मस्से (WARTS)
परिचय :-त्वचा पर पेपीलोमा वायरस के कारण छोटे खुरदरे कठोर गोल पिण्ड बन जाते हैं जिसे मस्सा कहते हैं। यह वृहत त्वचा के कोशिकाओं के कारण बनते हैं और ये मस्से कई प्रकार के होते हैं। कुछ मस्से ऐसे होते हैं जो उत्पन्न होकर अपने आप एकाएक समाप्त हो जाते हैं। जब कोई रोगी मस्से को काट या फोड़ देता है तो उस मस्से का वायरस शरीर के अन्य स्थानों पर जाकर वहां भी मस्से बना देते हैं। कभी-कभी मस्से का वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की त्वचा पर आकर उसकी त्वचा पर भी मस्से बना देते हैं।
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[दाम्पत्य सुख को समझने और भोगने के इच्छुक हर एक स्त्री और पुरुष को पढने योग्य अति महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी प्रदान करने वाला एक पढने योग्य आलेख!-"अतृप्त दाम्पत्य कारण एवं निवारण!" ]
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लक्षण :-हाथ-पैरों पर सफेद व गुलाबी रंग के मस्से हो जाते हैं जो कठोर व खुरदरे होते हैं। कभी-कभी मस्से समूहों में उत्पन्न होते हैं जो अधिकतर भी गर्दन, चेहरे एवं छाती पर होते हैं। कुछ लोगों के अंगुलियों व पैरों के नाखूनों के किनारों पर भी मस्से उभरे आते हैं।
औषधियों के अतिरिक्त कुछ अन्य उपचार :-
रोगी को जिंक व ´बी´ काम्पलेक्स युक्त आहार का भी सेवन करना चाहिए।
मस्से को कभी भी काटना व जलाना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे रोग गम्भीर हो सकता है।
त्वचा पर मस्से निकल आने पर रोगी को अपने आप को स्वच्छता व साफ रखना चाहिए और दूसरों की चीजें जैसे तौलिया, उस्तरा, ब्लेड आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए।
रोगी को भोजन में विटामिन- ´ए´, ´सी´, ´ई´ लेनी चाहिए, क्योंकि इन विटामिन्स से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
यदि मस्से एकाएक नरम हो जाए, उनके आकार में परिवर्तन हो जाए, उनमें खुजली हो या उससे स्राव होने लगे तो तुरन्त चिकित्सक से सलाह लेकर उपचार कराएं, क्योंकि यह मीलानोमा या कैंसर भी हो सकता है।
यदि 45 वर्ष की आयु के बाद मस्से उभरें तो जांच करना आवश्यक होता है।
रोगी को मस्से पर आलू की फांक रगड़ना चाहिए या केले के छिलके के भीतरी भाग को रगड़ना चाहिए।
होम्योपैथिक उपचार :-
थूजा : इस औषधि का प्रयोग किसी भी प्रकार के मस्सों में किया जा सकता है। मस्सों के यह सबसे अच्छी औषधि है। मस्सों के झुण्ड निकलने, सिर के पीछे मस्से जैसे दाने होने, ठोड़ी पर मस्से होने, लटकने वाले मस्से होने, खूनी मस्से जिससे कभी-कभी खून निकलता रहता है। इन सभी प्रकार के मस्सों को ठीक करने के लिए थूजा औषधि की 30 शक्ति का सेवन करना लाभदायक होता है। इन मस्सों में थूजा औषधि के सेवन के साथ-साथ थूजा औषधि को रूई पर लगाकर मस्सों पर लगाना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान स्त्री को पहले कुछ दिनों तक सल्फर औषधि की 30 शक्ति का सेवन कराने और फिर कुछ दिनों तक थूजा औषधि की 30 शक्ति का सेवन कराने और अंत में मर्क सौल औषधि की 30 शक्ति सेवन कराने से बच्चे को मस्से नहीं होते। यदि त्वचा पर मस्से गोभी की तरह दिखाई दे तो इस औषधि का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
