Online Dr. P.L. Meena (डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा)

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मस्से (WARTS)

मस्से (WARTS)
परिचय :-त्वचा पर पेपीलोमा वायरस के कारण छोटे खुरदरे कठोर गोल पिण्ड बन जाते हैं जिसे मस्सा कहते हैं। यह वृहत त्वचा के कोशिकाओं के कारण बनते हैं और ये मस्से कई प्रकार के होते हैं। कुछ मस्से ऐसे होते हैं जो उत्पन्न होकर अपने आप एकाएक समाप्त हो जाते हैं। जब कोई रोगी मस्से को काट या फोड़ देता है तो उस मस्से का वायरस शरीर के अन्य स्थानों पर जाकर वहां भी मस्से बना देते हैं। कभी-कभी मस्से का वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की त्वचा पर आकर उसकी त्वचा पर भी मस्से बना देते हैं।
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[दाम्पत्य सुख को समझने और भोगने के इच्छुक हर एक स्त्री और पुरुष को पढने योग्य अति महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी प्रदान करने वाला एक पढने योग्य आलेख!-"अतृप्त दाम्पत्य कारण एवं निवारण!" ]
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लक्षण :-हाथ-पैरों पर सफेद व गुलाबी रंग के मस्से हो जाते हैं जो कठोर व खुरदरे होते हैं। कभी-कभी मस्से समूहों में उत्पन्न होते हैं जो अधिकतर भी गर्दन, चेहरे एवं छाती पर होते हैं। कुछ लोगों के अंगुलियों व पैरों के नाखूनों के किनारों पर भी मस्से उभरे आते हैं।

औषधियों के अतिरिक्त कुछ अन्य उपचार :-

रोगी को जिंक व ´बी´ काम्पलेक्स युक्त आहार का भी सेवन करना चाहिए।
मस्से को कभी भी काटना व जलाना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे रोग गम्भीर हो सकता है।
त्वचा पर मस्से निकल आने पर रोगी को अपने आप को स्वच्छता व साफ रखना चाहिए और दूसरों की चीजें जैसे तौलिया, उस्तरा, ब्लेड आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए।
रोगी को भोजन में विटामिन- ´ए´, ´सी´, ´ई´ लेनी चाहिए, क्योंकि इन विटामिन्स से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
यदि मस्से एकाएक नरम हो जाए, उनके आकार में परिवर्तन हो जाए, उनमें खुजली हो या उससे स्राव होने लगे तो तुरन्त चिकित्सक से सलाह लेकर उपचार कराएं, क्योंकि यह मीलानोमा या कैंसर भी हो सकता है। 
यदि 45 वर्ष की आयु के बाद मस्से उभरें तो जांच करना आवश्यक होता है।
रोगी को मस्से पर आलू की फांक रगड़ना चाहिए या केले के छिलके के भीतरी भाग को रगड़ना चाहिए।

होम्योपैथिक उपचार :-

थूजा : इस औषधि का प्रयोग किसी भी प्रकार के मस्सों में किया जा सकता है। मस्सों के यह सबसे अच्छी औषधि है। मस्सों के झुण्ड निकलने, सिर के पीछे मस्से जैसे दाने होने, ठोड़ी पर मस्से होने, लटकने वाले मस्से होने, खूनी मस्से जिससे कभी-कभी खून निकलता रहता है। इन सभी प्रकार के मस्सों को ठीक करने के लिए थूजा औषधि की 30 शक्ति का सेवन करना लाभदायक होता है। इन मस्सों में थूजा औषधि के सेवन के साथ-साथ थूजा औषधि को रूई पर लगाकर मस्सों पर लगाना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान स्त्री को पहले कुछ दिनों तक सल्फर औषधि की 30 शक्ति का सेवन कराने और फिर कुछ दिनों तक थूजा औषधि की 30 शक्ति का सेवन कराने और अंत में मर्क सौल औषधि की 30 शक्ति सेवन कराने से बच्चे को मस्से नहीं होते। यदि त्वचा पर मस्से गोभी की तरह दिखाई दे तो इस औषधि का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
थूजा औषधि का प्रयोग कोमल अर्बुद (पोलिपी), गोटियां (टुबेरक्लेस), क्षत (अल्सर), मस्से (वारट्स), उपत्वक अबुंद (इपिथेलिओमा), तिल (नेवा), दाद, चित्ती (फ्रेक्कलेस) तथा चकत्ते (ब्लोटचेस) आदि रोगों में भी किया जाता है।
कैलकेरिया कार्ब : कठोर, नोकदार व चुभने वाले मस्से जिनमें सूजन आने के बाद कभी-कभी जख्म भी बन जाते हैं। इस तरह के मस्से को ठीक करने के लिए कैलकेरिया कार्ब औषधि की 12 शक्ति का प्रयोग करना लाभकारी होता
नाइट्रिक ऐसिड : बड़े खुरदरे मस्से, टेढ़े-मेढ़े मस्से एवं ऐसे मस्से जिसे धोने से खून निकलने लगता हो। इस तरह के मस्सों में नाइट्रिक ऐसिड औषधि की 12 शक्ति का प्रयोग किया जाता है। इस औषधि का प्रयोग लटकने एवं होंठों पर मस्से की तरह दाने होने पर भी किया जाता है।
नैट्रम म्यूर : ऐसे मस्से जिसमें दर्द हो और मस्से को हल्का सा छू देने पर असहनीय दर्द हो। मस्से कभी-कभी जख्म में बदल जाता है। ऐसे लक्षणों वाले मस्सों का उपचार नैट्रम-म्यूर औषधि की 30 शक्ति से फयदेमन्द होता है।
सल्फर : यदि कठोर एवं दर्द वाले मस्से हो गए हों और उसमें तपकन महसूस होता हो तो सल्फर औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करें।
ऐन्टिम टार्ट : पुरुषों के जननेन्द्रिय की सुपारी के पीछे मस्से हो गए हों तो ऐन्टिम टार्ट औषधि की 12 शक्ति का प्रयोग किया जाता है।
कॉस्टिकम : अगर शरीर पर छोटे-छोटे बहुत से मस्से हो गए हों जिसके जड़ मुलायम एवं ऊपर के मुंह कठोर हो तो ऐसे मस्सों को ठीक करने के लिए कॉस्टिकम औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना लाभकारी होता है। बाहों, हाथों, पलकों एवं चेहरे पर होने वाले मस्सों में भी इस औषधि का उपयोग किया जाता है।
कैलि म्यूर : हाथों पर मस्से होने पर कैलि म्यूर औषधि का सेवन करने के साथ इस औषधि की 3x मात्रा को एक चम्मच पानी में मिलाकर लोशन बनाकर मस्सों पर लगाना भी चाहिए।
सीपिया : जननेन्द्रिय की आगे की त्वचा के अगले भाग या शरीर पर बड़े-बड़े कठोर एवं काले मस्से होने पर सीपिया औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना हितकारी होता है
नैट्रम-म्यूर : हथेलियों पर मस्से होने पर नैट्रम-म्यूर औषधि की 6 शक्ति का सेवन करना लाभकारी होता है।
स्त्रोत : जे के हेल्थ
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मस्से का घरेलू इलाज

