1. गाजर के बीज गरम होते हैं। अत: गर्भवती महिलाओं को उनका प्रयोग नहीं करना चाहिए।2. गाजर के भीतर का/बीच का पीला भाग नहीं खाना चाहिए। क्योंकि, यह अत्यघिक गरम होता है। इससे छाती में जलन होती है। लेकिन यदि आप अगर आप गाजरों को कच्ची ही खा रहे हैं। तो भूल से भी उसकी ऊपरी तह/परत को न छीलें, क्योंकि उसी तह में विटामिन्स और पोषक तत्व छुपे होते हैं।3. आप डाइट में गाजर का ओवर डोज न लें। वरना आपको कैरोटेनीमिया (Carotenemia=रम्त में कैरोटिन की विद्यमानता जिससे त्वचा पीली हो जाती है) हो सकता है। इसमें स्किन येलो हो जाती है।4. गाजर को काटने से पहले उबाल लें। इससे यह आपको 25 फीसदी ज्यादा तक कैंसर से सुरक्षा दे पाएगी।
5. चूंकि गाजर में बहुत ज्यादा न्यूट्रिशंस होते हैं, इसलिए आप उसे कच्चा खाने की बजाय सब्जी, सूप वगैरह के तौर पर लेंगे तो उसमें मौजूद सेल्युलर नर्म हो जाते हैं और आपको 25 फीसदी बीटा कैरोटिन व विटामिन ए ज्यादा मिलेगा। गाजर के छिलके/ऊपरी परत में भी बहुत ज्यादा न्यूट्रिशन होता है, इसलिए इन्हें उतारे बिना ही गाजर खाएं।
- कब्ज : एक कप गाजर का रस लें। उसमें एक नींबू निच़ोड लें। इस मिश्रण को आधा घंटा धूप में रखा रहने दें। इसके बाद इसे धीरे-धीरे पीएं। कब्ज दूर हो जाएगी। अगर आप दिन में दो गिलास गाजर का जूस पीते हैं तो वह आपके हाजमे को ठीक रखता है। गाजर शरीर से गंदे पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। और तो और, अल्सर जैसी खतरनाक बीमारी में भी गाजर फायदा करती है।
- पाचन : गाजर के रस में नमक, घनिया पत्ती, जीरा, काली मिर्च, नीबू का रस डालकर पीने से पाचन संबंधी गड़बड़ी दूर होती है।
- पीलिया : गाजर का ताजा रस दो सौ ग्राम गर्म करके सुबह—शाम दो—तीन सप्ताह तक पीएं। इस दौरान हल्का भोजन खाएं।
- पेट के कीड़े : गाजर को कद्दूकस कर लें। इसे पानी में उबालकर गुड़ मिलाकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। आंतों के हानिकारक कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
- खूनी बवासीर : गाजर का रस सौ ग्राम, बकरी के दूध का दही पचास ग्राम तथा दो चम्मच चीनी, इन सबको मिलाकर भोजन के बाद सुबह-शाम लें। एक सप्ताह में ही खूनी बवासीर (Emerods) में लाभ होना शुरू हो जाता है। रोग ठीक होने तक सेवन करें।
- प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करे : गाजऱ में बीटा कैरोटीन होती है और यह प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अच्छा होती है। गाजर प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System) को मजबूत करती है। यही वजह है कि रोजाना गाजर का जूस लेने से सर्दी जुकाम नहीं होगा। इससे आप जर्म्स व इंफेक्शन वगैरह होने से बचे रहते हैं।
- पोष्टिक : अगर आप कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और सल्फर की टेबलेट लेते हैं, तो बेहतर होगा कि इसके बजाय आप गाजर खाएं। कमजोरी से अगर आपको चक्कर आते हों तो गाजर खाना आपके लिए संजीवनी बूटी का काम करेगा।
- दूध और सेब का विकल्प : जो लोग महंगा दूध और सेब नहीं खरीद सकते, उनको गाजर का सेवन करना चाहिए। यह शरीर में रक्त की कमी दूर करती है।
- दस्त/डायरिया : गाजर और नींबू का रस मिला कर पीने से दस्त आना बंद हो जाते हैं। दिन में दो से तीन बार इस जूस को पीने से दस्तों में फौरन फायदा पहुंचता है।
- पथरी : गाजर का हलवा प्रतिदिन पचास ग्राम नियमित रूप से दो सप्ताह खाएं अनेक लोगों की पथरी गलकर निकल जाती है।
- आधासीसी/आधे सिर का दर्द : गाजर को उबालकर छील लें और कुचलकर गाजर का हलवा बना लें। इस हलवे को शहद के साथ सुबह-शाम खाने से आधे सिर का दर्द दूर हो जाता है।
- दिमागी कमजोरी : गाजर को कद्दूकस करके दो चुटकी सेंधा नमक मिलाकर खाने से मस्तिष्क के सारे द्वार खुल जाते हैं।
- नींद न आना : 200 ग्राम मीठी गाजरें छीलकर सेंधा नमक लगाकर सुबह 8—9 बजे के करीब कच्ची खाएं।
