पालक में जो गुण पाए जाते हैं, वे सामान्यतः अन्य शाक-भाजी में नहीं होते। यही कारण है कि पालक स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है, सर्वसुलभ एवं सस्ता है।
- इसमें पाए जाने वाले तत्वों में मुख्य रूप से कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन, फास्फोरस, लोहा, खनिज लवण, प्रोटीन, श्वेतसार, विटामिन 'ए' एवं 'सी' आदि उल्लेखनीय हैं। इन तत्वों में भी लोहा विशेष रूप से पाया जाता है।
- लौह तत्व मानव शरीर के लिए उपयोगी, महत्वपूर्ण, अनिवार्य होता है। लोहे के कारण ही शरीर के रक्त में स्थित रक्ताणुओं में रोग निरोधक क्षमता तथा रक्त में रक्तिमा (लालपन) आती है। लोहे की कमी के कारण ही रक्त में रक्ताणुओं की कमी होकर प्रायः पाण्डु रोग उत्पन्न हो जाता है।
- लौह तत्व की कमी से जो रक्ताल्पता अथवा रक्त में स्थित रक्तकणों की न्यूनता होती है, उसका तात्कालिक प्रभाव मुख पर विशेषतः ओष्ठ, नासिका, कपोल, कर्ण एवं नेत्र पर पड़ता है, जिससे मुख की रक्तिमा एवं कांति विलुप्त हो जाती है। कालान्तर में संपूर्ण शरीर भी इस विकृति से प्रभावित हुए बिना नहीं रहता।
- लोहे की कमी से शक्ति ह्रास, शरीर निस्तेज होना, उत्साहहीनता, स्फूर्ति का अभाव, आलस्य, दुर्बलता, जठराग्नि की मंदता, अरुचि, यकृत आदि परेशानियाँ होती हैं।
- पालक की शाक वायुकारक, शीतल, कफ बढ़ाने वाली, मल का भेदन करने वाली, गुरु (भारी) विष्टम्भी (मलावरोध करने वाली) मद, श्वास,पित्त, रक्त विकार एवं ज्वर को दूर करने वाली होती है।
- आयुर्वेद के अनुसार पालक की भाजी सामान्यतः रुचिकर और शीघ्र पचने वाली होती है। इसके बीज मृदु, विरेचक एवं शीतल होते हैं। ये कठिनाई से आने वाली श्वास, यकृत की सूजन और पाण्डु रोग की निवृत्ति हेतु उपयोग में लाए जाते हैं।
- गर्मी का नजला, सीने और फेफड़े की जलन में भी यह लाभप्रद है। यह पित्त की तेजी को शांत करती है, गर्मी की वजह से होने वाले पीलिया और खाँसी में यह बहुत लाभदायक है।
रासायनिक विश्लेषण
पालक की शाक में एक तरह का क्षार पाया जाता है, जो शोरे के समान होता है, इसके अतिरिक्त इसमें मांसल पदार्थ 3.5 प्रतिशत, चर्बी व मांस तत्वरहित पदार्थ 5.5 प्रतिशत पाए जाते हैं।
पालक में लोहा काफी मात्रा में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें पाए जाने वाले तत्वों में कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन, फास्फोरस, खनिज लवण, प्रोटीन, श्वेतसोर आदि मुख्य हैं।
स्त्रियों के लिए लाभकारी
स्त्रियों के लिए पालक का शाक अत्यंत उपयोगी है। महिलाएँ यदि अपने मुख का नैसर्गिक सौंदर्य एवं रक्तिमा (लालिमा) बढ़ाना चाहती हैं, तो उन्हें नियमित रूप से पालक के रस का सेवन करना चाहिए।
प्रयोग से देखा गया है कि पालक के निरंतर सेवन से रंग में निखार आता है। इसे भाजी (सब्जी) बनाकर खाने की अपेक्षा यदि कच्चा ही खाया जाए, तो अधिक लाभप्रद एवं गुणकारी है। पालक से रक्त शुद्धि एवं शक्ति का संचार होता है।-हिंदी वेबदुनिया
पालक हाइब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए वरदान है क्योंकि..