मस्सा : शरीर पर कहीं भी मस्से हो जाने से कष्ट हो या न हो पर कुरूप तो लगता ही है। मस्सा खत्म करने के लिए एक अगरबत्ती जला लें और अगरबत्ती के जले हुए गुल को मस्से का स्पर्श कर तुरन्त हटा लें।

ऐसा 8-10 बार करें, इस उपाय से मस्सा सूखकर झड़ जाएगा। ज्यादा मस्से हों तो बारी-बारी से सभी मस्सों को इसी विधि से जलाकर झड़ा दें। ध्यान रहे, अगरबत्ती का स्पर्श सिर्फ मस्से पर ही होना चाहिए। यह नुस्खा परीक्षित है।

काँटा या काँच लगने पर : एक चम्मच अजवायन और एक चम्मच तम्बाकू के चूरे को दो चम्मच गुड़ में मिलाकर टिकिया बना लें। जहाँ काँटा लगा हो उस पीड़ित स्थान पर रात को टिकिया दबाकर पट्टी बाँध दें और सो जाएँ। सुबह काँटा या काँच (जो भी चुभा होगा) स्वयं निकल जाएगा।   

चेतावनी : उपरोक्त उपाय अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए हैं लेकिन अमल में लाने से पूर्व किसी चिकित्सक या वैद्य की सलाह अवश्य लें।

होम टेक्निक से दूर भगाएं मस्से

अनुराधा गोयल

हर कोई खूबसूरत चेहरे की कामना करता है, लेकिन इस खूबसूरत चेहरे पर जब कोई दाग, मुंहासे या मस्से इत्यादि हों तो चेहरा एकदम बिगड़ सा जाता है। मस्सों से निजात पाने के लिए आज युवा हर उपाय अपनाने को तैयार रहते हैं। हालांकि मस्से सिर्फ चेहरे पर ही नहीं, बल्कि गर्दन, हाथ, पीठ, चिन, पैर इत्यादि कहीं पर भी हो सकते है। मस्सों को दूर करने के लिए कई तरह की क्रीम्स इत्यादि भी बाजार में मिल जाती हैं। लेकिन अगर आपका बजट इसके लिए इजाजत नहीं देता तो यहां हम टाइमपैक हेल्थ केयर आईआईटी रॉ की मैनेजिंग डायरेक्टर जसप्रीत द्वारा बताए गए कुछ घरेलू नुस्खों को बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप आसानी से अपना प्राकृतिक सौंदर्य वापस पा सकते हैं।

दरअसल, मस्से पिगमेंट कोशिकाओं के समूह होते हैं, जो काले-भूरे रंग के होते हैं। आमतौर पर यह नुकसानदायक नहीं होते, लेकिन समय पर इनका इलाज न कराया जाए तो ये कैंसर का रूप ले सकते हैं। कुछ मस्से आनुवांशिक होते हैं तो कुछ अधिक धूप में रहने के कारण हो जाते हैं।

उपचार :
  1. बी काम्पलेक्स, विटामिन ए, सी, ई युक्तआहार के सेवन से मस्सों को दूर किया जा सकता है।
  2. साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए और किसी दूसरे का तौलिया इत्यादि चीजें इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए।
  3. मस्से पर आलू की फांक रगड़नी चाहिए या केले के छिलके के भीतरी भाग को रगड़ना चाहिए।
  4. मस्सा खत्म करने के लिए एक अगरबत्ती जला लें और अगरबत्ती के जले हुए गुल को मस्से का स्पर्श कर तुरन्त हटा लें। ऐसा 8-10 बार करें, इस उपाय से मस्सा सूखकर झड़ जाएगा।
  5. कुछ खट्टे सेब लेकर उनका जूस निकालें और उसको दिन में कम से कम तीन बार मस्से की जगह पर लगाएं। नियमित रूप से लगाने पर आप पाएंगे कि मस्से धीरे-धीरे झड़ रहे हैं और तीसरे सप्ताह तक यह बिल्कुल खत्म होते दिखेंगे। एक प्याज को लेकर उसके रस को दिन में एक बार नियमित रूप से लगाना प्रभावकारी होगा। बेकिंग सोडा और कस्टर (अरंडी) के तेल को रात में मस्सों पर लगाकर सोने से मस्सों को दूर करने में मदद मिलती है।
  6. हालांकि मस्सों के इलाज की तकनीक हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है, लेकिन आमतौर पर होने वाले मस्सों पर यदि लहसुन का एक छोटा टुकड़ा प्रतिदिन छुआया जाए या फिर उसका रस लगाया जाए तो भी मस्सों को दूर करने में यह फॉर्मूला लाभकारी होगा। मस्सों को कुछ दिन में ही गायब करने के लिए आप फूलगोभी के रस को प्रतिदिन मस्सों पर लगा सकते हैं। चेहरे को खुबसूरत और मस्सों से निजात दिलाने के लिए सुबह-सुबह और रात को सोते समय प्रतिदिन शहद लगाएं।
  7. मस्सों को दूर करने के लिए कुछ रिमूवल क्रीम्स भी आती हैं लेकिन ये बहुत ज्यादा असरकारक न होते हुए नकारात्मक प्रभाव छोड़ती है। ऐसे में आप मस्सों को दूर करने के लिए सर्जरी भी करवा सकते हैं जिसके कोई अतिरिक्त प्रभाव आपकी त्वचा पर नहीं पड़ेगे। 
  8. मस्सों से छुटकारा पाने के लिए पोटेशियम बहुत लाभदायक है। पोटेशियम बहुत सी साग-सब्जी और फलों में पाया जाता है। जैसे - सेब, केला, अंगूर, आलू, मशरूम, टमाटर, पालक इत्यादि।
सावधानियां
  1. मस्से को कभी भी काटना व जलाना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे रोग गम्भीर हो सकता है। 
  2. अधिक उम्र में मस्से निकलने पर चिकित्सक से जांच कराना जरूरी है।
  3. स्किन को धूप से बचाएं और धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन लोशन लगाना न भूलें। 
  4. यदि मस्से अपने आप नरम हो जाएं, उनके आकार में परिवर्तन हो जाए, उनमें खुजली हो या उससे स्नव होने लगे तो तुरन्त चिकित्सक से सलाह लेकर उपचार कराएं, क्योंकि यह मीलानोमा या कैंसर भी हो सकता है।-First Published:11-11-11 01:27 PM स्त्रोत : हिंदुस्तान लाइव
मस्सों की आयुर्वेदिक चिकित्सा