थूजा औषधि का प्रयोग कोमल अर्बुद (पोलिपी), गोटियां (टुबेरक्लेस), क्षत (अल्सर), मस्से (वारट्स), उपत्वक अबुंद (इपिथेलिओमा), तिल (नेवा), दाद, चित्ती (फ्रेक्कलेस) तथा चकत्ते (ब्लोटचेस) आदि रोगों में भी किया जाता है।
कैलकेरिया कार्ब : कठोर, नोकदार व चुभने वाले मस्से जिनमें सूजन आने के बाद कभी-कभी जख्म भी बन जाते हैं। इस तरह के मस्से को ठीक करने के लिए कैलकेरिया कार्ब औषधि की 12 शक्ति का प्रयोग करना लाभकारी होता
नाइट्रिक ऐसिड : बड़े खुरदरे मस्से, टेढ़े-मेढ़े मस्से एवं ऐसे मस्से जिसे धोने से खून निकलने लगता हो। इस तरह के मस्सों में नाइट्रिक ऐसिड औषधि की 12 शक्ति का प्रयोग किया जाता है। इस औषधि का प्रयोग लटकने एवं होंठों पर मस्से की तरह दाने होने पर भी किया जाता है।
नैट्रम म्यूर : ऐसे मस्से जिसमें दर्द हो और मस्से को हल्का सा छू देने पर असहनीय दर्द हो। मस्से कभी-कभी जख्म में बदल जाता है। ऐसे लक्षणों वाले मस्सों का उपचार नैट्रम-म्यूर औषधि की 30 शक्ति से फयदेमन्द होता है।
सल्फर : यदि कठोर एवं दर्द वाले मस्से हो गए हों और उसमें तपकन महसूस होता हो तो सल्फर औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करें।
ऐन्टिम टार्ट : पुरुषों के जननेन्द्रिय की सुपारी के पीछे मस्से हो गए हों तो ऐन्टिम टार्ट औषधि की 12 शक्ति का प्रयोग किया जाता है।
कॉस्टिकम : अगर शरीर पर छोटे-छोटे बहुत से मस्से हो गए हों जिसके जड़ मुलायम एवं ऊपर के मुंह कठोर हो तो ऐसे मस्सों को ठीक करने के लिए कॉस्टिकम औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना लाभकारी होता है। बाहों, हाथों, पलकों एवं चेहरे पर होने वाले मस्सों में भी इस औषधि का उपयोग किया जाता है।
कैलि म्यूर : हाथों पर मस्से होने पर कैलि म्यूर औषधि का सेवन करने के साथ इस औषधि की 3x मात्रा को एक चम्मच पानी में मिलाकर लोशन बनाकर मस्सों पर लगाना भी चाहिए।
सीपिया : जननेन्द्रिय की आगे की त्वचा के अगले भाग या शरीर पर बड़े-बड़े कठोर एवं काले मस्से होने पर सीपिया औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना हितकारी होता है
नैट्रम-म्यूर : हथेलियों पर मस्से होने पर नैट्रम-म्यूर औषधि की 6 शक्ति का सेवन करना लाभकारी होता है।
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मस्से का घरेलू इलाज
मस्सा : शरीर पर कहीं भी मस्से हो जाने से कष्ट हो या न हो पर कुरूप तो लगता ही है। मस्सा खत्म करने के लिए एक अगरबत्ती जला लें और अगरबत्ती के जले हुए गुल को मस्से का स्पर्श कर तुरन्त हटा लें।
ऐसा 8-10 बार करें, इस उपाय से मस्सा सूखकर झड़ जाएगा। ज्यादा मस्से हों तो बारी-बारी से सभी मस्सों को इसी विधि से जलाकर झड़ा दें। ध्यान रहे, अगरबत्ती का स्पर्श सिर्फ मस्से पर ही होना चाहिए। यह नुस्खा परीक्षित है।
काँटा या काँच लगने पर : एक चम्मच अजवायन और एक चम्मच तम्बाकू के चूरे को दो चम्मच गुड़ में मिलाकर टिकिया बना लें। जहाँ काँटा लगा हो उस पीड़ित स्थान पर रात को टिकिया दबाकर पट्टी बाँध दें और सो जाएँ। सुबह काँटा या काँच (जो भी चुभा होगा) स्वयं निकल जाएगा।
चेतावनी : उपरोक्त उपाय अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए हैं लेकिन अमल में लाने से पूर्व किसी चिकित्सक या वैद्य की सलाह अवश्य लें।