पालक को आमतौर गुणकारी सब्जी तो माना जाता है। लेकिन केवल हिमोग्लोबिन बढ़ाने की दृष्टि से। बहुत कम लोग जानते हैं कि पालक में इसके अलावा और कई गुण भी है जिनसे सामान्य लोग अनजान है तो आइए आज हम आपको पालक के कुछ ऐसे अद्भूत गुणों से अवगत करवाते हैं। 100 ग्राम पालक में 26 किलो कैलोरी उर्जा , प्रोटीन 2 .0 % , कार्बोहाइड्रेट 2 .9 % ,नमी 92 % वसा 0 .7 %, रेशा 0 .6 % , खनिज लवन 0 .7 % और रेशा 0 .6 % होता हैं .पालक में खनिज लवन जैसे कैल्सियम ,लौह, तथा विटामिन ए ,बी ,सी आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं. इसी गुण के कारण इसे लाइफ प्रोटेक्टिव फ़ूड कहा जाता हैं
पालक में विटामिन ए,बी,सी,लोहा और कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। कच्चा पालक गुणकारी होता है। पूरे पाचन-तंत्र की प्रणाली को ठीक करता है। खांसी या फेफड़ों में सूजन हो तो पालक के रस के कुल्ले करने से लाभ होता है। पालक का रस पीने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। ताजे पालक का रस रोज पीने से आपकी मैमोरी बढ़ सकती है। इसमें आयोडीन होने की वजह से यह दिमागी थकान से भी छुटकारा दिलाता है।
हरी पत्तेदार सब्जियों से हमें आयरन तब तक नहीं मिलता, जब तक कि हम इन्हें विटामिन सी के साथ नहीं लेते, मसलन टमाटर, नींबू आदि के साथ। इसलिए पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों को आप टमाटर के साथ खाएं। लेकिन पालक को पनीर जैसे मिल्क प्रोडक्ट के साथ नहीं बनाना चाहिए। पालक आंतों को क्रियाशील बनाता है, यही वजह है कि लीवर से संबंधित रोगों में भी यह फायदेमंद है।
अगर आप अपनी रूखी त्वचा से परेशान हैं तो पालक खाएं क्योंकि इसमें पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जो आपकी त्वचा को नर्म और मुलायम बनाने में मदद करता है। पालक हमारे शरीर में उन जरूरी तत्वों को संचित करता है। इसके माध्यम से न सिर्फ शरीर का विकास होता है, बल्कि यह रक्त नलिकाओं को खोलता है। यही कारण है कि हाइब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए वरदान है।
पालक खाएं सेहत बनायें
सर्दियों के मौसम में हरी सब्जियों की खूब बहार रहती है। हरी सब्जियों में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए भी पाया जाता है। जो आंखों के लिए काफी फायदेमंद होता है। इन्हीं में से एक है पालक। पालक को आप सलाद के साथ या सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं। पालक को खाने से पहले भली प्रकार से गहरे पानी में धोना न भूलें।
क्यों खाएं पालक : पालक पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें मौजूद कैल्शियम और हरित तत्व हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं। पालक में पाए जाने वाले विटामिन ए और सी, रेशे, फोलिक एसिड और मैग्नीशियम कैंसर से लड़ने में मदद करते है, जिसमें कोलन, फेफड़े में होने वाला कैंसर और स्तन कैंसर प्रमुख है। पालक हृदय संबंधी बीमारियों से लड़ने में भी मददगार होता है। इसके नियमित सेवन से बुजुर्गो की कमजोर होती याददाश्त भी मजबूत होती है।
भोजन में कैसे बढ़ाएं पालक की मात्रा:
- पालक को महीन काटकर सलाद के साथ खाएं
- कटे हुए पालक को अपने पसंदीदा सूप में डालकर खाएं
- पालक और लहसुन की भुजिया बनाकर खाएं। यह काफी स्वादिष्ट होती है
- पालक को ब्रेड के सैंडविच में भी लगाकर खाया जा सकता है