अमेरिका में लाखों लोग त्वचा की समस्याओं से ग्रसित रहते हैं। इनमे से कुछ समस्याएँ गंभीर होती हैं, और कुछ गौण समझी जाती हैं, और इन गौण समस्याओं में से एक समस्या होती है, मस्से। यह सिर्फ गौण ही नहीं बल्कि आम समस्याओं में गिनी जाती है। मस्से त्वचा पर एक उपज की तरह होते हैं, और सुसाध्य समझे जाते हैं, यानि कि वे कैंसरयुक्त नहीं होते। इसके बावजूद इनसे ग्रसित कई लोग इन्हें निकालने के लिए आतुर रहते हैं, क्योंकि उनके अनुसार मस्से त्वचा पर अच्छे नहीं दिखते।

यह बात आप शायद न जानते हों कि मस्से 'ह्युमन पैपिल्लोमा वाइरस' के कारण विकसित होते हैं। 

मस्सों के लक्षण : त्वचा पर बेडौल और रुखी सतह का विकास होना, मस्सों के लक्षण होते हैं। मस्से अपने आप विकसित होकर अपने आप ही गायब हो जाते हैं, पर इनमे से कई मस्से अत्याधिक पीड़ादायक होते हैं। यह तेज़ी से फैलते हैं, और इनमे से कई मस्से बरसों तक बने रहते हैं जिनका इलाज कराना ज़रूरी होता है।

मस्सों के आयुर्वेदिक / घरेलू उपचार :
  1. बरगद के पेड़ के पत्तों का रस मस्सों के उपचार के लिए बहुत ही असरदार होता है। इस प्रयोग से त्वचा सौम्य हो जाती है और मस्से अपने आप गिर जाते हैं।
  2. एक चम्मच कोथमीर के रस में एक चुटकी हल्दी डालकर सेवन करने से मस्सों से राहत मिलती है।
  3. कच्चे आलू का एक स्लाइस नियमित रूप से दस मिनट तक मस्से पर लगाकर रखने से मस्सों से छुटकारा मिल जायेगा।
  4. केले के छिलके को अंदर की तरफ से मस्से पर रखकर उसे एक पट्टी से बांध लें। और ऐसा दिन में दो बार करें और लगातार करते रहें जब तक कि मस्से ख़तम नहीं हो जाते।
  5. अरंडी का तेल नियमित रूप से मस्सों पर लगायें। इससे मस्से नरम पड़ जायेंगे, और धीरे धीरे गायब हो जायेंगे। अरंडी के तेल के बदले कपूर के तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं।
  6. लहसून के एक टुकड़े को पीस लें, लेकिन बहुत महीन नहीं, और इस पीसे हुए लहसून को मस्से पर रखकर पट्टी से बांध लें। इससे भी मस्सों के उपचार में सहायता मिलती है।
  7. एक बूँद ताजे मौसमी का रस मस्से पर लगा दें, और इसे भी पट्टी से बांध लें। ऐसा दिन में लगभग 3 या 4 बार करें। ऐसा करने से मस्से गायब हो जायेंगे।
  8. बंगला, मलबारी, कपूरी, या नागरबेल के पत्ते के डंठल का रस मस्से पर लगाने से मस्से झड़ जाते हैं। अगर तब भी न झड़ें, तो पान में खाने का चूना मिलाकर घिसें।
  9. अम्लाकी को मस्सों पर तब तक मलते रहें जब तक मस्से उस रस को सोख न लें। या अम्लाकी के रस को मस्से पर मल कर पट्टी से बांध लें.
  10. कसीसादी तेल मस्सों पर रखकर पट्टी से बांध लें।
  11. मस्सों पर नियमित रूप से प्याज़ मलने से भी मस्से गायब हो जाते हैं।
  12. पपीता के क्षीर को मस्सों पर लगाने से भी मस्सों के गायब होने में मदद मिलती है।
  13. थूहर का दूध या कार्बोलिक एसिड सावधानीपूर्वक लगाने से मस्से निकल जाते हैं।
  14. मस्सों पर अलो वेरा को दिन में तीन बार लगायें। ऐसा एक सप्ताह तक करते रहें, मस्से गायब हो जायेंगे।
  15. विटामिन मे को मस्सों पर लगाने से भी लाभ मिलता है। दुगने लाभ के लिए आप उसपर कच्चा लहसून भी लगा सकते हैं। दोनों को मस्सों पर लगाकर उसपर पट्टी बांधकर एक सप्ताह तक रहने दें। एक सप्ताह बाद पट्टी खोलने पर आप पाएंगे की मस्से गायब हो गए हैं। 
Date of Publishing:2011-10-१८, लक्ष्मण सिंह, ओन्‍ली माई हैल्‍थ सम्पादकीय विभाग
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मस्सों के लिए रामबाण घरेलू उपाय
हर कोई खूबसूरत चेहरे की कामना करता है लेेकिन इस खूबसूरत चेहरे पर जब कोई दाग, मुंहासे या मस्से इत्यादि हों तो चेहरा एकदम बिगड सा जाता है। मस्सों से निजात पाने के लिए आज युवा हर उपाय अपनाने को तैयार है। त्वचा पर पेपीलोमा वायरस के कारण छोटे, खुरदुरे कठोर पिंड बन जाते हैं जिसे मस्सा कहते हैं। मस्से काले और भूरे रंग के होते हैं। मस्से 8 से 12 प्रकार के होते हैं। मस्से अक्सर अपने-आप समाप्त हो जाते हैं, लेकिन कुछ मस्से इलाज के बाद जाते हैं। मस्से को काटने और फो़डने के कारण मस्से का वायरस शरीर के अन्य हिस्सों में भी चला जाता है जिसके कारण मस्से हो जाते हैं। कभी कभी मस्से का वायरस एक आदमी से दूसरे आदमी की त्वचा पर आकर मस्सा बना देते हैं। आइए हम आपको मस्सों से बचने के लिए घरेलू उपचार के बारे में बताते हैं।
मस्से को समाप्त करने के लिए एक अगरबत्ती जला लें और अगरबत्ती के जले हुए गुल को मस्से का स्पर्श कर तुरन्त हटा लें। ऎसा 8-10 बार करें, ऎसा करने से मस्सा सूखकर झड जाएगा। अगर ज्यादा मस्से हों तो बारी-बारी से सभी मस्सों को इसी तरीके से जलाकर झडा दें। ध्यान रहे, अगरबत्ती का स्पर्श सिर्फ मस्से पर ही होना चाहिए।