होम टेक्निक से दूर भगाएं मस्से
अनुराधा गोयल
हर कोई खूबसूरत चेहरे की कामना करता है, लेकिन इस खूबसूरत चेहरे पर जब कोई दाग, मुंहासे या मस्से इत्यादि हों तो चेहरा एकदम बिगड़ सा जाता है। मस्सों से निजात पाने के लिए आज युवा हर उपाय अपनाने को तैयार रहते हैं। हालांकि मस्से सिर्फ चेहरे पर ही नहीं, बल्कि गर्दन, हाथ, पीठ, चिन, पैर इत्यादि कहीं पर भी हो सकते है। मस्सों को दूर करने के लिए कई तरह की क्रीम्स इत्यादि भी बाजार में मिल जाती हैं। लेकिन अगर आपका बजट इसके लिए इजाजत नहीं देता तो यहां हम टाइमपैक हेल्थ केयर आईआईटी रॉ की मैनेजिंग डायरेक्टर जसप्रीत द्वारा बताए गए कुछ घरेलू नुस्खों को बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप आसानी से अपना प्राकृतिक सौंदर्य वापस पा सकते हैं।
दरअसल, मस्से पिगमेंट कोशिकाओं के समूह होते हैं, जो काले-भूरे रंग के होते हैं। आमतौर पर यह नुकसानदायक नहीं होते, लेकिन समय पर इनका इलाज न कराया जाए तो ये कैंसर का रूप ले सकते हैं। कुछ मस्से आनुवांशिक होते हैं तो कुछ अधिक धूप में रहने के कारण हो जाते हैं।
उपचार :
- बी काम्पलेक्स, विटामिन ए, सी, ई युक्तआहार के सेवन से मस्सों को दूर किया जा सकता है।
- साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए और किसी दूसरे का तौलिया इत्यादि चीजें इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए।
- मस्से पर आलू की फांक रगड़नी चाहिए या केले के छिलके के भीतरी भाग को रगड़ना चाहिए।
- मस्सा खत्म करने के लिए एक अगरबत्ती जला लें और अगरबत्ती के जले हुए गुल को मस्से का स्पर्श कर तुरन्त हटा लें। ऐसा 8-10 बार करें, इस उपाय से मस्सा सूखकर झड़ जाएगा।
- कुछ खट्टे सेब लेकर उनका जूस निकालें और उसको दिन में कम से कम तीन बार मस्से की जगह पर लगाएं। नियमित रूप से लगाने पर आप पाएंगे कि मस्से धीरे-धीरे झड़ रहे हैं और तीसरे सप्ताह तक यह बिल्कुल खत्म होते दिखेंगे। एक प्याज को लेकर उसके रस को दिन में एक बार नियमित रूप से लगाना प्रभावकारी होगा। बेकिंग सोडा और कस्टर (अरंडी) के तेल को रात में मस्सों पर लगाकर सोने से मस्सों को दूर करने में मदद मिलती है।
- हालांकि मस्सों के इलाज की तकनीक हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है, लेकिन आमतौर पर होने वाले मस्सों पर यदि लहसुन का एक छोटा टुकड़ा प्रतिदिन छुआया जाए या फिर उसका रस लगाया जाए तो भी मस्सों को दूर करने में यह फॉर्मूला लाभकारी होगा। मस्सों को कुछ दिन में ही गायब करने के लिए आप फूलगोभी के रस को प्रतिदिन मस्सों पर लगा सकते हैं। चेहरे को खुबसूरत और मस्सों से निजात दिलाने के लिए सुबह-सुबह और रात को सोते समय प्रतिदिन शहद लगाएं।
- मस्सों को दूर करने के लिए कुछ रिमूवल क्रीम्स भी आती हैं लेकिन ये बहुत ज्यादा असरकारक न होते हुए नकारात्मक प्रभाव छोड़ती है। ऐसे में आप मस्सों को दूर करने के लिए सर्जरी भी करवा सकते हैं जिसके कोई अतिरिक्त प्रभाव आपकी त्वचा पर नहीं पड़ेगे।
- मस्सों से छुटकारा पाने के लिए पोटेशियम बहुत लाभदायक है। पोटेशियम बहुत सी साग-सब्जी और फलों में पाया जाता है। जैसे - सेब, केला, अंगूर, आलू, मशरूम, टमाटर, पालक इत्यादि।
