीड्स बकायन बकुल बड़ी हरड़ बथुआ बथुआ पाउडर बथुआ-White Goose Foot बदबू बंध्यापन बबूल-ACACIA बरसाती बीमारियाँ बरसाती बीमारियां बलगम बलवृद्धि बला बलात्कार बवासीर बहरापन बहुनिया बहुमूत्रता- बांझपन बादाम-Almonds बादाम. बाल बाल झड़ना बाल झडऩा-Hair Falling बिना सिजेरियन मां बनें बिवाई बीजबंद बीड़ी बीमारियों के अनुसार औषधियां बीमारी बील बुखार बूंद-बूंद पेशाब बेल बेली बैक्टीरिया बॉयोकैमी ब्र​ह्मदण्डी ब्रेस्ट ग्रोथ ब्लड प्रेशर ब्लैक मेलिंग ब्लॉकेज भगंदर भगंदर-Fistula-in-ano भगनासा भगन्दर भगोष्ठ भड़भांड़ भय भविष्य भस्मक रोग भावनात्मक भुई आंवला-Phyllanthus Niruri भूई आमला भूई आंवला भूख भूख बढ़ाने भूत-प्रेत भूमि भूमि आंवला भोजनलीवर मकोय मकोय-Soleanum nigrum मक्का मक्का के भुट्टे मंजीठ मटर-PEA मंद दृष्टि मंदाग्नि मदार मधुमेह मधुमेह-Diabetes मन्दाग्नि-Dyspepsia मरुआ मरोड़ मर्द मर्दाना मलाशय मलेरिया मलेरिया (Malaria) मवाद मसाले मस्तिष्क मस्से मस्से-WARTS महंगा इलाज महत्वपूर्ण लेख महाबला माइग्रेन माईग्रेन माईंड सैट माजूफल मानवव्यवहार मानसिक मानसिक लक्षण मानसिक-Mental मानिसक तनाव-Mental Stress मायोपिया मासिक मासिक-धर्म मासिकधर्म मासिकस्राव माहवारी मिनरल मिर्गी मिर्च-Chili मीठा खाने की आदत मुख मैथुन-ओरल सेक्स-Oral Sex मुख्य लक्षण मुधमेह मुलहठी मुलेठी मुहाँसे मूँगफली मूड डिस्ऑर्डर-Mood Disorders मूत्र मूत्र असंयमितता मूत्र में जलन-Burning in Urine मूत्ररोग मूत्राशय मूत्रेन्द्रिय मूर्च्छा (Unconsciousness) मूली मूली कर रस मृत्यु मृत्युदण्ड मेथी मेथी दाना मेंहदी मैथुन मोगरा (Mogra) मोटापा मोटापा-Obesity मोतियाबिंद मौत मौलसिरी मौसमी बीमारियां यकृत यकृत प्लीहा यकृत वृद्धि-Liver Growth यकृत-लीवर-जिगर-Lever यूपेटोरियम परफोलियेटम यूरिक एसिड लेबल योग विज्ञापन योन योन संतुष्टि योनि योनि ढीली योनि शिथिल योनि शूल-Vaginal Colic योनि संकोचन योनिद्वारा योनिभ्रंश योनी योनी संकोचन यौन यौन आनंद यौन उत्तेजक पिल्स (sexual stimulant pills) यौन क्षमता यौन दौर्बल्य यौन शक्तिवर्धक यौन शिक्षा यौन समस्याएं यौनतृप्ति यौनशक्ति यौनशिक्षा यौनसुख यौनानंद यौनि रक्त प्रदर (Blood Pradar) रक्त रोहिड़ा-TECOMELLA UNDULATA रक्तचाप रक्तपित्त रक्तशोधक रक्ताल्पता रक्ताल्पता (एनीमिया)-Anemia रस-juices रातरानी Night Blooming Jasmine/Cestrum nocturnum रामबाण रामबाण औषधियाँ-Panacea Medicines रुक्षांश रूढिवादी रूसी रूसी मोटापा रेचक रेठु रोग प्रतिरोधक रोबोट सेक्स रोमांस लकवा लक्षण लक्ष्मी लंच लसोड़ा लस्सी लहसुन लहसुन-Garlic लाइलाज लाइलाज का इलाज लाक्षणिक इलाज लाक्षणिक जानकारी लाभ लिंग लिंग प्रवेश लिसोड़ा लीकोरिया लीवर लीवर सिरोसिस लीवर-Liver लू-hot wind लैंगिक लोनिया लौकी लौंग की चाय ल्युकोरिया ल्यूकोरिया ल्यूज