  1. -खट्टे सेब लेकर उनका जूस निकाल लीजिए और उसको दिन में कम से कम तीन बार मस्से की जगह पर लगाइए। इस जूस को नियमित रूप से लगाने पर आप पाएंगे कि मस्से धीरे-धीरे झड रहे हैं और तीसरे सप्ताह तक लगभग समाप्त हो जाएंगे।
  2. -मस्से को समाप्त करने के लिए प्याज भी फायदेमंद है। एक प्याज को लेकर उसके रस को दिन में एक बार नियमित रूप से लगाने से मस्से समाप्त होते हैं।
  3. -बेकिंग सोडा और अरंडी के तेल को रात में मस्सों लगाकर सो जाइए, ऎसा करने से मस्से धीरे-धीरे मस्से समाप्त हो जाते हैं।
  4. -आलू का प्रयोग करने से भी मस्से समाप्त होते हैं। आलू को छीलकर काट लीजिए, उसके कटे हुए हिस्से को मस्सों पर रगडिए, ऎसा करने से कुछ दिनों में मस्से समाप्त हो जाते हैं।
  5. -लहसुन की कली को छील लीजिए, उसके बाद उसे काटकर मस्सों पर रगडिए, कुछ दिन बाद मस्से सूखकर झड जाएंगे।
  6. -फूल गोभी का रस मिलाने से मस्से समाप्त हो जाते हैं।
  7. - रात को सोने से पहले और सुबह उठने के बाद मस्सों पर शहद लगाइए, इससे मस्से खत्म हो जाते हैं।
  8. -मस्से वाले हिस्से को पाइनेपल के जूस में रखिए, इससे मस्से नष्ट करने वाले एंजाइम होते हैं।
  9. -अगर आपके घर पर एलोवेरा है, तो उसका एक छोटा का टुक़डा काटिये और ताजा जैल मस्से पर लगायें। इससे मस्सा जल्दी ठीक हो जाता है।
  10. मस्से को कभी भी काटना व जलाना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे रोग गम्भीर हो सकता है। अधिक उम्र में मस्से निकलने पर चिकित्सक से जांच कराना जरूरी है।
  11. -स्किन को धूप से बचाएं और धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन लोशन लगाना न भूलें।
  12. -यदि मस्से अपने आप नरम हो जाएं, उनके आकार में परिवर्तन हो जाए, उनमें खुजली हो या उससे स्त्रव होने लगे तो तुरन्त चिकित्सक से सलाह लेकर उपचार कराएं, क्योंकि यह मीलानोमा या कैंसर भी हो सकता है। इन नुस्खों को आजमाने के बाद भी अगर मस्से न ठीक हों तो चिकित्सक से संपर्क अवश्य कीजिए। डॉक्टर नवीन वैज्ञानिक तरीके अपनाकर आपको मस्सों से निजात दिला सकता है।
Source : http://www.khaskhabar.com/picture-news/lifestyle-home-tips-for-piles-1-30819.html
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By Rahul Sharma,
ओन्‍ली माई हैल्‍थ सम्पादकीय विभाग
Nov 07, 2011

मस्से 'ह्युमन पैपिल्लोमा वाइरस' के कारण विकसित होते हैं।
त्वचा पर बेडौल और रुखी सतह का विकास होना, मस्सों के लक्षण होते हैं।
मस्सों पर नियमित रूप से प्याज़ मलने से भी मस्से गायब हो जाते हैं।
विटामिन इ को मस्सों पर लगाने से भी लाभ मिलता है।
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अमेरिका में लाखों लोग त्वचा की समस्याओं से ग्रसित रहते हैं। इनमें से कुछ समस्याएँ गंभीर होती हैं, और कुछ गौण समझी जाती हैं, और इन गौण समस्याओं में से एक समस्या होती है, मस्से। यह सिर्फ गौण ही नहीं, बल्कि आम समस्याओं में गिनी जाती है। मस्से त्वचा पर एक उपज की तरह होते हैं, और सुसाध्य समझे जाते हैं, यानि कि वे कैंसरयुक्त नहीं होते। इसके बावजूद इनसे ग्रसित कई लोग इन्हें निकालने के लिए आतुर रहते हैं, क्योंकि उनके अनुसार मस्से त्वचा पर अच्छे नहीं दिखते। यह बात आप शायद न जानते हों कि मस्से 'ह्युमन पैपिल्लोमा वाइरस' के कारण विकसित होते हैं। हालांकि आयुर्वेदिक चिकित्सा की मदद से मस्सों से छुटकारा पाया जा सकता है। तो चलिये जानें मस्सों से आयुर्वेदिक चिकित्सा की ममद से निजात कैसे पाएं। 

मस्सों के लक्षण : त्वचा पर बेडौल और रुखी सतह का विकास होना, मस्सों के लक्षण होते हैं। मस्से अपने आप विकसित होकर अपने आप ही गायब हो जाते हैं, पर इनमे से कई मस्से अत्याधिक पीड़ादायक होते हैं। यह तेज़ी से फैलते हैं, और इनमे से कई मस्से बरसों तक बने रहते हैं जिनका इलाज कराना ज़रूरी होता है।

मस्सों के आयुर्वेदिक / घरेलू उपचार :