सावधानियां
- मस्से को कभी भी काटना व जलाना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे रोग गम्भीर हो सकता है।
- अधिक उम्र में मस्से निकलने पर चिकित्सक से जांच कराना जरूरी है।
- स्किन को धूप से बचाएं और धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन लोशन लगाना न भूलें।
- यदि मस्से अपने आप नरम हो जाएं, उनके आकार में परिवर्तन हो जाए, उनमें खुजली हो या उससे स्नव होने लगे तो तुरन्त चिकित्सक से सलाह लेकर उपचार कराएं, क्योंकि यह मीलानोमा या कैंसर भी हो सकता है।-First Published:11-11-11 01:27 PM स्त्रोत : हिंदुस्तान लाइव
मस्सों की आयुर्वेदिक चिकित्सा
अमेरिका में लाखों लोग त्वचा की समस्याओं से ग्रसित रहते हैं। इनमे से कुछ समस्याएँ गंभीर होती हैं, और कुछ गौण समझी जाती हैं, और इन गौण समस्याओं में से एक समस्या होती है, मस्से। यह सिर्फ गौण ही नहीं बल्कि आम समस्याओं में गिनी जाती है। मस्से त्वचा पर एक उपज की तरह होते हैं, और सुसाध्य समझे जाते हैं, यानि कि वे कैंसरयुक्त नहीं होते। इसके बावजूद इनसे ग्रसित कई लोग इन्हें निकालने के लिए आतुर रहते हैं, क्योंकि उनके अनुसार मस्से त्वचा पर अच्छे नहीं दिखते।
यह बात आप शायद न जानते हों कि मस्से 'ह्युमन पैपिल्लोमा वाइरस' के कारण विकसित होते हैं।
मस्सों के लक्षण : त्वचा पर बेडौल और रुखी सतह का विकास होना, मस्सों के लक्षण होते हैं। मस्से अपने आप विकसित होकर अपने आप ही गायब हो जाते हैं, पर इनमे से कई मस्से अत्याधिक पीड़ादायक होते हैं। यह तेज़ी से फैलते हैं, और इनमे से कई मस्से बरसों तक बने रहते हैं जिनका इलाज कराना ज़रूरी होता है।
मस्सों के आयुर्वेदिक / घरेलू उपचार :
- बरगद के पेड़ के पत्तों का रस मस्सों के उपचार के लिए बहुत ही असरदार होता है। इस प्रयोग से त्वचा सौम्य हो जाती है और मस्से अपने आप गिर जाते हैं।
- एक चम्मच कोथमीर के रस में एक चुटकी हल्दी डालकर सेवन करने से मस्सों से राहत मिलती है।
- कच्चे आलू का एक स्लाइस नियमित रूप से दस मिनट तक मस्से पर लगाकर रखने से मस्सों से छुटकारा मिल जायेगा।
- केले के छिलके को अंदर की तरफ से मस्से पर रखकर उसे एक पट्टी से बांध लें। और ऐसा दिन में दो बार करें और लगातार करते रहें जब तक कि मस्से ख़तम नहीं हो जाते।
- अरंडी का तेल नियमित रूप से मस्सों पर लगायें। इससे मस्से नरम पड़ जायेंगे, और धीरे धीरे गायब हो जायेंगे। अरंडी के तेल के बदले कपूर के तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं।
- लहसून के एक टुकड़े को पीस लें, लेकिन बहुत महीन नहीं, और इस पीसे हुए लहसून को मस्से पर रखकर पट्टी से बांध लें। इससे भी मस्सों के उपचार में सहायता मिलती है।
- एक बूँद ताजे मौसमी का रस मस्से पर लगा दें, और इसे भी पट्टी से बांध लें। ऐसा दिन में लगभग 3 या 4 बार करें। ऐसा करने से मस्से गायब हो जायेंगे।
- बंगला, मलबारी, कपूरी, या नागरबेल के पत्ते के डंठल का रस मस्से पर लगाने से मस्से झड़ जाते हैं। अगर तब भी न झड़ें, तो पान में खाने का चूना मिलाकर घिसें।
- अम्लाकी को मस्सों पर तब तक मलते रहें जब तक मस्से उस रस को सोख न लें। या अम्लाकी के रस को मस्से पर मल कर पट्टी से बांध लें.
