>>>>>>>>ल्यूकोरिया (सफेद पानी या श्वेत प्रदर या Vaginal Discharge या Leucorrhea,) महिलाओं में होने वाली एक आम शिकायत है। ल्यूकोरिया (Vaginal Discharge) के लक्षणों को नजरअंदाज करने से यह गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है। यह रोग हर उम्र की महिलाएं (कुंवारी या शादीशुदा) को हो सकता है। कई बार शर्म की वजह से ल्यूकोरिया से ग्रस्त लड़कियां या महिलाएं इसे किसी को बताती नहीं हैं। जिसकी वजह से यह रोग और बढ़ जाता है। सामान्यत: ल्यूकोरिया बहुत ज्यादा पोषण की कमी और ताकत से ज्यादा थकाने वाले कामों की वजह से होता है। पर कई बार ये दिमागी परेशानी से भी हो सकता है। हालांकि श्वेत प्रदर को पोषण की कमी को दूर कर, अपनी लाइफ स्टाइल को सुधार कर काबू पाया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और इलाज के बारे में-
क्या है ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर या Vaginal White Discharge) : दरअसल योनि मार्ग (Vagina) में लैकटोबेसिल्स नामक तत्व के कारण एक हल्का पारदर्शी पानी सरीखा गीलापन बना रहता है। लैकटोबेसिल्स का काम योनि मार्ग अथवा Vagina के पानी की अम्लता को एक संतुलित स्थिति में बनाए रखना होता है। इसी अम्लता की वजह से योनि मार्ग में हानिकारक जीवाणुओं की वृद्धि नहीं हो पाती है, लेकिन कई वजहों से Vagina में सफेद पानी का स्राव बढ़ जाता है। इस स्थिति को ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर या Vaginal Discharge) और आम भाषा में सफेद पानी कहा जाता है।
सफेद पानी (ल्यूकोरिया या Vaginal Discharge) का निकलना कई मामलों में बढ़ सकता है। जैसे कि लड़कियों में मासिक चक्र शुरू होने के बाद, मासिक चक्र के पहले, दो मासिक चक्र के बीच के दिनों में, सेक्सुअली उत्तेजना के समय या इसके बाद, गर्भावस्था में, कॉपर टी. या मल्टीलोड गर्भ-निरोधक लगा होने पर।
ल्यूकोरिया या Vaginal Discharge के लक्षण : जब सफेद पानी (Vaginal Discharge) अधिक गाढ़ा, मटमैला और लालिमा लिए हुए हो, इसमें चिपचिपापन और बदबू आनी शुरू हो जाए तो यह बीमारी की गंभीरता की ओर इशारा करती है। इसमें रोगी के हाथ पैर, पिंडलियां, घुटनों और पैर की हड्डियों में काफी दर्द होता है, हाथ-पैरों में जलन, सिर दर्द, स्मरण शक्ति में कमी या चक्कर आना, शरीर में कमजोरी, पेड़ू में भारीपन, कमर दर्द, शरीर टूटना, कैल्शियम की कमी, खून की कमी, चेहरे का पीला पडऩा, आंखों का काला होना, चेहरा धंस जाना भूख न लगना, चिड़चिड़ापन, किसी काम में मन न लगना, सिर के बालों को अधिक मात्रा में गिरना, आंखों की रोशनी का कम होना, कब्जियत बना रहना, बार-बार मूत्र आना, योनि (Vagina) का गीला रहना, योनि में खुजली या जलन होना, योनिगंध, योनिशूल आदि होना ल्यूकोरिया के लक्षण होते हैं। कई बार Vaginal Discharge से योनिद्वार में जख्म हो जाता है, इसके अलावा चरपराहट और जलन भी होने लगती है।
श्वेत प्रदर या Vaginal Discharge के कारण : कई बार महिलाओं की लाइफ स्टाईल भी ल्यूकोरिया की वजह बनती है। देखा गया है कि आलस्य भरी जीवनशैली, मांस, मछली, अंडा, शराब, चाय, काफी जैसी उत्तेजक और चटपटे खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन, कामोत्तेजक और अश्लील साहित्य, अधिक सेक्स करना, एक से ज्यादा सेक्स पार्टनर होना, मासिक धर्म की अनियमितता, छोटी उम्र में गर्भ धारण या बार-बार गर्भपात होना आदि से ल्यूकोरिया हो सकता है। इसके अलावा भीतरी योनि में फोड़ा, फुन्सी या रसूली का होना अथवा ट्राइकोमोनास वेजाइनल या फंगस भी इसका कारण हो सकता है।
ल्यूकोरिया का आसान इलाज : मेरा निजी अनुभव है कि कमोबेश (More or Less) सभी महिलाओं में प्रदर रोग पाया जाता है। मेरे पास कुल काल्स में से 90% प्रदर के बारे में ही होते हैं। यह बीमारी महिलाओं के शरीर को बेहद कमजोर कर देती है और अनेक अन्य बीमारियों को पैदा कर देती है। जैसे त्वचा में रूखापन, गालों में गड्ढे, कमर दर्द, सेक्स में अरुचि, घुटनों में दर्द, पाचन में गड़बड़ी, चिड़चिड़ापन आदि। इसका एक बेहद सरल इलाज है।
इलाज : कौंच जिसमें कैल्शियम, फास्फोरस, लौह तत्व, प्रोटीन, गंधक और गेलिक एसिड (Gallic Acid) पाया जाता है। यद्यपि सबसे बड़ी समस्या है कौंच के पाउडर में और बीजों में मिलावट या ताजा नहीं मिलना। फिर भी आप घर पर ही उपचार करना चाहें तो कौंच के बीज लीजिये। उनको शोधित करके उनका पावडर बना लीजिये। बस इसी पावडर को ठीक नहीं होने तक सुबह शाम 2-2 ग्राम में दूध या पानी से निगल लीजिये। अधिकतर स्त्रियों को इससे लाभ मिलता है। प्रदर से रोगमुक्त होने के बाद रोज 3 महीने तक अश्वगंधा का 3 ग्राम पावडर पानी से निगल लिया जाये तो शरीर की सारी खोई हुई ताकत वापस आ जायेगी।
परामर्श : 10 AM से 10 PM के बीच। Mob & Whats App No. : 9875066111
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ReplyDeleteइस विषय पर बेहतरीन हिंदी पोस्ट (Hindi Articles) है आपकी. हार्दिक साधुवाद...
ऐसे ही अन्य विषयों, जैसे 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga)' पर मेरे लेख देखिए...
Lyukoriya grsit mahila ke sath smbhog ke nuksaan
ReplyDeletehashmi herbal lady care capsule is best for leucorrhoea treatment.
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ReplyDeleteHormonal imbalance is another major cause behind this condition. Natural leucorrhoea treatment is designed to restore the hormonal balance in female body. When you have the optimal hormonal balance, you can expect to have a healthy reproductive system with less number of problems.
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