  1. बरगद के पेड़ के पत्तों का रस मस्सों के उपचार के लिए बहुत ही असरदार होता है। इस प्रयोग से त्वचा सौम्य हो जाती है और मस्से अपने आप गिर जाते हैं।
  2. एक चम्मच कोथमीर के रस में एक चुटकी हल्दी डालकर सेवन करने से मस्सों से राहत मिलती है।
  3. कच्चे आलू का एक स्लाइस नियमित रूप से दस मिनट तक मस्से पर लगाकर रखने से मस्सों से छुटकारा मिल जायेगा।
  4. केले के छिलके को अंदर की तरफ से मस्से पर रखकर उसे एक पट्टी से बांध लें। और ऐसा दिन में दो बार करें और लगातार करते रहें जब तक कि मस्से ख़तम नहीं हो जाते। 
  5. अरंडी का तेल नियमित रूप से मस्सों पर लगायें। इससे मस्से नरम पड़ जायेंगे, और धीरे धीरे गायब हो जायेंगे। अरंडी के तेल के बदले कपूर के तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं।
  6. लहसून के एक टुकड़े को पीस लें, लेकिन बहुत महीन नहीं, और इस पीसे हुए लहसून को मस्से पर रखकर पट्टी से बांध लें। इससे भी मस्सों के उपचार में सहायता मिलती है।
  7. एक बूँद ताजे मौसमी का रस मस्से पर लगा दें, और इसे भी पट्टी से बांध लें। ऐसा दिन में लगभग 3 या 4 बार करें। ऐसा करने से मस्से गायब हो जायेंगे।
  8. बंगला, मलबारी, कपूरी, या नागरबेल के पत्ते के डंठल का रस मस्से पर लगाने से मस्से झड़ जाते हैं। अगर तब भी न झड़ें, तो पान में खाने का चूना मिलाकर घिसें।
  9. अम्लाकी को मस्सों पर तब तक मलते रहें जब तक मस्से उस रस को सोख न लें। या अम्लाकी के रस को मस्से पर मल कर पट्टी से बांध लें.
  10. कसीसादी तेल मस्सों पर रखकर पट्टी से बांध लें।
  11. मस्सों पर नियमित रूप से प्याज़ मलने से भी मस्से गायब हो जाते हैं।
  12. पपीता के क्षीर को मस्सों पर लगाने से भी मस्सों के गायब होने में मदद मिलती है।
  13. थूहर का दूध या कार्बोलिक एसिड सावधानीपूर्वक लगाने से मस्से निकल जाते हैं।
  14. मस्सों पर अलो वेरा को दिन में तीन बार लगायें। ऐसा एक सप्ताह तक करते रहें, मस्से गायब हो जायेंगे। 
  15. विटामिन इ को मस्सों पर लगाने से भी लाभ मिलता है। दुगने लाभ के लिए आप उसपर कच्चा लहसून भी लगा सकते हैं। दोनों को मस्सों पर लगाकर उसपर पट्टी बांधकर एक सप्ताह तक रहने दें। एक सप्ताह बाद पट्टी खोलने पर आप पाएंगे की मस्से गायब हो गए हैं। 
Source : http://www.onlymyhealth.com/effective-ayurvedic-treatment-warts-in-hindi-1320649793
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--->--->श्रीमती जानकी पुरुषोत्तम मीणा जिनका 08 अप्रेल, 2012 को असमय निधन हो गया!

--->--->श्रीमती जानकी पुरुषोत्तम मीणा जिनका 08 अप्रेल, 2012 को असमय निधन हो गया!
सभी के स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना के साथ-मेरे प्यारे और दुलारे तीन बच्चों की ममतामयी अद्वितीय माँ (मम्मी) जो दुखियों, जरूतमंदों और मूक जानवरों तक पर निश्छल प्यार लुटाने वाली एवं अति सामान्य जीवन जीने की आदी महिला थी! वह पाक कला में निपुण, उदार हृदया मितव्ययी गृहणी थी! मेरी ऐसी स्वर्गीय पत्नी "जानकी मीणा" की कभी न भुलाई जा सकने वाली असंख्य हृदयस्पर्शी यादों को चिरस्थायी बनाये रखते हुए इस ब्लॉग को आज दि. 08.08.12 को फिर से पाठकों के समक्ष समर्पित कर रहा हूँ!-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'