- बाल झड़ना : दो सौ ग्राम गाजर दही में रायता बनाकर खाएं। गाजर को कद्दूकस करने के बाद उसमें दही मिलाएं तथा थोड़ा सा जीरा और गरम मसाले भी मिला लें। यह रायता बालों की जड़ों में रक्त का संचार ब़ढाता है और बालों की जड़ें मजबूत करता है।
- डायबिटीज़ : गाज़र के प्रतिदिन सेवन से डायबिटीज़ के मरीजों के रक्त में शर्करा का स्तर ठीक रहता है।
- कम दिखाना : एक कप गाजर के रस में एक कप पालक का रस मिलाकर सुबह-शाम पीएं। लगातार बीस दिन पीने से ही आंखों की रोशनी बढनी शुरू हो जाएगी। गाजर में मिनरल और सिलिकॉन होने के कारण आंखों की रोशनी बढ़ती है।
- उच्च रक्तचाप : सौ ग्राम गाजर का जूस पीएं। इसमें नमक न डालें। जूस में तुलसी के पत्ते डाल लें।
- निम्न रक्तचाप : सौ ग्राम गाजर के रस में दो चममच शहद मिलाकर पीएं।
- मर्दाना कमजोरी : छिली हुई गाजरें दो सौ ग्राम, दो पत्तियां लहसुन, आठ लौंग पीसकर नित्य पन्द्रह दिन तक खाएं। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीएं। रोज गाजर खाने से भी सेक्स पावर बढती है।
- महिलाओं के लिये : अगर गर्भवती महिला रोज गाजर खाती है तो उसके गर्भ में पलने वाले बच्चा स्वस्थ पैदा होता है। उसे आंखों और त्वचा से संबधित रोग नहीं होते हैं। यही नहीं महिलाओं को प्रसव के दौरान तकलीफ भी कम होती है। गाजर खाने से एनीमिया की आशंका भी कम होती है।
- कैंसर : गाजर का रस दो सौ ग्राम, पालक का रस सौ ग्राम, दोनों मिलाकर बिना नमक के पीएं, बहुत लाभ मिलता है। अनेक बार कैंसर के रोग का सम्बन्ध लीवर से होता है। साथ-साथ ब़डी आंतों में पुराना जमा हुआ मल भी इस रोग का मूल कारण है। शरीर शोधन के सभी मार्ग खोलने से बहुत लाभ मिलता है। शरीर का मल निष्कासन ही इस रोग का समाधान है। गहरी श्वांस लेना, चुकन्दर, तुलसी के पत्ते, बिना पका भोजन करना बहुत उपयोगी है। गाजर कैंसर को रोकने के साथ स्ट्रोक की आशंका को भी कम करती है।
- सौन्दर्य : अगर रोज करने लगे तो किसी ब्यूटी पार्लर में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गाजर में पाये जाता है विटामिन ए जो आंखों के लिए काफी फायदेमंद होता है। गाजर चेहरे की झुर्रियों को भी दूर करता है। रोज गाजर खाने से आंखों के नीचे के काले धब्बे दूर होते हैं। गाजर बालों को टूटने से रोकता है। गाजर के जूस से रक्त भी साफ होता है, जिससे मुंहासे नहीं होते। चेहरे पर लालिमा आती है। टीनएजर्स को रोजाना फ्रेश गाजर का जूस लेना चाहिए। इससे उनकी एक्ने/मुंहासों की प्रॉब्लम दूर होगी। गाजर से कई विटामिन व मिनरल्स मिलते हैं। इसमें एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant=प्रतिउपचायक) बीटा कैरोटिन, अल्फा कैरोटिन, कैल्शियम, विटामिन ए, बी1, बी2, सी और ई भी है। एंटीऑक्सिडेंट से स्किन में चमक आती है।
- प्रसूता माताओं के लिये : अगर आप अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं, तो गाजर दूध की मात्रा बढ़ाने में सहायक है।
- गाजर का उबटन : गाजर का उबटन बनाने के लिए सबसे पहले दो चम्मच गाजर का जूस लें। उसमें दो चम्मच बादाम का तेल और उसी मात्रा में बेसन मिलाएं। अच्छी तरह से मिक्स करके उसका पेस्ट बना लें और बीस मिनट बाद चेहरे ठंडे पानी से धो लें। फिर देखें गाजर का कमाल। इस उबटन का प्रयोग करते रहने से त्वचा पर जमी मैल साफ हो जाती है।
- दांत-हड्डियां : गाजर कमजोर हड्डियों को भी मजबूत बनाता है और दांतों को भी मजबूती प्रदान करती है। सलाद में गाजर खाने से शरीर में कैल्शियम बढ़ता है, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं।
- बच्चों के लिये : बच्चों के लिए गाजर खाना बहुत फायदेमंद होता है। बचपन से आप अगर गाजर का नियमित सेवन करते हैं तो आपको असमय हुई झुर्रियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
लेकिन इस सनातन सत्य कथन को भी याद रखें कि प्रकृति जिस रोग को ठीक नहीं कर सकती, उसे कोई भी दवाई ठीक नहीं कर सकती।=============
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