- कसीसादी तेल मस्सों पर रखकर पट्टी से बांध लें।
- मस्सों पर नियमित रूप से प्याज़ मलने से भी मस्से गायब हो जाते हैं।
- पपीता के क्षीर को मस्सों पर लगाने से भी मस्सों के गायब होने में मदद मिलती है।
- थूहर का दूध या कार्बोलिक एसिड सावधानीपूर्वक लगाने से मस्से निकल जाते हैं।
- मस्सों पर अलो वेरा को दिन में तीन बार लगायें। ऐसा एक सप्ताह तक करते रहें, मस्से गायब हो जायेंगे।
- विटामिन मे को मस्सों पर लगाने से भी लाभ मिलता है। दुगने लाभ के लिए आप उसपर कच्चा लहसून भी लगा सकते हैं। दोनों को मस्सों पर लगाकर उसपर पट्टी बांधकर एक सप्ताह तक रहने दें। एक सप्ताह बाद पट्टी खोलने पर आप पाएंगे की मस्से गायब हो गए हैं।
Date of Publishing:2011-10-१८, लक्ष्मण सिंह, ओन्ली माई हैल्थ सम्पादकीय विभाग
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मस्सों के लिए रामबाण घरेलू उपाय
हर कोई खूबसूरत चेहरे की कामना करता है लेेकिन इस खूबसूरत चेहरे पर जब कोई दाग, मुंहासे या मस्से इत्यादि हों तो चेहरा एकदम बिगड सा जाता है। मस्सों से निजात पाने के लिए आज युवा हर उपाय अपनाने को तैयार है। त्वचा पर पेपीलोमा वायरस के कारण छोटे, खुरदुरे कठोर पिंड बन जाते हैं जिसे मस्सा कहते हैं। मस्से काले और भूरे रंग के होते हैं। मस्से 8 से 12 प्रकार के होते हैं। मस्से अक्सर अपने-आप समाप्त हो जाते हैं, लेकिन कुछ मस्से इलाज के बाद जाते हैं। मस्से को काटने और फो़डने के कारण मस्से का वायरस शरीर के अन्य हिस्सों में भी चला जाता है जिसके कारण मस्से हो जाते हैं। कभी कभी मस्से का वायरस एक आदमी से दूसरे आदमी की त्वचा पर आकर मस्सा बना देते हैं। आइए हम आपको मस्सों से बचने के लिए घरेलू उपचार के बारे में बताते हैं।
मस्से को समाप्त करने के लिए एक अगरबत्ती जला लें और अगरबत्ती के जले हुए गुल को मस्से का स्पर्श कर तुरन्त हटा लें। ऎसा 8-10 बार करें, ऎसा करने से मस्सा सूखकर झड जाएगा। अगर ज्यादा मस्से हों तो बारी-बारी से सभी मस्सों को इसी तरीके से जलाकर झडा दें। ध्यान रहे, अगरबत्ती का स्पर्श सिर्फ मस्से पर ही होना चाहिए।
- -खट्टे सेब लेकर उनका जूस निकाल लीजिए और उसको दिन में कम से कम तीन बार मस्से की जगह पर लगाइए। इस जूस को नियमित रूप से लगाने पर आप पाएंगे कि मस्से धीरे-धीरे झड रहे हैं और तीसरे सप्ताह तक लगभग समाप्त हो जाएंगे।
- -मस्से को समाप्त करने के लिए प्याज भी फायदेमंद है। एक प्याज को लेकर उसके रस को दिन में एक बार नियमित रूप से लगाने से मस्से समाप्त होते हैं।
- -बेकिंग सोडा और अरंडी के तेल को रात में मस्सों लगाकर सो जाइए, ऎसा करने से मस्से धीरे-धीरे मस्से समाप्त हो जाते हैं।
- -आलू का प्रयोग करने से भी मस्से समाप्त होते हैं। आलू को छीलकर काट लीजिए, उसके कटे हुए हिस्से को मस्सों पर रगडिए, ऎसा करने से कुछ दिनों में मस्से समाप्त हो जाते हैं।
