ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर), अनियमित पीरियड्स, गर्भपात, ल्यूज योनी, सेक्स की अतिइच्छा, भय, अपराधबोध सीजर डिलेवरी इत्यादि के भय के कारण मैं विवाह के नाम से ही घबराने लगी थी।
जब मैं 13 साल की थी। मेरी मौसी की सीजर डिलेवरी हुई। 14 की थी तब चाची के रिश्ते में सीजर डिलेवरी हुई। कुछ ही समय बाद हमारे पड़ौस में सीजर डिलेवरी हुई। इस प्रकार 23 साल की हुई तब तक 20-25 सीजर डिलेवरी के केस मैंने देख लिये। सीजर के बाद अधिकतर लेडीज को मैंने कई तरह से परेशान होते और रोते हुए देखा। इस कारण मैं विवाह के नाम से ही घबराने लगी थी। हालांकि 14-15 साल की उम्र में ही मुझे सेक्स की इच्छा होने लगी थी और चाहे-अनचाहे 15 की उम्र से ही सेक्स शुरू हो गया जो शादी तक मैंने अनेक लडकों के साथ खूब इंजोय किया। प्राईवेट कम्पनी में नौकरी लग गयी तो इकोनोमिक प्रोब्लम भी खतम हो गयी। यंग बैचलर सर्किल होने के कारण कई बॉइज के साथ खुलकर सेक्स होने लगा।
अनेक फ्रेंडस ने धोखा भी दिया तो मेरा बॉय फ्रेंड्स को लाइफ पार्टनर बनाने का सोच खतम हो गया। लेकिन हालातों के कारण जब यह तय हो गया कि मैरिज करनी ही है तो बहुत सारे टेंशन माइंड में घूमने लगे। सोचते-सोचते हैडेक (सिरदर्द) होने लगता। अधिक सेक्स करने के कारण मुझे ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर) भी हो गया। पीरियड्स रैग्यूलर नहीं आते। बहुत दर्द होता था। माइंड में बहुत सारी बातें घूमती रहती थी। जैसे यदि मेरी सीजर डिलेवरी हुई तो क्या होगा? मेरे बॉय फ्रेंड्स के बारे में, मेरे होने वाले हसबैंड को पता चल गया तो क्या होगा? यदि शादी से पहले किये सेक्स के कारण मेरी वैजाईना की ल्यूजनेस (योनी के साइज के ढीलेपन) का होने वाले हसबैंड को पता चल गया तो मेरा क्या होगा? ल्यूकोरिया के कारण वैजाइना में स्मैल भी आने लगी थी। जिसका एलोपैथी डॉक्टर से इलाज करवाया लेकिन सब बेकार।
मैंने नैट पर सभी प्रोब्लम्स के सोल्यूशन तलाशने शुरू किये। अनेक डॉक्टर्स से बात भी की, लेकिन अधिकतर का मैन मकसद डराकर रुपये ऐंठना लगा। कुछ अच्छे डॉक्टर्स भी लगे, लेकिन उनकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ। इसी दौरान मैंने गर्भनिरोधक पिल्स के साईड इफैक्ट पढे। जिनको पढकर मैं तो घबरा ही गयी। क्योंकि मैंने तो हजारों गर्भनिरोधक पिल्स खाई थी। दो बार एबोर्ट (गर्भपात) भी करवाया था। इस कारण मुझे ऐसी अनेक मैंटल प्रोब्लम्स तथा टेंशन हो गयी, जिनको किसी को बता भी नहीं सकती थी। नैट पर अनेक तरह से सोल्यूशन मिल रहे थे, लेकिन कंफ्यूजन भी बढ रहा था। अनेक आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे पढे। लेकिन सीजर डिलवरी का मेरा भय नहीं मिटा। दूसरी टेंशन भी मुझे खाये जा रही थी। मैं खुद ग्युल्टी फील (अपराधबोध अनुभव) करने लगी। सोचने लगी मुझे भी ऐसा ही हसबैंड मिलेगा, जिसके बहुत गर्ल्स के साथ सेक्स रिलेशन रहे होंगे।