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(Tribulus Terrestris) 14 फरवरी Abutilon Indicum Aerva Lanat Allergy Aloevera Juice Alternanthera Sessilis Alum Aluminum Amaranthus spinosus Ammonium chloride Appetite Argemone Mexicana Ash-coloured Fleabane Bael Ban Tulasi Bauhinia purpurea Bernini’s Cinema Bitter Gourd Black night shade Blumea Lacera Bone Infection Borax BPH Calories Calories Chart Cancer Care Carrots Castor beans Chanca Piedra Cheese Chemotherapy Chenopodium Album Chikungunya Cholesterol Cleome viscosa Clerodendrum Phlomidis Clitoria Ternatea Colocynth Colpoptosis Constipation Convolvulus Pluricaulis Corn Creak Crotalaria Bburhia Croton Bonplandianum Croton Sparsiflorus Cumin Date Palm Dengue Depression Diabetes digestion Disorders Divorce Dog Mustard Dronapushpi Dysentery Early Ejaculation Emblic Myrobalan Extramarital Relation Extremely Intolerance Fatty liver Femininity FENUGREEK Fenugreek Seeds Ferrum Phosphoricum Fever Fissure Fistula Folic Acid Gallbladder Gardenia Gummifera Garlic Ginger Gooseberry Gourd Groundnut-peanut Guava Hainampfer Hair Falling Headaches Health Health Care Friend Health Consultation Health Links Health Tips Heliotropium Eeuropaeum Hemorrhoids Hepatitis Hibiscus Homeopathic Homeopathy Homoeopath Honey How to get pregnant? Immunity Impotence IMPOTENCY Incurable indigestion Jaundice Juice Juice of Berries LAND CALTROPS Lemon Leucas Aspera Leucas Cephalotes Leucorrhea Lever Liver Liver Cirrhosis Liver fibrosis Low Blood Pressure Marital Dispute Consultant Masturbation Mental Mexican Daisy Mexican Poppy Migraine Migraines Myopia Neurons Night Jasmine Nutgrass Nutmeg Nutsedge Obesity Omega 3 Oroxylum indicum Painkillers Periquito Sessil Phyllanthus Niruri Piles Portulaca Oleracea Post Effect Pregnancy Safe-Guard Pregnancy Safeguard Pregnancy-Safe-Guard Premature Ejaculation Prostate Gland Protein Purple Nutsedge Raan Tulas Radish Rectal Collapse Rectal Prolapse rectum collapse Saffron Senna occidentalis Separation Sex Sexual Power Sickness Side Effects side effects less Side-Effects Spermatorrhoea Sperms Spiny Amaranth Stone Stone Breaker Sword fruit tree TECOMA STANS Thermometer Tickweed Tips Treatment of Incurable Tribulus Terrestris Tridax Procumbens Umbrella Sedge Unquenchable Conjugal Uterine Prolapse vaginal Creaks Vaginal Prolapse Viral Vitamins Vitex Negundo Wart Wheatgrass White Discharge Yellow Spider Flower अंकुरित अनाज अंकुरित गेहूं-Wheat germ अंकुरित भोजन-Sprouts अखरोट अंगूर-Grapes अचूक चमत्कारिक चूर्ण अजवाइन अजवायन अजीर्ण-Indigestion अंडकोष अडूसा (वासा)-Adhatoda Vasika-Malabar nut अण्डी अतिबला अतिसार अतिसार-Diarrhea अतृप्त अतृप्त दाम्पत्य अत्यंत असहिष्णुता अदरक अदरख अंधश्रृद्धा अध्ययन अनिद्रा अपच अपराजिता अपराधबोध अफरा अफीम अमरूद अमृता अम्लपित्त-Pyrosis अरंडी अरणी अरण्ड अरण्डी अरलू अरुचि अरुचि-Anorexia-Distaste अर्जुन अर्थराइटिस अर्द्धसिरशूल अर्श अर्श रोग-बवासीर-Hemorrhoids-Piles अलसी अल्टरनेथेरा सेसिलिस अल्सर अल्सर-Ulcers अवसाद अवसाद-Depression अश्मःभेदः अश्वगंधा अश्वगंधा-Winter Cherry असंतुष्ट असफल असर नहीं असली अस्थमा अस्थमा-दमा-Asthma आइरन आक आकड़ा आघात आत्महत्या आंत्र कृमि आंत्रकृमि-Helminth आंत्रिक ज्वर-टायफाइड-Typhoid fever आदिवासी आधाशीशी आधासीसी आंधीझाड़ा-ओंगा-अपामार्ग-Prickly Chalf flower आमला आमवात आमाशय आयुर्वेद आयुर्वेदिक आयुर्वेदिक उपचार आयुर्वेदिक औषधियां आयुर्वेदिक सीरप-Ayurvedic Syrup आयुर्वेदिक-Ayurvedic आरोग्य आँव आंव आंवला आंवला जूस आंवला रस आशावादी-Optimistic आसन आसान प्रसव-Easy Delivery आहार चार्ट आहार-Food आॅपरेशन आॅर्गेनिक आॅर्गेनिक कौंच इच्छा-शक्ति इन्द्रायण इन्फ्लुएंजा इमर्जेंसी में होम्योपैथी इमली-Tamarind Tree इम्युनिटी इलाज इलाज का कुल कितना खर्चा इलायची उच्च रक्तचाप उच्च रक्तचाप-High Blood Pressure-Hypertension उत्तेजक उत्तेजना उदर शूल-Abdominal Haul उदासी उन्माद-Mania उपवास उम्र उल्टी ऊर्जा एक्जिमा एक्यूप्रेशर एग्जिमा एजिंग-Aging एंटी ऑक्सीडेंट्स एंटी-ओक्सिडेंट एंटीऑक्सीडेंट एण्टी-आॅक्सीडेंट एनजाइना एनीमिया एमिनो एसिड एरंड एलर्जी एलर्जी-Allergy एलोवेरा एलोवेरा जूस एल्यूमीनियम ऐंठन ऐलोपैथ ऐसीडिटी ऑर्गेनिक ओमेगा 3 के स्रोत ओमेगा-3 ओर्गेनिक औषध-Drug औषधि सूची-Drug List औषधियों के नुकसान-Loss of drugs कचनार कचनार-Bauhinia Purpurea कटुपर्णी कड़वाहट कंडोम कद्दू कनेर कपास-COTTON कपिकच्छू कपूरीजड़ी कफ कब्ज कब्ज़ कब्ज-कोष्ठबद्धता-Constipation कब्ज. Cucumber कब्जी कमजोरी कमर कमर दर्द कमेड़ा करेला कर्ण वेदना कर्णरोग कष्टार्तव-Dysmenorrhea कांच निकलना काजू कान कानून सम्मत काम काम शक्ति कामवाण