- -लहसुन की कली को छील लीजिए, उसके बाद उसे काटकर मस्सों पर रगडिए, कुछ दिन बाद मस्से सूखकर झड जाएंगे।
- -फूल गोभी का रस मिलाने से मस्से समाप्त हो जाते हैं।
- - रात को सोने से पहले और सुबह उठने के बाद मस्सों पर शहद लगाइए, इससे मस्से खत्म हो जाते हैं।
- -मस्से वाले हिस्से को पाइनेपल के जूस में रखिए, इससे मस्से नष्ट करने वाले एंजाइम होते हैं।
- -अगर आपके घर पर एलोवेरा है, तो उसका एक छोटा का टुक़डा काटिये और ताजा जैल मस्से पर लगायें। इससे मस्सा जल्दी ठीक हो जाता है।
- मस्से को कभी भी काटना व जलाना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे रोग गम्भीर हो सकता है। अधिक उम्र में मस्से निकलने पर चिकित्सक से जांच कराना जरूरी है।
- -स्किन को धूप से बचाएं और धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन लोशन लगाना न भूलें।
- -यदि मस्से अपने आप नरम हो जाएं, उनके आकार में परिवर्तन हो जाए, उनमें खुजली हो या उससे स्त्रव होने लगे तो तुरन्त चिकित्सक से सलाह लेकर उपचार कराएं, क्योंकि यह मीलानोमा या कैंसर भी हो सकता है। इन नुस्खों को आजमाने के बाद भी अगर मस्से न ठीक हों तो चिकित्सक से संपर्क अवश्य कीजिए। डॉक्टर नवीन वैज्ञानिक तरीके अपनाकर आपको मस्सों से निजात दिला सकता है।
Source : http://www.khaskhabar.com/picture-news/lifestyle-home-tips-for-piles-1-30819.html
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By Rahul Sharma,
ओन्ली माई हैल्थ सम्पादकीय विभाग
Nov 07, 2011
मस्से 'ह्युमन पैपिल्लोमा वाइरस' के कारण विकसित होते हैं।
त्वचा पर बेडौल और रुखी सतह का विकास होना, मस्सों के लक्षण होते हैं।
मस्सों पर नियमित रूप से प्याज़ मलने से भी मस्से गायब हो जाते हैं।
विटामिन इ को मस्सों पर लगाने से भी लाभ मिलता है।
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अमेरिका में लाखों लोग त्वचा की समस्याओं से ग्रसित रहते हैं। इनमें से कुछ समस्याएँ गंभीर होती हैं, और कुछ गौण समझी जाती हैं, और इन गौण समस्याओं में से एक समस्या होती है, मस्से। यह सिर्फ गौण ही नहीं, बल्कि आम समस्याओं में गिनी जाती है। मस्से त्वचा पर एक उपज की तरह होते हैं, और सुसाध्य समझे जाते हैं, यानि कि वे कैंसरयुक्त नहीं होते। इसके बावजूद इनसे ग्रसित कई लोग इन्हें निकालने के लिए आतुर रहते हैं, क्योंकि उनके अनुसार मस्से त्वचा पर अच्छे नहीं दिखते। यह बात आप शायद न जानते हों कि मस्से 'ह्युमन पैपिल्लोमा वाइरस' के कारण विकसित होते हैं। हालांकि आयुर्वेदिक चिकित्सा की मदद से मस्सों से छुटकारा पाया जा सकता है। तो चलिये जानें मस्सों से आयुर्वेदिक चिकित्सा की ममद से निजात कैसे पाएं।