पालक में मौजूद कैलोरी : पालक एक ऐसी सब्जी है जिसे वजन घटाने के इच्छुक लोग भी बेफिक्र होकर खा सकते हैं। इसमें कैलोरी कम और पोषक पदार्थो की मात्रा अधिक होती है। पालक में प्रोटीन के प्रचुर मात्रा में पाए जाने के अलावा इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है।
पालक में पाए जाने वाले पोषक तत्व : इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स एंटीआक्सीडेंट का काम करते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने के अलावा हृदय संबंधी बीमारियों से लड़ने में भी मददगार होता है। प्रतिदिन सलाद में इसके सेवन से पाचनतंत्र मजबूत होता है। इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन और विटामिन सी डीएनए का क्षय होने से बचाता है। ये शरीर के जोड़ों में होने वाली बीमारी जैसे आर्थराइटिस, ओस्टियोपोरोसिस की भी संभावना को घटाता है।
पालक
- · पाचन तंत्र के लिए यह अत्यंत उपयोगी है | इसके नियमित सेवन से उदर-विकारों व कब्ज से मुक्ति मिलती है व भूख भी खुलकर लगती है |
- · इसके नियमित सेवन से गर्भवती महिला को प्रसव के समय अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता |
- · यह वायु करनेवाली , शीतल व मधुमेह के रोग में भी अत्यंत गुणकारी है |
- · इसके बीज यकृतरोग , पीलिया व पित्तप्रकोप को मिटाते है |
- · कफ और श्वास संबंधी रोगों में भी ये हितकारी है |
- · खांसी और गले की जलन तथा फेफड़ों की सुजन में पालक के रस के गराटे करने से लाभ होता है |
- · बाल अधिक झड़ने तथा बालों में रुसी की शिकायत होने पर पालक के उबले रस में नींबू का रस समान मात्रा में मिलाकर सिर धोने से इस समस्या से छुटकारा मिलेगा |
- · दांतों में पायरिया की बिमारी होने पर कुछ दिन रोज प्रातःकाल आधा गिलास पालक का रस खाली पेट लें | इसके अलावा कच्चा पालक चबा-चबाकर खायें | पालक के रस में गाजर का रस मिलाकर पीने से मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है |
- · फोड़ा : पालक के पत्ते नीम की पत्तियों के साथ पीसकर बनाया हुआ लेप मवाद भरे फोड़ों पर लगाने से खराब रक्त बाहर निकल जाएगा और फोड़ा ठीक हो जाएगा |
- · जले हुए अंग पर पालक के पीसे हुए पत्तों का तत्काल लेप करने से जलन शांत होगी व फफोले नहीं पड़ेंगे |
- · किसी दवा का प्रतिकूल असर ( साइड इफेक्ट ) होने या कोई विषैली वस्तु खा लेने पर पानी में पालक उबालकर प्रभावित व्यक्ति में अदरक का थोड़ा-सा रस मिलाकर प्रभावित व्यक्ति को देने से तत्काल राहत मिलती है |
- · रक्तालप्ता की बिमारी में पालक की सब्जी का नियमित सेवन व आधा गिलास पालक के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर ५० दिन पियें | इससे काफी फ़ायदा होगा |
- · पालक के नियमित सेवन से समस्त विकार दूर होकर चेहरे पर लालिमा , शरीर में स्फूर्ति, उत्साह , शक्ति-संचार व रक्त -भ्रमण तेजी से होता है | इसके निरंतर सेवन से चेहरे के राग में निखार आ जाता है| नेत्रज्योति बढती है|
- · पालक पीलिया , उन्माद , हिस्टीरिया , प्यास , जलन , पित्तज्वर में भी लाभ करता है |
- विशेष : पालक की सब्जी वायु करती है अतः वर्षाकाल में इसका सेवन न करे | इसके पत्तों में सूक्ष्म जंतु भी होते है अतः : गर्म पानी से धोने के बाद ही इसका उपयोग करें|
- · अच्छी सेहत के लिए हल्का गर्म पानी हल्का गुनगुना पानी पीने से शरीर पर बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ता है , इससे खून का दौरा भी बढ़ता है और रोग प्रतिरोधी शक्ति भी बढ़ती है जिससे शरीर से विषैले पदार्थ मूत्र के द्वारा बाहर निकल जाते है | तरिका : पानी को हल्का गर्म करके थर्मस में भर ले | उसमें से थोडा-थोड़ा सारा दिन पीते रहें |