नैट पर ऐसे लड़कों के बारे में भी पढा जो मस्टरबेशन (हस्तमैथुन) करने के कारण सेक्स की पावर खो चुके थे। मुझे इसका भी भय सताने लगा कि यदि मुझे ऐसा हसबैंड मिला तो क्या होगा? क्योंकि मैं बहुत सेक्सी हो चुकी थी। हर दिन 2-4 बार सेक्स करने की इच्छा होती थी। आखिर में मैंने अपने किसी बॉय फेंड के बजाय किसी नये लड़के से मैरिज करने का तय किया। इसी बीच 2014 में मैंने हैल्थ केयर फ्रेंड (http://www.healthcarefriend.in/) पर डॉ. पुरुषोत्तम मीणा निरंकुश जी का एक आर्टिकल बढा। जिसमें बिना सीजर के इजी एंड सेफ डिलेवरी के बारे में लिखा था। नीचे डॉ. साहब का मो. नं. 9875066111 लिखा था। मैंने तुरंत काल किया। डॉ. साहब के बजाय किसी दूसरे व्यक्ति ने पिक किया और मुझे बताया कि डॉ. साहब किसी मीटिंग में स्पीच दे रहे हैं। मुझे भी वोइस सुनाई दे रही थी। मुझे लगा कम से कम यह बंदा चोर-उचक्का तो नहीं है। सोशल स्टेटस वाला बंदा है। मैंने दूसरे दिन फिर काल किया तो डॉ. साहब ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। बात शुरू होते से ही कट गयी।
आखिर तीसरे दिन डॉ. साहब से बात हुई। मैंने उन्हें बताया कि मुझे सीजर डिलेवरी नहीं चाहिये और बैबी भी चाहिये। साथ ही हो सके तो वैजाइना की लूजनेस भी कम करनी है। मुझे सरप्राईज हुआ डॉ. मीणा जी ने सभी प्रोब्लम को सोल्व करने की बात कही। मैंने खर्चा पूछा तो बोले पहले वाट्सएप पर अपनी डिटेल्स भेजें और खर्च की चिंता नहीं करें, बहुत कम लूंगा।
सारी जानकारी देने के बाद डॉ. साहब द्वारा मुझे कहा गया कि जो कुछ भी हुआ और जो हो रहा है, उसके बारे में जितना सच तथा सही बताओगी, उतना ही इलाज तथा समाधान के सफल होने की उम्मीद की जा सकती है। मुझे सारी बातों को 100 परसेंट कॉन्फीडेंसियल रखने का विश्वास दिलाया तो मैंने अपनी सारी स्टोरी खुलकर बता दी। इसके दो दिन बाद डॉ. साहब ने मुझे 48 मिनट तक मोबाईल पर जो कुछ काउनसिल किया। मैं उसे कभी नहीं भुला सकती। डॉ. साहब ने मेरे सोचने का तरीका ही बदल दिया। मेरा सारा भय खतम कर दिया और बोल दिया कि सब कुछ भूलकर बिना संकोच मैरीज करो, लेकिन फ्यूचर में अपने लाइफ पार्टनर के साथ धोखा नहीं करना। हो सके तो बॉय फ्रेंड्स से अभी से ही दूर रहो। पुरानी बातों को याद करने से लाभ नहीं, नुकसान ही हो सकता है। यदि अत्यधिक सेक्स इच्छा होगी तो उसका भी नेच्युरल उपचार है।
डॉ. साहब ने मुझे यह भी विश्वास दिलाया कि यदि बाई चांस मेरे होने वाले हसबैंड को कोई सेक्सुल प्रोब्लम हुई तो उसको भी संभाल लेंगे। वैजाइना की ल्यूजनेस कम करने के साथ ही हर हाल में विदाउट सीजर नॉर्मल डिलेवरी का विश्वास दिलाया। करीब 5 महिने के उपचार के बाद मेरी वैजाइना की ल्यूजनेस लगभग खतम हो गयी। ल्यूकोरिया भी ठीक हो गया। पेट (हाजमा) खराब रहता था, वो भी ठीक हो गया। सब कुछ ठीक हो गया, लेकिन सीजर डिलेवरी का थोड़ा सा भय अभी मन में था। मैंने डॉ. साहब की एडवाईस को नहीं मानकर अपने एक पुराने बॉय फ्रेंड के साथ यह जानने के लिये सेक्स किया कि क्या वाकई मेरी वैजाइना टाईट हो चुकी है? रिलेशन के बाद मेरा बॉय फ्रेंड तो बहुत खुश हुआ ही मुझे भी बहुत अच्छा लगा।