मस्सों के लक्षण : त्वचा पर बेडौल और रुखी सतह का विकास होना, मस्सों के लक्षण होते हैं। मस्से अपने आप विकसित होकर अपने आप ही गायब हो जाते हैं, पर इनमे से कई मस्से अत्याधिक पीड़ादायक होते हैं। यह तेज़ी से फैलते हैं, और इनमे से कई मस्से बरसों तक बने रहते हैं जिनका इलाज कराना ज़रूरी होता है।
मस्सों के आयुर्वेदिक / घरेलू उपचार :
- बरगद के पेड़ के पत्तों का रस मस्सों के उपचार के लिए बहुत ही असरदार होता है। इस प्रयोग से त्वचा सौम्य हो जाती है और मस्से अपने आप गिर जाते हैं।
- एक चम्मच कोथमीर के रस में एक चुटकी हल्दी डालकर सेवन करने से मस्सों से राहत मिलती है।
- कच्चे आलू का एक स्लाइस नियमित रूप से दस मिनट तक मस्से पर लगाकर रखने से मस्सों से छुटकारा मिल जायेगा।
- केले के छिलके को अंदर की तरफ से मस्से पर रखकर उसे एक पट्टी से बांध लें। और ऐसा दिन में दो बार करें और लगातार करते रहें जब तक कि मस्से ख़तम नहीं हो जाते।
- अरंडी का तेल नियमित रूप से मस्सों पर लगायें। इससे मस्से नरम पड़ जायेंगे, और धीरे धीरे गायब हो जायेंगे। अरंडी के तेल के बदले कपूर के तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं।
- लहसून के एक टुकड़े को पीस लें, लेकिन बहुत महीन नहीं, और इस पीसे हुए लहसून को मस्से पर रखकर पट्टी से बांध लें। इससे भी मस्सों के उपचार में सहायता मिलती है।
- एक बूँद ताजे मौसमी का रस मस्से पर लगा दें, और इसे भी पट्टी से बांध लें। ऐसा दिन में लगभग 3 या 4 बार करें। ऐसा करने से मस्से गायब हो जायेंगे।
- बंगला, मलबारी, कपूरी, या नागरबेल के पत्ते के डंठल का रस मस्से पर लगाने से मस्से झड़ जाते हैं। अगर तब भी न झड़ें, तो पान में खाने का चूना मिलाकर घिसें।
- अम्लाकी को मस्सों पर तब तक मलते रहें जब तक मस्से उस रस को सोख न लें। या अम्लाकी के रस को मस्से पर मल कर पट्टी से बांध लें.
- कसीसादी तेल मस्सों पर रखकर पट्टी से बांध लें।
- मस्सों पर नियमित रूप से प्याज़ मलने से भी मस्से गायब हो जाते हैं।
- पपीता के क्षीर को मस्सों पर लगाने से भी मस्सों के गायब होने में मदद मिलती है।
- थूहर का दूध या कार्बोलिक एसिड सावधानीपूर्वक लगाने से मस्से निकल जाते हैं।
- मस्सों पर अलो वेरा को दिन में तीन बार लगायें। ऐसा एक सप्ताह तक करते रहें, मस्से गायब हो जायेंगे।
- विटामिन इ को मस्सों पर लगाने से भी लाभ मिलता है। दुगने लाभ के लिए आप उसपर कच्चा लहसून भी लगा सकते हैं। दोनों को मस्सों पर लगाकर उसपर पट्टी बांधकर एक सप्ताह तक रहने दें। एक सप्ताह बाद पट्टी खोलने पर आप पाएंगे की मस्से गायब हो गए हैं।
Source : http://www.onlymyhealth.com/effective-ayurvedic-treatment-warts-in-hindi-1320649793
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