स्त्रोत : ऋषि प्रसाद -जून १९९७
पालक खाने वाला व्यक्ति बीमार नहीं पड़ता
शनिवार, अक्तूबर 8, २०११
हरी सब्जियों की जब भी बात आती है तो सबसे पहले पालक का नाम आता है। जिसे लोग रामबाण कहते हैं। लोग कहते हैं कि पालक खाने वाला व्यक्ति को कभी भी डॉक्टर के पास नहीं जाता, कहने का तात्पर्य ये है कि पालक खाने वाला कभी बीमार नहीं पड़ता है। डॉक्टरों के मुताबिक पालक में शरीर के लिए आवश्यक अनेक अमीनो अम्ल, विटामिन ए, फोलिक अम्ल, प्रोटीन और लौह तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। पालक में बीटा केरोटिन नामक विटामिन की भरमार रहती है।
जो आंखो के लिए काफी अच्छी होती है। पालक में लोहे का अंश भी बहुत अधिक रहता है, पालक में मौजूद लोहा शरीर द्वारा आसानी से सोख लिया जाता है। इसलिए पालक खाने से खून के लाल कणों की संख्या बढ़ती है। इन लाल कणों में हिमोग्लोबिन नामक तत्व रहता है जो लोहे से बनता है। खून की कमी से पीड़ित व्यक्तियों को पालक खाने से काफी फायदा पहुंचता है। गर्भवती स्त्रियों में फोलिक अम्ल की कमी पाई जाती है। उनके लिए भी पालक का सेवन लाभदायक होता है। पालक में कैल्शियम भी बहुत अधिक रहता है। इसलिए बढ़ते बच्चों, बूढ़े व्यक्तियों और गर्भवती स्त्रियों के लिए वह बहुत फायदेमंद है। पालक खाने से स्तनपान करानेवाली माताओं के स्तनों में अधिक दूध बनता है।
यही नहीं पालक त्वचा और शरीर के लिए भी बहत अच्छा होता है। जो लोग बाल गिरने से परेशान हैं उन्हें तो रोज पालक खाना चाहिए। जो शरीर में आयरन की कमी को पूरा करके बालों का गिरना रोकता है। पालक त्वचा को रूखे होने से बचाता है। पालक आखों में चमक उत्पन्न करता है। पालक के पेस्ट को चेहरे पर लगाने से चेहरे से झाइयां दूर हो जाती है। इसलिए महंगी-महंगी दवाइयां खाने से अच्छा है कि आप पालक खाइये जिससे दवाइयां खाने की नौबत ही ना आये।-बोल्ड स्काई
रामबाण है पालक
रामबाण कही जाने वाली पालक को खाने वाला कभी भी डॉक्टर के पास नहीं जाता।
पालक को विटामिनों का भरमार कहा जाता है। इसमें अमीनो अम्ल, विटामिन ए, फोलिक अम्ल, प्रोटीन और लौह तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
- 1. पालक में बीटा केरोटिन नामक विटामिन भी पाया जाता है। जो आंखों के लिए काफी अच्छी होती है।
- 2. खूनी की कमी में पालक बहुत फायदेमंद है। इसको खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है। पालक में लोहे का अंश भी बहुत अधिक रहता है, पालक में मौजूद लोहा शरीर द्वारा आसानी से सोख लिया जाता है। इसलिए पालक खाने से खून के लाल कणों की संख्या बढ़ती है।
- 3. गर्भवती स्त्रियों में फोलिक अम्ल की कमी पाई जाती है। उनके लिए भी पालक का सेवन लाभदायक होता है।
- 4. बढ़ते बच्चों, बूढ़े व्यक्तियों और गर्भवती स्त्रियों के लिए पालक बहुत फायदेमंद होती है। इसमें कैल्शियम भी बहुत अधिक रहता है।
- 5. पालक खाने से स्तनपान कराने वाली माताओं के स्तनों में अधिक दूध बनता है।
- 6. बाल गिरने से परेशान लोगों के लिए पालक वरदान है।
- 7. पालक त्वचा को रूखे होने से बचाता है।
- 8. पालक आखों में चमक उत्पन्न करता है।
- 9. पालक के पेस्ट को चेहरे पर लगाने से चेहरे से झाइयां दूर हो जाती है।
-प्रकाशित: Mon, 24 Oct 2011 मोनिका श्रीवास्तव
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