आखिर में 28 की उम्र में मई, 2015 में मैंने फैमिली द्वारा सिलेक्ट लड़के से अरेंज मैरिज कर ली। मैरीज से पहले मेरी डॉ. साहब से व्यक्तिगत रूप से मिलने की बहुत इच्छा थी। इसलिये मैंने डॉ. साहब को मैरिज में इनवाइट भी किया। लेकिन डॉ. साहब किसी मीटिंग के कारण नहीं आये या मीटिंग का बहाना बनाया पता नहीं, लेकिन मेरी मैरिज में नहीं आये। इसका उस समय मुझे दु:ख हुआ।
आखिर मुझ जैसी गंदी और धोखेबाज लड़की की जिन्दगी में सुहागरात का क्षण आ गया। मेरे स्मार्ट हसबैंड ने वैजाइना में अपना पैनिस 2-3 बार डाला और डिस्चार्ज हो गये। उनका पहला सेंटेंस था-''डार्लिंग सोरी, मेरी गलत हैबिट्स के कारण मेरी सेक्स पावर खतम हो चुकी है, बट आई प्राउड यू, इतनी एज में भी तुम्हारी वैजाइना इतनी टाइट है। आईएम लकी।''
पहले सेक्स के कुछ समय बाद पतिदेव निढाल होकर सो गये। बैड पर लेटे हुए मेरा दिमांग घूमने लग गया। सोचिये मुझे जैसी गंदी और धोखेबाज लड़की को पाकर मेरे हसबैंड द्वारा अपने आप को लकी मानना मुझे कैसा लगा होगा? मेरे मन में बहुत से विचार घूमने लगे।
फर्स्ट-मुझे खुशी हुई कि मेरी पुरानी जिन्दगी का मेरे हसबैंड को कभी पता नहीं चलेगा। मन ही मन मैंने डॉ. मीणा जी को दिल से थैंक्स बोला।
सेकण्ड-सेक्स पावरलेस हसबैंड मिलना, मुझे लगा कि मेरे कर्मों की सजा है। लेकिन तुरंत ही खुद को संभाला डॉ. मीणा जी के होते चिंता किस बात की?
थर्ड-क्या ये बंदा मुझे कभी प्रिग्नेंट कर पायेगा?
ऐसे न जाने कितने विचार घूमते रहे और सोचते-साचते नींद आ गयी। सुबह जागने पर ननदों और भाभियों की ठिठोली के बीच मैं अन्दर ही अन्दर रो रही थी। अचानक मुझे अन्दर अकेले में बुलाकर पतिदेव महोदय ने आदेश फरमाया-''रात को जो कुछ हुआ, उसके बारे में किसी को मत बताना, मैं अपना इलाज करवा लूंगा। एक बाबा हैं, जो बहुत अच्छी दवाई देते हैं।'' मन ही मन डर भी लगा कि कहीं कोई गलत मैडीसिन नहीं ले आये? अगली रात दवाई के सेवने के बाद सेक्स शुरू किया तो आधा घंटे तक मेहनत करने के बाद भी डिस्चार्ज नहीं हुआ। परेशान होकर अधूरा ही छोड़ दिया। एक घंटे बाद फिर कोशिश की तब डिस्चार्ज हुआ। बोले अब तो ठीक है। मैंने कहा क्या खाक ठीक है? आपने मुझे क्या समझ रखा है? कौनसी मैडीसिन लाये हो? कहीं कोई साइड इफैक्ट नहीं हो जाये? बोले जो होगा देखा जायेगा, तुम तो खुश हो ना? मैंने कहा नहीं, मैं ऐसे खुश नहीं हो सकती। आप ऐसी दवाई नहीं लेना कोई नेचुरल और सेफ मैडीसन लीजिये। बेशक आप सेक्स मत करो मैं वेट कर लूंगी।