पाउडर कामशक्ति कामशक्ति-Sexual power कामेच्छा कामोत्तेजना कायाकल्प कार्बोहाइड्रेट कार्बोहाइड्रेट-Carbohydrates काला जीरा काला नमक काली जीरी काली तुलसी काली मिर्च काले निशान कास-खांसी-Cough किडनी किडनी संक्रमण किडनी स्‍टोन कीड़े कीमोथेरेपी कुकरौंधा कुकुंदर कुटकी-Black Hellebore कुबडापन कुमेड़ा कुल्थी कुल्ला कुष्ट कुष्ठ कृमि केला केसर कैफीन-Caffeine कैलोरी कैलोरी चार्ट कैलोरी-Calories कैवांच कैविटी कैंसर कॉफी कॉफ़ी कॉलेस्ट्रॉल कोंडी घास कोढ़ कोबरा कोलेस्ट्रॉल कोलेस्ट्रॉल-Cholesterol कोलेस्ट्रोल कौंच कौमार्य क्रियाशीलता क्रोध क्षय रोग-Tuberculosis क्षारीय तत्व क्षुधानाश खजूर खजूर की चटनी खनिज खरबूजा-Musk melon खरेंटी खरैंटी शिलाजीत खाज खांसी खिरेंटी खिरैटी खीप खीरा खुजली खुशी-Joy खुश्की खुश्बू खोया गंजापन-Baldness गठिया गठिया-Arthritis गठिया-Gout गड़तुम्बा गंडा-ताबीज गंध गन्ने का रस गरमा गरम गर्भ निरोधक गर्भधारण गर्भपात गर्भवती गर्भवती कैसे हों? गर्भावस्था गर्भावस्था की विकृतियां-Disorders of Pregnancy गर्भावस्था के दौरान संभोग-Sex During Pregnancy गर्भाशय गर्भाशय भ्रंश गर्भाशय-उच्छेदन के साइड इफेक्ट्स-Side Effects of Hysterectomy गर्म पानी गर्मी गर्मी-Heat गलगण्ड गाजर गाजवां गांठ गाँठ-Knot गारंटी गारण्टेड इलाज गाल ब्लैडर गिलोय गिल्टी गुड़हल गुंदा गुदाद्वार गुदाभ्रंश गुम्मा गुर्दे गुलज़ाफ़री गुस्सा गृध्रसी गृह-स्वामिनी गेदुआ की छाछ गैस गैस्ट्रिक गैहूं का जवारा गोक्षुरादि चूर्ण गोखरू गोखरू (LAND CALTROPS) गोंद कतीरा-Hog-Gum गोंदी गोभी-Cabbage गोरख मुंडी गोरखगांजा गोरखबूटी गोरखमुंडी ग्रीन-टी घमोरी घरेलु ​नुस्खे घाघरा घाव चकवड़ चक्कर चपाती चमत्कारिक सब्जियां चरित्र चर्बी चर्म चर्म रोग चर्मरोग चाय चाय-Tea चालीस के पार-Forty Across चिकनगुनिया चिकित्सकीय चिटकन चिंतित चिरायता-Absinth चिरोटा चुंबन चोक चौलाई छपाकी छरहरी काया छाछ छाजन बूटी छाले छींक छीकें छुअ छुआरा छुहारा छोटा गोखरू छोटा धतूरा छोटी हरड़ जंक फूड जकवड़ जख्म जंगली तिल्ली जंगली तुलसी जंगली पेड़ जंगली मिर्ची जंगली-कटीली चौलाई जटामांसी-Spikenard जलजमनी जलन जलोदर रोग-Ascites Disease जवारा जवारे जवासा-Alhag जहर जामुन का जूस जायफल जिगर जीरा जीवन रक्षक जीवनी शक्ति जुएं जुकाम जुदाई जुलाब जूएं जूस जोड़ों के दर्द जोड़ों में दर्द जौ ज्यूस ज्योति ज्वर ज्वर-Fiver झाइयाँ झांईं झाड़-फूंक झुर्रियाँ झुर्रियां झुर्री झूठे दर्द टमाटर का रस टमाटर-Tomatoes टाइफाइड टाटबडंगा टायफायड टूटी हड्डी टॉन्सिल टोटला ट्यूमर ठंड ठंडापन ठेकेदार डॉक्टर डकार डकारें डायबिटीज डायरिया डिग्री फ़ारेनहाइट डिग्री सेल्सियस डिजिसेक्सुअल डिटॉक्सीफाई डिटॉक्सीफिकेशन डिनर डिप्रेशन डिब्बाबंद भोजन डिलेवरी डीकामाली डीगामाली डेंगू डेंगू-Dengue डॉ. निरंकुश डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' डॉ. मीणा ढकार ढीलापन ढीली योनि तकलीफ का सही इलाज तंत्र-मंत्र तम्बाकू तरबूज-Watermelon तलाक ताकत तिल तिल्ली तुंबा तुंबी तुम्बा तुलसी तेल त्रिदोषनाशक त्रिफला त्वचा त्वचा रोग थकान थाईरायड थायरायड-Thyroid थायरॉइड दण्डनीय अपराध दंत वेदना दन्तकृमि दन्तरोग दमा दर वेदना दरार दर्द दर्द निवारक दर्द निवारक दवा दर्दनाक दस्त दही दाग-धब्बे-Stains-Spots दाढ़ दांत दांतो में कैविटी-Teeth Cavity दाद दाम्पत्य दाम्पत्य विवाद सलाहकार दाम्पत्य-Conjugal दाल दालचीनी दालें दिमांग दिल दीर्घायु दु:खी दुर्गंध दुर्बलता दुष्प्रभाव दुष्प्रभावरहित दूध दूध वृद्धि दूधी दूधी-Milk Hedge दृष्टिदोष दो मन द्रोणपुष्पी द्रोणपुष्पी-Leucas Cephalotes धड़कन धनिया बीज धनिया-Coriander धमासा धात धातु धातु पतन धार्मिक धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं? धैर्यहीन नज़ला नपुंसक नपुंसकता नाइट्रिक एसिड नाक नाखून नागबला नागरमोथा नाडी हिंगु नाड़ी हिंगु (डिकामाली) नामर्दी नारकीय पीड़ा नारियल नाश्ता निमोनिया निम्न रक्तचाप निम्बू नियासिन निराश निरोगधाम निर्गुण्डी निर्गुन्डी निष्कपट स्नेह निष्ठा निसोरा नींद नींबू नींबू-Lemon नीम-azadirachta indica नुस्खे नुस्खे-Tips नेगड़ नेत्र रोग नेुचरल नैतिक नॉर्मल डिलेवरी नोनिया नौसादर न्युमोनिया-Pneumonia न्यूरॉन्स पक्षघात पंचकर्म पढ़ने में मन लगेगा पंतजलि पत्तागोभी-CABBAGE पत्थर फोड़ी पत्थरचट्टा पत्नी पथरी पदार्थ पनीर पपीता पपीता-CARICA PAPPYA पमाड परदेशी लांगड़ी परम्परागत चिकित्सा परहेज पराठा परामर्श परिस्थिति पवाड़ पवाँर पाइल्स पाक-कला पाचक पाचन पाचनतंत्र पाचनशक्ति पाठक संख्या 16 लाख पार पाठक संख्या पंद्रह लाख पायरिया पारदर्शिता पारिजात पालक पालक-Spinach पित्त पित्ताशय पित्ती पिंपल-मुंहासे-Pimples-Acne पिरामिड पीलिया पीलिया-Jaundice पीलिया-कामला-Jaundice पुआड़ पुदीना पुनर्नवा-साटी-सौंटी-Punarnava पुरुष पुंसत्व पेचिश पेट के कीड़े पेट दर्द पेट में गैस पेट रोग पेड़ पेद दर्द पेरिकिटो सेसिल पेशाब पेशाब में रुकावट पेंसिल थेरेपी-Pencil Therapy पोष्टिक लड्डू पौधे पौरुष पौरुष ग्रंथि पौष्टिक रागी रोटी प्याज-Onion प्यास प्रजनन प्रतिरक्षा प्रतिरक्षा प्रणाली प्रतिरोधक