Hepatitis b कोई लाइलाज नहीं-Hepatitis b is an incurable
Hepatitis b-हैपेटाईटिसबी लीवर के संक्रमण से पैदा हुई एक बीमारी है जिसे आप पीलिया कहते है। ये अलग प्रकार के वाइरस से पैदा होने वाली बीमारी है। अलग-अलग डॉक्टरों ने अलग-अलग प्रकार के वाइरस की पहचान करके इसके अलग-अलग नाम देने का काम बखूबी किया है। आप अच्छी तरह जान लें कि पीलिया और हेपेटाईटिस दोनों का इलाज एलोपैथी में नहीं है। अब तक पीलिया का एंटी-डोज नहीं बना है, लेकिन भारतीय आयुर्वेद में बहुत ही असम्भव रोगों का इलाज आज भी है। यदि पीलिया या हेपेटाईटिस ए बी या सी किसी भी प्रकार का हो उसे ठीक किया जा सकता है। Hepatitis b कोई लाइलाज नहीं–अगर आपको पीलिया या हेपेटाईटिस के लक्षण दीखते है तो बताया गया उपाय करें-
श्योनाक का पेड़ ज्यादा ऊंचा नहीं होता है। यह पहाडी क्षेत्रों में पाया जाता है। अधिकतर लोग इसे सोना पाठा और टोटला भी कहते हैं तथा कोई अरलू के नाम से भी जानते है बौद्ध धर्म में इस वृक्ष को बहुत पवित्र माना जाता है। इसकी फली के सुंदर कोमल बीजों की माला तिब्बत के सभी घरों में मिल जायेंगी और उनका ये विश्वास है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
श्योनाक की छाल 150 को 150 से 200 मिलीलीटर जल में रात को भिगो दे और सुबह 200 मिलीग्राम यानी दो काले चने के बराबर शुद्ध कपूर को से निगल ले और आधे घंटे बाद रात को भिगोया गया श्योनाक की छाल का पानी पी लें बस तीन से चार दिन में ही असाध्य पीलिया और हेपेटाईटिस बी तक ठीक हो जाता है। आप श्योनाक अधिक मात्रा में न लें नहीं आपको तो खुजली हो सकती है और कपूर भी अधिक मात्रा में अगर लिया तो चक्कर आ सकते हैं। इसलिए उपर बताई मात्रा का विशेष ध्यान रक्खें।
Hepatitis-B या C होने पर श्योनाक +भूमि आंवला +पुनर्नवा (साठी) का रस लेते रहें ये बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं। मात्रा लक्षण के आधार पर देख कर दिया जाना उचित है। आप अपने निकटतम वैद्य से भी सलाह ले सकतें है।
श्योनाक दशमूल का घटक है। डिलेवरी के बाद गर्भाशय में इन्फेक्शन न हों और यह अपनी पहली अवस्था में आ जाए आप इसके लिए 2 ग्राम श्योनाक तथा 1 ग्राम सौंठ और 2-3 ग्राम गुड का काढ़ा पीयें इसकी छाल का काढ़ा लेने से गर्भाशय ठीक रहता है।
आज भी पहाड़ों में रहने वाले लोग श्योनाक की लकड़ी का बना हुआ गिलास रखते है और इसमें दो सौ-तीन सौ ग्राम पानी रात को रख देते है और इसका सेवन करते है। उनका लीवर दुरुस्त रहता है और मलेरिया से भी बचाव रहता है।
Arthritis होने पर 2 ग्राम श्योनाक की छाल और 2 ग्राम सौंठ का काढ़ा पीयें तथा कान में दर्द हो तो इसकी 100 ग्राम छाल कूटकर 100 ग्राम सरसों के तेल में पकाएं जब केवल तेल रह जाए तो शीशी में भर कर रख लें और इसे दो -दो बूँद कान में डालें
द्रोणपुष्पी-इसका एक चम्मच चूर्ण मिट्टी के बर्तन में 100 ग्राम पानी में भिगों दें और सुबह मसल कर तथा छान ले और इसमें थोडा सा शहद और चने के बराबर कपूर मिला दें और फिर रोगी को पिला दें आप सिर्फ पांच छ: दिन दे दें तो रोगी ठीक हो जाएगा यदि दो-दो चम्मच चूने का पानी पूरे दिन में तीन बार पंद्रह दिन दे दें तो ये Hepatitis या पीलिया आपको कभी भी पुन:नहीं होगा।
पीली हरड का चूर्ण एक चम्मच एक चम्मच पुराना शहद या शहद न मिलने पर आप पुराना गुड (बिना केमिकल वाला) दिन में दो-तीन बार दे ये असाध्य पीलिया पर भी बखूबी काम करता है हर छ:माह में सात दिन के लिए इसका उपयोग निरोगी व्यक्ति भी करता है उसे जीवन में कभी पीलिया या हेपेटाईटिस जैसी बीमारी नहीं हो सकती है।
स्वास्थ्य की अनदेखी नहीं करें, तुरंत स्थानीय डॉक्टर (Local Doctor) से सम्पर्क करें। हां यदि आप स्थानीय डॉक्टर्स से इलाज करवाकर थक चुके हैं, तो आप मेरे निम्न हेल्थ वाट्सएप पर अपनी बीमारी की डिटेल और अपना नाम-पता लिखकर भेजें और घर बैठे आॅन लाइन स्वास्थ्य परामर्श प्राप्त करें।
Online Dr. P.L. Meena (डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा)
Health Care Friend and Marital Dispute Consultant
(स्वास्थ्य रक्षक सक्षा एवं दाम्पत्य विवाद सलाहकार)
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