योनी वजन वज़न वजन कम वजन बढाएं-Weight Increase वन तुलसी वन/जंगली तुलसी वनौषधियाँ वमन वमन विकृति-Vomiting Distortion वसा वात वात श्लैष्मिक ज्वर वात-Rheumatism वायरल वायरल फीवर वायरल बुखार-Viral Fever वासना विचारतंत्र विटामिन विधारा वियाग्रा-Viagra वियोग विरह वेदना विलायती नीम विवाहेत्तर यौन सम्बन्ध विवाहेत्तर सम्बंध विश्वास विष विष हरनी विषखपरा वीर्य वीर्य वृद्धि वीर्यपात वृक्कों (गुर्दों) में पथरी-Renal (Kidney) Stone वृक्ष वैज्ञानिक वैधानिक वैवाहिक जीवन वैवाहिक जीवन-Marital वैवाहिक रिश्ते वैश्यावृति व्याकुल व्यायाम व्रण शंखपुष्पी शरपुंखा शराब शरीफा-सीताफल-Custard apple शर्करा शलगम-Beets शल्यक्रिया शहद शहद-Honey शारीरिक शारीरिक रिश्ते शिथिलता शीघ्र पतन शीघ्रपतन शीस शुक्राणु शुक्राणु-Sperm शुक्राणू शुगर शोक शोथ शोध श्योनाक श्रेष्ठतर श्वास श्वांस श्वेत प्रदर श्वेत प्रदर-Leucorrhea श्वेतप्रदर षड़यंत्र संकुचन संकोच संक्रमण संक्रमित संक्रामक संखाहुली सगतरा संतरा-Orange संतान संतुष्टि सत्यानाशी सदा सुहागन सदाफूली सदाबहार सदाबहार चूर्ण सनबर्न सफ़ेद दाग सफेद पानी सफेद मूसली सब्जि सब्जी संभालू संभोग समर्पण-Dedication सरकार को सुझाव सरफोंका सरहटी सर्दी सर्दी-जुकाम सर्पक्षी सर्पविष सलाद संवाद संवेदना सहदेई सहदेवी सहानभूति साइटिका साइटिका-Sciatica साइड इफेक्ट्स साबूदाना-Sago सायटिका सिगरेट सिजेरियन सिर दर्द सिर वेदना सिरका सिरदर्द सिरोसिस सी-सेक्शन सीजर डिलेवरी सुगर सुदर्शन सुहागा सूखा रोग सूजन सेक्स सेक्स उत्तेजक दवा सेक्स परामर्श-Sex Counseling सेक्स पार्टनर सेक्स पावर सेक्स समस्या सेक्स हार्मोन सेक्‍स-Sex सेंधा नमक सेब सेमल-Bombax Ceiba सेल्स सोजन-सूजन सोंठ सोना पाठा सोयाबीन सोयाबीन (Soyabean) सोयाबीन-Soyabean सोराइसिस सोरियासिस-Psoriasis सौंठ सौंदर्य सौंदर्य-Beauty सौन्दर्य सौंफ सौंफ की चाय सौंफ-Fennel स्किन स्खलन स्तन स्तन वृद्धि स्तनपान स्तम्भन स्त्री स्त्रीत्व स्त्रैण स्पर्श स्मृति-लोप स्वप्न दोष स्वप्नदोष स्वप्नदोष-Night Fall स्वभाव स्वभावगत स्वरभंग स्वर्णक्षीरी स्वस्थ स्वास्थ्य स्वास्थ्य परामर्श स्वास्थ्य रक्षक सखा हजारदानी हड़जोड़ हड्डी हड्डी में दर्द हड्डी संक्रमण हड्डीतोड़ ज्वर हड्डीतोड़ बुखार हरड़ हरसिंगार हरी दूब-CREEPING CYNODAN हरीतकी हर्टबर्न हस्तमैथुन हस्तमैथुन-Masturbation हाई बीपी हाथ-पैर नहीं कटवायें हारसिंगार हालात हिचकी हिचकी-Hiccup हिमोग्लोबिन-hemoglobin हिस्टीरिया हिस्टीरिया-Hysteria हींग हीनतर हुरहुर हुलहुल हृदय हृदय-Heart हेपेटाइटिस हेपेटाईटिस हेल्थ टिप्स-Health-Tips हेल्थ बुलेटिन हैजा हैपीनेस-Happiness हैल्थ होम केयर टिप्स-Home Care Tips होम्यापैथ होम्योपैथ होम्योपैथिक होम्योपैथिक इलाज होम्योपैथिक उपचार होम्योपैथी होम्योपैथी-Homeopathy