प्रतिरोधक-Resistance प्रदर प्रमेह प्रवाहिका (पेचिश)-Dysentery प्रसव प्रसव सुरक्षा चक्र प्रसव-पीड़ा प्रसूति प्राणायाम प्रेग्नेंसी-Pregnancy प्रेम प्रेमरस प्रेमिका प्रेमी प्रोटीन प्रोटीन का कार्य प्रोटीन के स्रोत प्रोस्टेट प्रोस्‍टेट कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि प्रोस्टेट ग्रन्थि प्लीहा प्लूरिसी-Pleurisy प्लेटलेट्स फंगल फटन फफूंद-Fungi फरास फल फाइबर फिटकरी फुंसी-Pimples फूलगोभी-CAULIFLOWER फेंफड़े फेरम फॉस फैट फैटी लीवर फोटोफोबिया फोड़ा फोड़े-Boils फोरप्ले फोलिक एसिड फ्लू फ्लू-Flu फ्लेक्स सीड्स बकायन बकुल बड़ी हरड़ बथुआ बथुआ पाउडर बथुआ-White Goose Foot बदबू बंध्यापन बबूल-ACACIA बरसाती बीमारियाँ बरसाती बीमारियां बलगम बलवृद्धि बला बलात्कार बवासीर बहरापन बहुनिया बहुमूत्रता- बांझपन बादाम-Almonds बादाम. बाल बाल झड़ना बाल झडऩा-Hair Falling बिना सिजेरियन मां बनें बिवाई बीजबंद बीड़ी बीमारियों के अनुसार औषधियां बीमारी बील बुखार बूंद-बूंद पेशाब बेल बेली बैक्टीरिया बॉयोकैमी ब्र​ह्मदण्डी ब्रेस्ट ग्रोथ ब्लड प्रेशर ब्लैक मेलिंग ब्लॉकेज भगंदर भगंदर-Fistula-in-ano भगनासा भगन्दर भगोष्ठ भड़भांड़ भय भविष्य भस्मक रोग भावनात्मक भुई आंवला-Phyllanthus Niruri भूई आमला भूई आंवला भूख भूख बढ़ाने भूत-प्रेत भूमि भूमि आंवला भोजनलीवर मकोय मकोय-Soleanum nigrum मक्का मक्का के भुट्टे मंजीठ मटर-PEA मंद दृष्टि मंदाग्नि मदार मधुमेह मधुमेह-Diabetes मन्दाग्नि-Dyspepsia मरुआ मरोड़ मर्द मर्दाना मलाशय मलेरिया मलेरिया (Malaria) मवाद मसाले मस्तिष्क मस्से मस्से-WARTS महंगा इलाज महत्वपूर्ण लेख महाबला माइग्रेन माईग्रेन माईंड सैट माजूफल मानवव्यवहार मानसिक मानसिक लक्षण मानसिक-Mental मानिसक तनाव-Mental Stress मायोपिया मासिक मासिक-धर्म मासिकधर्म मासिकस्राव माहवारी मिनरल मिर्गी मिर्च-Chili मीठा खाने की आदत मुख मैथुन-ओरल सेक्स-Oral Sex मुख्य लक्षण मुधमेह मुलहठी मुलेठी मुहाँसे मूँगफली मूड डिस्ऑर्डर-Mood Disorders मूत्र मूत्र असंयमितता मूत्र में जलन-Burning in Urine मूत्ररोग मूत्राशय मूत्रेन्द्रिय मूर्च्छा (Unconsciousness) मूली मूली कर रस मृत्यु मृत्युदण्ड मेथी मेथी दाना मेंहदी मैथुन मोगरा (Mogra) मोटापा मोटापा-Obesity मोतियाबिंद मौत मौलसिरी मौसमी बीमारियां यकृत यकृत प्लीहा यकृत वृद्धि-Liver Growth यकृत-लीवर-जिगर-Lever यूपेटोरियम परफोलियेटम यूरिक एसिड लेबल योग विज्ञापन योन योन संतुष्टि योनि योनि ढीली योनि शिथिल योनि शूल-Vaginal Colic योनि संकोचन योनिद्वारा योनिभ्रंश योनी योनी संकोचन यौन यौन आनंद यौन उत्तेजक पिल्स (sexual stimulant pills) यौन क्षमता यौन दौर्बल्य यौन शक्तिवर्धक यौन शिक्षा यौन समस्याएं यौनतृप्ति यौनशक्ति यौनशिक्षा यौनसुख यौनानंद यौनि रक्त प्रदर (Blood Pradar) रक्त रोहिड़ा-TECOMELLA UNDULATA रक्तचाप रक्तपित्त रक्तशोधक रक्ताल्पता रक्ताल्पता (एनीमिया)-Anemia रस-juices रातरानी Night Blooming Jasmine/Cestrum nocturnum रामबाण रामबाण औषधियाँ-Panacea 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शीघ्रपतन शीस शुक्राणु शुक्राणु-Sperm शुक्राणू शुगर शोक शोथ शोध श्योनाक श्रेष्ठतर श्वास श्वांस श्वेत प्रदर श्वेत प्रदर-Leucorrhea श्वेतप्रदर षड़यंत्र संकुचन संकोच संक्रमण संक्रमित संक्रामक संखाहुली सगतरा संतरा-Orange संतान संतुष्टि सत्यानाशी सदा सुहागन सदाफूली सदाबहार सदाबहार चूर्ण सनबर्न सफ़ेद दाग सफेद पानी सफेद मूसली सब्जि सब्जी संभालू संभोग समर्पण-Dedication सरकार को सुझाव सरफोंका सरहटी सर्दी सर्दी-जुकाम सर्पक्षी सर्पविष सलाद संवाद संवेदना सहदेई सहदेवी सहानभूति साइटिका साइटिका-Sciatica साइड इफेक्ट्स साबूदाना-Sago सायटिका सिगरेट सिजेरियन सिर दर्द सिर वेदना सिरका सिरदर्द सिरोसिस सी-सेक्शन सीजर डिलेवरी सुगर सुदर्शन सुहागा सूखा रोग सूजन सेक्स सेक्स उत्तेजक दवा सेक्स परामर्श-Sex Counseling सेक्स पार्टनर सेक्स पावर सेक्स समस्या सेक्स हार्मोन सेक्‍स-Sex सेंधा नमक सेब सेमल-Bombax Ceiba सेल्स सोजन-सूजन सोंठ सोना पाठा सोयाबीन सोयाबीन (Soyabean) सोयाबीन-Soyabean सोराइसिस सोरियासिस-Psoriasis सौंठ सौंदर्य सौंदर्य-Beauty सौन्दर्य सौंफ सौंफ की चाय सौंफ-Fennel स्किन स्खलन स्तन स्तन वृद्धि स्तनपान स्तम्भन स्त्री स्त्रीत्व स्त्रैण स्पर्श स्मृति-लोप स्वप्न दोष स्वप्नदोष स्वप्नदोष-Night Fall स्वभाव स्वभावगत स्वरभंग स्वर्णक्षीरी स्वस्थ स्वास्थ्य स्वास्थ्य परामर्श स्वास्थ्य रक्षक सखा हजारदानी हड़जोड़ हड्डी हड्डी में दर्द हड्डी संक्रमण हड्डीतोड़ ज्वर हड्डीतोड़ बुखार हरड़ हरसिंगार हरी दूब-CREEPING CYNODAN हरीतकी हर्टबर्न हस्तमैथुन हस्तमैथुन-Masturbation हाई बीपी हाथ-पैर नहीं कटवायें हारसिंगार हालात हिचकी हिचकी-Hiccup हिमोग्लोबिन-hemoglobin हिस्टीरिया हिस्टीरिया-Hysteria हींग हीनतर हुरहुर हुलहुल हृदय हृदय-Heart हेपेटाइटिस हेपेटाईटिस हेल्थ टिप्स-Health-Tips हेल्थ बुलेटिन हैजा हैपीनेस-Happiness हैल्थ होम केयर टिप्स-Home Care Tips होम्यापैथ होम्योपैथ होम्योपैथिक होम्योपैथिक इलाज होम्योपैथिक उपचार होम्योपैथी होम्योपैथी-Homeopathy