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आखिर में, मैं पीहर लौटी तो मैंने डॉ. साहब को सारी कहानी बतायी। डॉ. साहब की एडवाइस के मुताबिक मैंने एक झूंठी कहानी गढकर डॉ. मीणा जी का नम्बर अपने हसबैंड को दिया। डॉ. मीणा जी से उनकी बात हुई, उपचार शुरू हुआ और नवम्बर, 2015 तक मेरे हसबैंड 100% मर्द बन गये। इस बीच हम दोनों की डॉ. साहब से बात होने लगी। अब डॉ. साहब की सलाह के मुताबिक मुझे कंसीव (गर्भधारण) करना था। जनवरी, 2016 में मुझे कंसीव करने में सफलता मिली। दूसरे महिने से ही मैंने डॉक्टर साहब के 'प्रसव सुरक्षा चक्र' (http://www.healthcarefriend.in/2017/07/blog-post_18.html) की दवाईयों को अन्तिम दिन तक सेवन किया। ठीक समय पर नवम्बर, 2016 में बिना सीजर, बिना फाल्स लैबर पैन, बिना इंज्री, बिना परेशानी और लगभग बिना डॉक्टरी मदद के मैं एक स्वस्थ बेटे की मां बन चुकी हूं। मन ही मन अपने आप को लकी माना और मैंने डॉ. साहब के लिये भगवान से दुआएं मांगी। काश ऐसा डॉक्टर और एडवाईजर सबको मिले। डॉ. साहब की सलाह के मुताबिक मार्च, 2017 के पहले वीक में हमने डिलेवरी के बाद पहली बार सेक्स किया। मेरे हसबैंक को सरप्राईज हुआ और बोले-"तू तो वापस कुंवारी जैसी हो गयी! मजा आ गया।"
अन्त में सबसे बड़ा सवाल इस सबका खर्चा किना हुआ? फिगर (आंकडा) देने के बजाय मैं इतना ही कहूंगी कि बहुत ही कम खर्चा हुआ। इतना बता दूं कि मेरे इलाज, मेरे हसबैंड के इलाज और अन्त में प्रसव सुरक्षा चक्र पर कुल मिलाकर मेरी एक महिने की सैलेरी भी खर्च नहीं हुई। अब हम बहुत खुश हैं। बीच-बीच में डॉ. साहब से दुआ-सलाम करते रहते हैं।
डॉ. साहब कृपया आप मेरी इस स्टोरी को अपनी वेबसाइट पर डालने का कष्ट करें। जिससे दूसरे हम जैसे दु:खी लोग भी इंस्पायर हो सकें। खुद को अनलकी और ग्युल्टी मानने वाली एक लकी लड़की-बदला हुआ नाम 'प्रतिभा'।
डॉक्टर टिप्पणी: प्रतिभा और प्रतिभा के हसबैंड जैसी समस्याओं का सामना करने वाले युवक-युवतियां की संख्या असंख्य है। जो यौनशिक्षा की कमी, गलत संगत, अपराधबोध, अविश्वास, संकोच और गलत आदतों के कारण घुट-घुट कर जीने को विवश हैं। ऐसे लोगों के परिवार और जीवन बिखर रहे हैं। बड़ी संख्या में होने वाले तलाकों की छुपी वजह यौन सम्बन्धों में असंतुष्टि होता है। मेरे पास तकरीब हर दिन ऐसे अनेकों व्यथित युवक-युवतियां के काल आते रहते हैं। हम पर जो विश्वास कर लेते हैं, उनका उपचार हो जाता है और जो हम पर विश्वास नहीं कर पाते उनकी वे जानें। मैं इतना ही लिखूंगा कि यदि सही डॉक्टर को, सही समय पर, सच बताओगे तो शारीरिक और मानसिक व्यधियों और परेशानियों से मुक्ति सम्भव है! मैडम प्रतिभा के हसबैंड की स्टोरी भी बड़ी दर्दनाक और युवकों को सबक सिखाने वाली है। लेकिन उनकी अनुमति के बिना प्रकाशन नहीं किया जायेगा।-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'-85-619-55-619
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